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बैंक की छपाई मशीन से ही बनता है क्लोन चेक

रांची में क्लोन चेक से 9.80 लाख रुपये की निकासी मामले की जांच के दौरान पुलिस ने गंभीर खुलासा किया है। अब चेक की क्लोनिंग करके अपराधी पैसे की जालसाजी कर रहे हैं।

By Edited By: Published: Fri, 30 Nov 2018 12:57 PM (IST)Updated: Fri, 30 Nov 2018 01:01 PM (IST)
बैंक की छपाई मशीन से ही बनता है क्लोन चेक
बैंक की छपाई मशीन से ही बनता है क्लोन चेक

रांची, जासं। राजधानी रांची में क्लोन चेक से 9.80 लाख रुपये की निकासी मामले की जांच के दौरान पुलिस को चौंकाने वाली जानकारियां मिली है। पुलिस की जांच में सामने आया है कि बैंक और टेलिकॉम कंपनी की गोपनीय कार्यो में जालसाजों का कब्जा है। जहां से बैंक चेक छपवाती है, वहीं से क्लोन चेक जालसाजों तक पहुंच रही है।

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टेलिकॉम कंपनी और बैंक से पर्सनल डाटा लीक किए जा रहे हैं। इसका खुलासा तब हुआ जब क्लोन चेक से लाखों रुपये उड़ाने वाले जालसाजी का मास्टरमाइंड संतोष चौरसिया पकड़ा गया। उसने पुलिस को बताया है कि उसके पास क्लोन चेक वहीं से आते हैं, जहां बैंक की चेकबुक छपाई होती है। उसी मशीन से चेक उनतक पहुंचती है। इसके लिए पटना का गिरोह सक्रिय है। जिसका नेटवर्क पूरे देश में फैला है।

संतोष चौरसिया मूल रूप से पलामू जिले के मंझियांव का रहने वाला है। पिस्का मोड़ में एक किराए के मकान में रहता है। रांची जिला के चार लोग भी धराए संतोष समेत छह लोगों को पुलिस ने हिरासत में लिया है। इनमें पलामू निवासी अक्षय कुमार, लापुंग के देवगांव निवासी संतोष कुमार महतो, रांची के कांके डैम साइड गांधीनगर निवासी अभिषेक पांडे, मांडर निवासी संजय उरांव, रांची के पंडरा निवासी रवि यादव शामिल है।

इनके पास से चार चेक और 50 हजार रुपये बरामद की गई है। सभी से पूछताछ की जा रही है। इन्हें पकड़ने में मुख्यालय वन एएसपी अमित रेणु, कोतवाली डीएसपी अजीत कुमार बिमल और कोतवाली इंस्पेक्टर श्यामानंद मंडल की महत्वपूर्ण भूमिका रही है। गिरोह के अन्य सदस्यों की तलाश में पुलिस छापेमारी कर रही है।

बैंककर्मी की मिली भगत एवं मोबाइल नंबर में हेरफेर कर कराते हैं सत्यापन : पुलिस की पूछताछ में सामने आई है कि जिस खाता धारक का क्लोन चेक मंगवाया जाता है, उनके खाते पर पूरा टास्क किया जाता है। बैंककर्मी की मिली भगत से खाताधारक का हर पर्सनल डाटा, हस्ताक्षर और मोबाइल नंबर लिया जाता है। इसके बाद खाताधारक के नंबर से मिलता-जुलता एक नंबर टेलिकॉम कंपनी की मिलीभगत से जारी करवाया जाता है।

उसी नंबर को आरटीजीएस के लिए दिए गए चेक में अंकित किया जाता है। जिसमें एसएमएस भेजकर रुपये ट्रांसफर कर दिए जाते हैं। दूसरा तरीका यह भी है, कि खाताधारक के अकाउंट से भी नंबर बदलवा देते हैं। ताकि रुपये ट्रांसफर करने के लिए फर्जी नंबर पर सत्यापन के लिए कॉल जाए।

अवैध निकासी कर 3 करोड़ रुपये जमा कर चुका है संतोष चौरसिया, लड़ेगा चुनाव: मास्टरमाइंड संतोष चौरसिया ने पुलिस से कहा है कि उसने क्लोन चेक के माध्यम से बैंक से अवैध निकासी कर तीन करोड़ रुपये जमा कर चुका है। उस रुपये से वह हटिया विधानसभा इलाके से चुनाव लड़ेगा। इसकी तैयारी कर रहा था। हाल में नई बुलेट बाइक खरीदी है। पांच कार चलती है।

जबकि वह पहले दूसरे की कार चलाकर अपनी जीविका चलाता था। अब उसे गिरोह के सदस्य मास्टरजी कहते हैं। ऐसे पकड़ में आए अपराधी : चडरी लाइन टैंक रोड निवासी ठेकेदार चंद्रकात कुमार के खाते से आरटीजीएस के माध्यम से 9.80 लाख के ट्रांसफर के लिए अभिषेक पांडे के खाते का इस्तेमाल किया था। संतोष चौरसिया ने ट्रांसफर के बाद निकासी के लिए कांके के बैंक ऑफ इंडिया ब्रांच में अभिषेक को भेजा।

बैंक से केवल पांच लाख रुपये ही निकाले गए। इसके बाद सारा पैसा अभिषेक से संतोष ने ले लिया। उसे केवल 50 हजार रुपये दिए गए। इस पूरे माजरे पर बैंक मैनेजर की नजर थी। बैंक मैनेजर दूसरे दिन अभिषेक के घर पहुंच गए। अभिषेक ने बैंक मैनेजर को पूरी बात बता दी कि दस फीसद कमिशन देने के बदले उसके खाते का इस्तेमाल किया जा रहा है।

पहले से सतर्क बैंक मैनेजर ने पुलिस को इसकी सूचना दे दी। दूसरे दिन रुपये लेने पहुंचे संतोष चौरसिया और उसके गिरोह के लोगों को पुलिस ने दबोच लिया। इस मामले के बाद पकड़ में आया गिरोह : चडरी लाइन टैंक रोड निवासी ठेकेदार चंद्रकात कुमार के खाते से 9.80 लाख रुपये की निकासी के बाद कोतवाली थाने में प्राथमिकी दर्ज कराई थी। उन्होंने पुलिस को बताया कि जिस चेक नंबर 976525 के इस्तेमाल से आरटीजीएस कर खाता से रुपये का ट्रांसफर किया गया है। वह चेक उनके चेकबुक में ही है।

बीते 27 नवंबर को उनके मोबाइल नंबर 9431359605 पर 9.80 लाख रुपये का आरटीजीएस का मैसेज मिला। आरटीजीएस अभिषेक कुमार पाडेय के नाम पर है। जिसका यूटीआर नंबर एसबीआइएनआर 52018112700068244 है। उनका कहना है कि इतनी बड़ी रकम का चेक पास करने से पहले खाता में अंकित मोबाइल नंबर पर सूचना दी जाती है। मगर बैंक कर्मियों ने खाता से जुड़े मोबाइल नंबर पर सूचना तक नहीं दी। बैंक अधिकारियों की मिलीभगत से ही यह जालसाजी हुई है।

जमीन का धंधा करने के लिए बनाया था पार्टनर : संतोष चौरसिया ने तीन से चार दिन पहले ही अभिषेक से दोस्ती की थी। दोस्ती के बाद उसे जमीन का धंधा करने के लिए साथ काम करने का ऑफर किया। उसको समझाया कि तुम्हारे खाते में रुपये भेजा जाएगा। हर निकासी पर दस फीसद का कमिशन दिया जाएगा। उसके झांसे में आकर अभिषेक ने अपने खाते में चंद्रकांत के खाते से रुपये का ट्रांसफर करने के लिए तैयार हो गया था।

करोड़ों रुपये की अवैध निकासी संतोष एवं उसके गिरोह के लोगों द्वारा करोड़ों रुपये अवैध निकासी किए जाने का मामला सामने आया है। सुखदेवनगर थाने से 20 लाख की अवैध निकासी का मामला सामने आया है। इसे लेकर बैंक ऑफ इंडिया के मैनेजर जयकांत लाल दास ने मामला दर्ज करवाया था। इसके अलावा संतोष ने 25 लाख एवं 3.20 लाख रुपये की अवैध निकासी मामले पर संलिप्तता स्वीकार की है। संतोष व उसके गिरोह के सदस्यों से पूछताछ जारी है।

चल रही है जांच : 'पकड़े गए लोगों से पूछताछ जारी है। कई पहलुओं पर जांच की जा रही है। रैकेट में कई लोगों की संलिप्तता हो सकती है।' अजीत कुमार विमल, डीएसपी कोतवाली रांची।


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