Jharkhand HC: छुट्टी मांगी तो कर दिया बर्खास्त, अब हाई कोर्ट ने निदेशक के वेतन पर लगाई रोक
Jharkhand High Court. एकलपीठ ने बर्खास्तगी के आदेश को निरस्त कर दोबारा निर्णय लेने का दिया था आदेश नहीं हुआ पालन। सिमडेगा के पायलट प्रोजेक्ट ऑफिसर के वेतन पर रोक।
रांची, राज्य ब्यूरो। झारखंड हाई कोर्ट के जस्टिस डीएन पटेल की अदालत ने कोर्ट के आदेश का अनुपालन नहीं किए जाने पर कड़ी नाराजगी जताई है। मामला पत्नी के इलाज के लिए छुट्टी पर गए व्यक्ति को बर्खास्त करने से संबंधित है जिसमें कोर्ट ने प्रार्थी को बहाल करने पर निर्णय लेने का आदेश दिया था। गुरुवार को अदालत ने उद्योग (रेशम) विभाग के सहायक निदेशक और सिमडेगा के पायलट प्रोजेक्ट ऑफिसर के वेतन पर रोक लगा दी है। मामले में अगली सुनवाई 25 जुलाई को होगी।
सुनवाई के दौरान प्रार्थी सुरेश लाल की अधिवक्ता चैताली सिन्हा ने अदालत को बताया कि उन्होंने पत्नी के इलाज केलिए छुट्टी ली थी। इलाज में देरी की वजह से छुट्टी की अवधि को बढ़ाया था। कीटपालक सुरेश को वापस आने पर ज्वाइन नहीं करने दिया गया और विभागीय कार्यवाही करते हुए 2013 में बर्खास्त कर दिया गया। इस आदेश को चुनौती दी गई। एकलपीठ ने बर्खास्तगी के आदेश को गलत बताते हुए उसे निरस्त कर दिया और फिर से इस मामले में निर्णय लेने का निर्देश दिया।
विभाग की ओर से कोई कार्रवाई नहीं होने पर 2018 में अवमानना याचिका दाखिल की गई। अदालत को बताया गया कि एकलपीठ के आदेश पर अभी तक निर्णय नहीं लिया गया है, जिसके बाद अदालत ने नाराजगी जताई और दोनों अधिकारियों के वेतन पर रोक लगा दी है। अदालत ने इस मामले में आदेश के अनुपालन के संबंध में शपथ पत्र दाखिल करने का निर्देश दिया है।