कोचांग के सुखराम हत्याकांड में शक के घेरे में PLFI उग्रवादी, पत्थलगड़ी समर्थकों पर भी नजर Ranchi News
इस मामले में दो हत्यारों में एक का नाम पुलिस के हाथ लगा है। हालांकि अभी पूरा खुलासा करने से पुलिस टीम बच रही है। पत्थगलड़ी समर्थकों की भूमिका पर नजर रखी जा रही है।
रांची, राज्य ब्यूरो। खूंटी जिले के कोचांग में कभी पत्थलगड़ी समर्थकों के अगुवा नेताओं में पहली पंक्ति में शामिल रहे सुखराम मुंडा की हत्या की पहेली पुलिस के सामने सुलझती दिख रही है लेकिन इसका खुलासा करने से पहले अभी कई अहम पड़ताल होनी है। पुलिस को अब तक मिले सुराग के अनुसार उग्रवादी संगठन पीएलएफआइ शक के घेरे में है, लेकिन पत्थलगड़ी समर्थक लोगों की नाराजगी भी मौत में अहम भूमिका निभा रही है। पुलिस का यह भी मानना है कि भले ही पत्थलगड़ी करानेवाले लोगों ने सुखराम को न मारा हो लेकिन उसके खिलाफ साजिश में इनकी भूमिका रही है।
क्षेत्र में पुलिस पिकेट खुलने में सुखराम का नाम आ रहा है और यही मौत की सबसे अहम वजह है। पुलिस मुख्यालय के सूत्रों के अनुसार हत्या करनवाले युवक और उसके सहयोगी में से एक का नाम पुलिस को पता चल चुका है और उसका नाम डीएस पूर्ति है। दूसरे की जानकारी इकट्ठा की जा रही है। हालांकि अभी तक जिला पुलिस कुछ भी कहने से परहेज कर रही है। सुचनाएं पुख्ता होने के बाद ही आगे बढ़ाई जाएंगी।
कोचांग के जिस इलाके में सुखराम की हत्या हुई वहां पीएलएफआइ के साथ-साथ माओवादियों की भी सक्रियता समय-समय पर रही है और हाल के दिनों में सर्वाधिक एक्टिव पत्थलगड़ी समर्थक रहे हैं। ऐसे में जिला पुलिस सभी तथ्यों को जोड़कर किसी निष्कर्ष पर पहुंचने की कोशिश में है। इसके बाद ही किसी तरह की जानकारी दी जाएगी। पुलिस मुख्यालय सूत्रों के अनुसार हत्या की वजह स्पष्ट है लेकिन शामिल लोगों के नाम उजागर होने के बाद ही कुछ स्पष्ट कहा जा सकता है।
एक महत्वपूर्ण बात यह भी है कि अगर किसी पत्थलगड़ी समर्थक ने इस कार्रवाई को अंजाम दिया है तो इस लड़ाई में अपने ही साथी की बलि लेने का यह पहला मामला होगा। जिन दो लोगों ने सुखराम की हत्या की उनके नाम का खुलासा शीघ्र होने का अनुमान है। इनमें से एक का नाम डीएस पूर्ति होने की बात कही जा रही है। इसके पूर्व भी पूर्ति समुदाय के लोगों का पीएलएफआइ से करीबी रिश्ता रहा है।
ये बने सुखराम की हत्या के कारण
- पूरी तरह से पुलिस के प्रभाव से मुक्त इलाके में पिकेट बनवाने में सुखराम की भूमिका अहम रही।
- पिकेट से उग्रवादियों की गतिविधियों पर लगाम लगी तो पत्थलगड़ी समर्थकों पर भी गाज गिरी।
- कोचांग दुष्कर्म मामले में आरोपितों को सजा सुनाए जाने से क्षेत्र में पुलिस समर्थकों के खिलाफ आक्रोश।
- विधानसभा चुनाव से पहले अपनी धमक दर्ज कराने पर आमादा हैं उग्रवादी संगठन के लोग।