मुख्यमंत्री ने किसानों के साथ डिनर में हाल-चाल पूछा, विकास का मंत्र भी दिया
रांची। मुख्यमंत्री रघुवर दास बुधवार की रात किसानों के साथ भोजन करने खेल गांव पहुंचे। यहा
रांची। मुख्यमंत्री रघुवर दास बुधवार की रात किसानों के साथ भोजन करने खेल गांव पहुंचे। यहां डिनर से पहले उन्होंने किसानों का हाल-चाल लिया। उनसे क्षेत्र की बात की और राज्य में योजनाओं के माध्यम से हो रहे बदलाव की चर्चा भी की। इस दौरान खेती-किसानी से संबंधित चर्चाएं अधिक हुई।
सीएम को बातचीत के दौरान सरकारी योजनाओं का फीडबैक भी मिला और उन्होंने किसानों को बताया कि कैसे स्थायित्व से विकास को हासिल किया जा सकता है। संदर्भ पूर्व की सरकारों से था जब किसी पार्टी को बहुमत नहीं मिलती थी। सीएम ने किसानों के लिए संचालित योजनाओं पर भी उनसे बातचीत की।
हाल के दिनों में इजरायल का दौरा कर चुके किसानों के अनुभव की भी चर्चा हुई। किस प्रकार इजरायल में ग्रीन हाउस के माध्यम से खेती को बढ़ावा मिल रहा है। सामुदायिक खेती और कैनोपी मैनेजमेंट को लेकर भी चर्चा हुई। राज्य के कृषि उत्पादों पर फोकस और किसानों की आमदनी की जानकारी भी उन्होंने ली।
कुछ सफल किसानों से मुख्यमंत्री ने उनकी सफलता का राज भी जाना और इसे दूसरों से बांटने को भी कहा। बातचीत के दौरान कुछ किसानों ने उनको अपनी समस्याएं भी बताई। सीएम ने उन्हें बताया कि किसानों के लिए अलग फीडर बनाया जा रहा है। समस्याएं दूर होंगी। मुख्यमंत्री यहां एक घंटे से अधिक समय तक रहे। इस दौरान कृषि मंत्री रणधीर सिंह और कई वरीय अधिकारी मौजूद थे।
झारखंड के किसानों के लिए विश्व बाजार को सामने लाएगा फूड समिट
एग्रीकल्चर एवं फूड समिट झारखंड के किसानों के लिए विश्व बाजार को सामने लाएगा। कृषि और किसान हमारी अर्थव्यवस्था की रीढ़ हैं। प्रधानमंत्री की अपेक्षा रही है कि सन 2022 तक इनकी आय दोगुनी की जाए। इसी क्रम में झारखंड के किसानों की खुशहाली के लिए ग्लोबल समिट का आयोजन किया जा रहा है। मुख्यमंत्री रघुवर दास ने यह बात मुख्यमंत्री आवास में आयोजित एक चर्चा के दौरान कही।
मुख्यमंत्री ने कहा कि झारखंड देश का दूसरा राज्य है जो इतने बड़े स्तर पर ग्लोबल एग्रीकल्चर और फूड समिट का आयोजन कर रहा है। इससे पहले केवल गुजरात में ही ऐसा आयोजन हुआ था।
यहा तक कि अविभाजित बिहार में भी ऐसा कोई ग्लोबल समिट कृषि पर आयोजित नहीं हुआ था। मुख्यमंत्री ने कहा कि यह ज्ञान आधारित युग है। हमें यह शिद्दत से सोचना होगा कि किसानों की आय किस प्रकार दोगुनी की जा सकती है कृषि की लागत को कम करना और इसके उत्पादन को अधिक से अधिक बढ़ाना हमारा उद्देश्य है। यह एक ऐतिहासिक समय है। न केवल सरकार बल्कि यहा की सवा तीन करोड़ जनता के सहयोग से ऐसा आयोजन किया जाना संभव हो पा रहा है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि मोमेंटम झारखंड की तरह ग्लोबल एग्रीकल्चर एवं फूड समिट आम आदमी के लिए शाम चार बजे से रात्रि आठ बजे तक खुला रहेगा। इसके लिए कोई शुल्क नहीं देना होगा। उन्होंने कहा कि हमारी सरकार किसानों को तकनीकी रूप से उन्नत करने एवं उनके ज्ञान को सुदृढ़ करने का प्रयास कर रही है। किसानों का दो दल इजरायल जा चुका है और अगला दल 100 किसानों का जाएगा, जिसमें 50 महिलाएं भी होंगी।
महिलाएं खेती व्यवस्था की रीढ़ :
मुख्यमंत्री ने कहा कि झारखंड की महिलाएं खेती व्यवस्था की रीढ़ हैं। पशुपालन के क्षेत्र में महिलाओं का योगदान सबसे अधिक है। गरीबी को दूर करना और बेरोजगारी को मिटाने के उद्देश्य से ही बड़े उद्योगों के बजाय कुटीर उद्योगों का जाल राज्य में बिछाया जा रहा है। झारखंड संभावनाओं से भरा हुआ राज्य है। कृषि, उद्योग व पर्यटन में संभावनाएं हैं। इस दौरान मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव डा. सुनील कुमार वर्णवाल ने कहा कि गुरुवार को 271 करोड़ के निवेश के साथ 50 उद्योगों का शिलान्यास होगा।