होमगाडर््स के वेतन मामले में एकलपीठ के आदेश पर रोक
रांची, राज्य ब्यूरो। झारखंड हाई कोर्ट ने एकलपीठ के उस आदेश पर रोक लगा दी है, जिसमें समान काम के लिए समान वेतन के सिद्धात के तहत होमगार्ड्स को पुलिस के न्यूनतम वेतन के अनुसार भुगतान करने के संबंध में सरकार को निर्णय लेने का निर्देश दिया गया था।
रांची, राज्य ब्यूरो। झारखंड हाई कोर्ट ने एकलपीठ के उस आदेश पर रोक लगा दी है, जिसमें समान काम के लिए समान वेतन के सिद्धात के तहत होमगार्ड्स को पुलिस के न्यूनतम वेतन के अनुसार भुगतान करने के संबंध में सरकार को निर्णय लेने का निर्देश दिया गया था। मुख्य न्यायाधीश जस्टिस अनिरुद्ध बोस व जस्टिस बीबी मंगलमूर्ति की अदालत ने सरकार की अपील पर सुनवाई करते हुए उक्त आदेश दिया है। मामले में अगली सुनवाई के लिए 28 जनवरी 2019 की तिथि निर्धारित की।
बीते बुधवार को हुई सुनवाई के दौरान महाधिवक्ता अजीत कुमार ने कोर्ट को बताया कि होमगार्ड्स का मानदेय झारखंड के पड़ोसी व अन्य राज्यों में किए जा रहे भुगतान का पूर्ण अध्ययन करने के बाद तय किया गया है। अभी उन्हें प्रतिदिन चार सौ रुपये के हिसाब से भुगतान किया जा रहा है। पंजाब और उत्तराखंड के मामले में आए निर्णयों का हवाला देते हुए उन्होंने सरकार के निर्णय को सही बताया और एकलपीठ के आदेश को निरस्त करने की माग की। इसके बाद अदालत ने एकल पीठ के आदेश पर रोक लगा दी।
दरअसल होमगार्ड्स को भी पुलिस की तरह पद तथा पुलिस के न्यूनतम वेतन के आधार पर दैनिक भुगतान करने का निर्देश सुप्रीम कोर्ट ने दिया है। इसी के तहत होमगार्ड्स ने झारखंड हाई कोर्ट में याचिका दाखिल कर सुप्रीम कोर्ट के आदेश का अनुपालन कराने की माग की थी। एकलपीठ ने सरकार को इस संबंध में निर्णय लेने का निर्देश दिया था। इसके बाद सरकार एकलपीठ के आदेश के खिलाफ अपील याचिका दाखिल की है।