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बैंक और टेलिकॉम कंपनी की मिलीभगत से हो रहा चेक क्लोनिंग का खेल

राजधानी रांची में क्लोन चेक से लाखों की अवैध निकासी के मामले में छह लोगों को हिरासत में लिया गया। पूछताछ में उन्हें जेल भेजा गया है। पुलिस का कहना है कि बैंक और टेलीकॉम कंपनी की मिलीभगत से चेक क्लोनिंग की जा रही थी। पुलिस जांच में जुटी है।

By JagranEdited By: Published: Sat, 01 Dec 2018 01:33 AM (IST)Updated: Sat, 01 Dec 2018 01:33 AM (IST)
बैंक और टेलिकॉम कंपनी की मिलीभगत से हो रहा चेक क्लोनिंग का खेल
बैंक और टेलिकॉम कंपनी की मिलीभगत से हो रहा चेक क्लोनिंग का खेल

जागरण संवादाता, रांची : राजधानी रांची में क्लोन चेक से लाखों की अवैध निकासी के मामले में छह आरोपितों को पुलिस ने जेल भेज दिया है। जेल भेजे गए मास्टरमाइंड संतोष चौरसिया के खुलासे से पुलिस हैरत में है। पुलिस की जांच में सामने आया है कि इस चेक क्लोनिंग से रुपये उड़ाने के खेल में एसबीआई (स्टेट बैंक ऑफ इंडिया) और टेलिकॉम कंपनी बीएसएनएल (भारत संचार निगम लिमिटेड) के कर्मियों की मिलीभगत है। बैंक अधिकारी खाताधारकों का डाटा लीक कर रहे हैं। वहीं बैंक के खाते से जुड़े एसएमएस अलर्ट और नंबर वेरीफिकेशन के लिए दिए गए नंबरों को बंद कर दूसरा सिम एक्टिवेट करने में बीएसएनएल कर्मियों का फोन तक बंद कर दिया जा रहा है।

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पुलिस को इससे संबंधित दो महत्वपूर्ण साक्ष्य हाथ लगे हैं। जिसमें मोबाइल ठगी के शिकार चडरी निवासी ठेकेदार चंद्रकांत के मोबाइल नंबर 9431359605 पर हेर-फेर किया गया है। वहीं समाजवादी पार्टी के नेता सह ठेकेदार मनोहर यादव का मोबाइल नंबर 9431173364 को बंद कर क्लोन चेक से रुपये की निकासी की गई। पुलिस ने इस पूरे प्रकरण की तह तक जांच करने की कार्रवाई शुरू कर दी है। इन्हें भेजा गया जेल

पटना से चल रहे चेक क्लोनिंग गिरोह से जुड़े छह आरोपितों को जेल भेजा गया है। मास्टरमाइंड पलामू के मंझियांव निवासी संतोष चौरसिया, पलामू निवासी अक्षय कुमार, लापुंग के देवगांव निवासी संतोष कुमार महतो, कांके डैम साइड गांधीनगर निवासी अभिषेक पांडे, मांडर निवासी संजय उरांव, पंडरा निवासी रवि यादव शामिल है। हालांकि पटना में गिरोह चलाने वाले सरगना विवेक कुमार और राकेश सिंह को गिरफ्तार करने पुलिस की टीम पटना जाएगी। कई ठेकेदार व व्यवसायी थे टार्गेट पर : पकड़े गए आरोपितों के पास से चार क्लोन चेकबुक बरामद किए गए हैं। इनमें समाजवादी पार्टी के नेता सह ठेकेदार मनोहर यादव सहित कई ठेकेदार व व्यवसायियों के चेक शामिल हैं। मनोहर यादव के तीन क्लोन चेक ालसाजों के पास से मिले हैं। जिसका सीरियल नंबर 265399, 265398 और 265397 है। जबकि तीनों चेक मनोहर यादव के पास सुरक्षित है। इससे पहले भी 22 नवंबर 2017 को उनके पास एक कॉल आया था। जिसमें क्लोन चेक से अवैध निकासी की कोशिश की गई थी। उस समय एसबीआइ मुख्य ब्रांच के शाखा प्रबंधक से शिकायत भी की गई थी। नौकरी का झांसा दे बना रहा था गिरोह : संतोष चौरसिया रांची में गिरोह तैयार कर रहा था। नौकरी का झांसा देकर वह गिरोह में युवकों को जोड़ रहा था। पंडरा निवासी रवि यादव ने पुलिस को बताया कि उसकी गिरफ्तारी इसलिए हुई, चूंकि उसने संतोष से नौकरी के लिए बातचीत की थी। इसके बाद एसबीआई कचहरी के पास से पहुंचा था। 'अब तक ऐसी कोई शिकायत नहीं मिली है। शिकायत मिलने पर दोषियों के खिलाफ कार्रवाई होगी।'

केके ठाकुर, स्टेट हेड बीएसएनएल, झारखंड। 'बैंक अधिकारियों की मिलीभगत संभव नहीं है। कर्मियों की चूक का जालसाज फायदा उठाते हैं। क्लोन चेक प्रकरण की बैंक स्तर से भी जांच होगी।'

सुनील गुप्ता, एजीएम, एसबीआइ जनरल बैंकिंग।


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