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प्रादेशिक गो सेवा की बैठक में पहुंची राज्यपाल

शनिवार को रांची में प्रादेशिक गो सेवा संघ की बैठक का आयोजन किया गया। जहां राज्य भर से गोसेवक पहुंचे। राज्यपाल द्रौपदी मुर्मू ने अपने भाषण में गो संरक्षण और जैविक खेती पर बल दिया।

By JagranEdited By: Published: Sun, 16 Dec 2018 07:49 AM (IST)Updated: Sun, 16 Dec 2018 07:49 AM (IST)
प्रादेशिक गो सेवा की बैठक में पहुंची राज्यपाल
प्रादेशिक गो सेवा की बैठक में पहुंची राज्यपाल

जागरण संवाददाता, रांची :

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राज्यपाल द्रौपदी मुर्मू ने कहा कि गोमाता और गंगा माता को हम पूजते आए हैं। 33 करोड़ देवी-देवता गो माता में विराजमान हैं, जिसे हम मा के रूप में देखते हैं। गाय की महत्ता को समझ उसका संरक्षण करना जरूरी है। गाय की पूजा के पीछे यही परिकल्पना है। अमृत की तरह दूध से जिस तरह गाय हम मानवों का पोषण करती है, इस ऋण को आसानी से नहीं उतारा जा सकता है। अगर गो संपन्न नहीं है, तो हम भी संपन्न नहीं होंगे।

गाय के चारे के लिए पहले गोचर भूमि रखी जाती थी। आज हमारे यहा गोचर भूमि नहीं है। आज गोबर की खाद नहीं मिल रही है। गोमूत्र गोबर द्वारा खेती से जो अनाज होता है, वह शरीर को फायदा देता है। हमें जैविक खेती को बढ़ावा देना चाहिए। गोचर भूमि को सुरक्षित रखना होगा। पहले गाव-गाव में काजी हाउस हुआ करता था।

राज्यपाल शनिवार को होटल चाणक्या बीएनआर में झारखंड प्रादेशिक गोशाला संघ की बैठक में राज्यभर की 27 गोशालाओं के अध्यक्ष-सचिव व अन्य पदाधिकारियों को संबोधित कर रही थीं।

उन्होंने कहा कि खेत और गाय एक दूसरे से पूरक हैं। गाय, गीता, गंगा, गायत्री आदि का नाम हमें हर दिन सुबह लेना चाहिए। मनुष्य इस सृष्टि का सर्वश्रेष्ठ प्राणी है, लेकिन हम अपनी धरती से प्यार करना छोड़ दिए हैं। हमें अपनी धरती बचानी है तो आर्गेनिक खाद का इस्तेमाल करें।

उन्होंने प्रादेशिक गोशाला की मांगों पर कहा कि इसके लिए जो भी होगा, काम किया जाएगा। सरकार से भी बात की जाएगी। उन्होंने इस ओर भी ध्यान दिलाया कि आज जमीन का डिजिटलाइजेशन हो रहा है, लेकिन इससे दिक्कत यह है कि इसमें हर जमीन प्लॉट संख्या में बदल गई है।

झारखंड प्रादेशिक गोशाला संघ के अध्यक्ष राज कुमार अग्रवाल ने झारखंड सरकार से माग की जिस तरह देश के उत्तराखंड और हिमाचल प्रदेश ने गौमाता को राष्ट्रमाता घोषित किया है उसी तरह झारखंड सरकार भी गौमाता को राष्ट्रमाता घोषित किया जाए। उन्होंने झारखंड में गौ सेवा आयोग का गठन जल्द से जल्द करने की अपील की। उन्होंने सरकार से अनुरोध किया कि गौशाला गोचर भूमि की व्यवस्था करे, जिससे गायों को पौष्टिक हरा चारा मिल सके। काजी हाउस का भी निर्माण हो। झारखंड के सभी जिलों में 657 पशु डॉक्टर होने के बावजूद भी गोशालाओं में गायों के इलाज के लिए डॉक्टरों को नहीं भेजा जाता है।

उन्होंने बताया कि गोशाला सेवा का कार्य कर रही है। सरकार गोशालाओं की मदद करे। आधारभूत संरचना को मजबूत बनाने के लिए सरकार आगे आए। अग्रवाल ने कई मांग सामने रखी। उन्होंने कहा कि आज हम खेतों में यूरिया का इस्तेमाल करते हैं। धरती को जहरीला बनाते हैं और फिर बीमारी को आमंत्रित करते हैं। अपने देश में अरबों रुपया दवा पर खर्च होता है। यह सब बीमारी यूरिया की देन है। सरकार ने जैविक खाद पर जोर दिया, लेकिन आगे कोई काम नहीं हुआ। सरकार गोशालाओं से जैविक खाद खरीदे और किसानों को तीन साल तक मुफ्त में दे ताकि खेतों की उर्वरा शक्ति वापस आ सके।


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