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बैंक, डाकघर और बीमा क्षेत्रों में काम रहा ठप, कारोबार प्रभावित

बैंक, डाकघर और बीमा क्षेत्रों में दूसरे दिन भी हड़ताल की वजह से काम ठप रहा। इससे व्यापारियों को काफी परेशानी का सामना करना पड़ा।

By JagranEdited By: Published: Thu, 10 Jan 2019 02:11 AM (IST)Updated: Thu, 10 Jan 2019 02:11 AM (IST)
बैंक, डाकघर और बीमा क्षेत्रों में काम रहा ठप, कारोबार प्रभावित
बैंक, डाकघर और बीमा क्षेत्रों में काम रहा ठप, कारोबार प्रभावित

जागरण संवाददाता, रांची : बैंक, डाकघर और बीमा क्षेत्रों में दूसरे दिन भी हड़ताल की वजह से काम ठप रहा। एलआईसी और जेनरल इंश्योरेंस बीमा कंपनियों में भी कोई काम नहीं हुआ। झारखंड ग्रामीण बैंक की शाखाएं भी बंद रहीं। सेंट्रल ट्रेड यूनियन के आह्ववान पर बैंक और डाककर्मियों ने क्षेत्रीय कार्यालयों के समक्ष प्रदर्शन किया। पहले दिन की ही तरह बैंककर्मियों ने बेफी और आईबीए के बैनर तले बीओआई मेन रोड और कांटाटोली पीएनबी क्षेत्रीय कार्यालय पहुंचे और अपनी मांगें रखीं।

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राहत की बात यह रही कि एसबीआई और निजी बैंक खुले रहे। गुरुवार से सभी बैंक, बीमा क्षेत्र और डाकघर खुल जाएंगे। इधर, हड़ताल का खामियाजा व्यापारियों को भुगतना पड़ा है। राजधानी के व्यापारियों ने बताया कि उनका पूरा व्यापार बैंकिंग पर टीका है। दो दिन लगातार बैंक बंद रहने से उन्हें लेनदेन में परेशानी का सामना करना पड़ा। साथ ही चेक क्लीयरेंस नहीं होने से उनका ऑर्डर भी अटका रहा। चैंबर अध्यक्ष दीपक मारू ने कहा कि बैंक बंद रहने से राज्यभर के व्यापारी परेशान रहे। साथ ही इसका कारोबार पर भी बुरा असर पड़ा।

बैंक इम्पलॉय फेडरेशन(बेफी) केंद्रीय समिति के सदस्य अभिजीत मल्लिक और एआईबीईए के सह सचिव उमेश दास ने कहा कि दो दिवसीय हड़ताल सफल रहा है। कहा कि अगर उनकी मांगें नहीं मानी जाती है तो आगे भी वे इस तरह की हड़ताल करेंगे। झारखंड ग्रामीण बैंक इम्प्लॉय यूनियन के अध्यक्ष आरके सहाय ने बताया क्षेत्रीय बैंक की 240 शाखाएं बंद रहीं। कोई व्यवसाय नहीं हुआ। कुल मिलाकर बैंक का करीब 500 करोड़ का कारोबार प्रभावित हुआ। करोड़ों का लेनदेन प्रभावित : यूनियनों का दावा है कि बैंक और डाककर्मियों की हड़ताल से पूरे राज्य में 2200 करोड़ से अधिक का कारोबार प्रभावित रहा है। अकेले राजधानी में 820 करोड़ का कारोबार प्रभावित रहा है।

इन बैंकों में लटके रहे ताले : हड़ताल के कारण राजधानी की सैकड़ों शाखाएं बंद रहीं। वहीं राज्य की हजार से अधिक बैंक शाखाओं पर भी ताला लटका रहा। बैंक ऑफ इंडिया, देना, विजया, बैंक ऑफ बड़ौदा, इलाहाबाद बैंक, केनरा, यूनाइटेड बैंक, यूको बैंक, पीएनबी, इंडियन बैंक की शाखाएं बंद रहीं। हड़ताल के दिन भी खुले रहे ये बैंक

एसबीआई, इंडियन ओवरसीज बैंक, एचडीएफसी, इंडसलैंड, एक्सिस, बंधन बैंक हड़ताल में ये हुए शामिल

इस हड़ताल में ऑल इंडिया इंश्योरेंस इंप्लॉय एसोसिएशन, ऑल इंडिया एलआईसी इंप्लॉय फेडरेशन, क्षेत्रीय ग्रामीण बैंक, रिर्जव बैंक, कोऑपरेटिव बैंक के कर्मी भी हड़ताल में शामिल हुए। पिछले 20 दिनों में चार दिन हड़ताल पर रहे बैंक कर्मी

पिछले 20 दिनों में बैंक कर्मी चार दिन हड़ताल पर जा चुके हैं। वहीं इन 20 दिनों में सिर्फ 11 दिन ही बैंक खुले हैं। मतलब आधे दिन बंद रहे। इससे पहले 21 व 26 दिसबंर को यूनियन के कर्मी सांकेतिक हड़ताल पर गए थे। जिसके कारण राज्यभर के बैंक बंद थे और जिसके कारण ग्राहकों को काफी परेशानी का सामना करना पड़ा था। डाकविभाग को 4 करोड़ का राजस्व घाटा

हड़ताल के पहले और दूसरे दोनों दिन जीपीओ, मुख्य डाकघर समेत राज्यभर के सभी डाक घरों में ताला लगा रहा। वहीं इस हड़ताल से जहां विभाग को 4 करोड़ के राजस्व का नुकसान हुआ। वहीं इस दौरान राज्य में 200 करोड़ का लेनदेन भी प्रभावित रहा। गुरुवार को सभी डाकघर खुले रहेंगे। मुख्य डाक अध्यक्ष झारखंड परिमंडल शशि शालिनी कुजूर ने बताया कि दो दिन की हड़ताल के कारण विभाग को लगभग 4 करोड़ का राजस्व घाटा हुआ है। हड़ताल के दौरान स्पीड पोस्ट, पार्सल, मानी ऑर्डर व आरएमएस के काम पूरी तरह से प्रभावित रहे। हड़ताल में ये हुए शामिल

गौतम विश्वास, धमर्ेंद्र कुमार, अरुण कुमार, एसके सिंह, नवल किशोर, बीबी तिवारी, पंचरत्न ठाकुर, अमरेंद्र कुमार, बिनोद पंडित, सरोज खोया, राकेश तिवारी, राजेश ताती, एनके मंडल, सुशील कुमार, एसके वर्मा, शमीम अख्तर, राजीव रंजन, बिरसा उराव, विश्वजीत बोस, शिबू कुजूर, अमिता मिंज, रविन्द्र कुम्हार आदि


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