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कोलेबिरा विधानसभा उपचुनाव में झामुमो देगा मेनन एक्का को समर्थन

Colebeera assembly bypoll. कोलेबिरा विधानसभा उपचुनाव के लिए 20 दिसंबर को वोट डाले जाएंगे तथा 23 दिसंबर को मतगणना होगी।

By Sachin MishraEdited By: Published: Wed, 28 Nov 2018 02:45 PM (IST)Updated: Wed, 28 Nov 2018 07:09 PM (IST)
कोलेबिरा विधानसभा उपचुनाव में झामुमो देगा मेनन एक्का को समर्थन
कोलेबिरा विधानसभा उपचुनाव में झामुमो देगा मेनन एक्का को समर्थन

रांची, जेएनएन। कोलेबिरा विधानसभा उपचुनाव को लेकर सियासी माहौल गर्म होने लगा है। बुधवार को झारखंड मुक्ति मोर्चा (झामुमो) के रुख ने इसे और रोचक बना दिया। झारखंड मुक्ति मोर्चा के शीर्ष नेतृत्व ने मेनन एक्का को समर्थन देने की घोषणा की है। मेनन एक्का पूर्व विधायक एनोस एक्का की पत्नी हैं। हत्या के एक मामले में सजायाफ्ता एनोस एक्का विधानसभा की सदस्यता गंवा चुके हैं। इसी वजह से इस सीट पर उपचुनाव की नौबत आई है। 20 दिसंबर को यहां चुनाव होने हैं। मेनन एक्का झारखंड पार्टी की प्रत्याशी होंगी।

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बुधवार को समर्थन मांगने के लिए वह झारखंड मुक्ति मोर्चा के अध्यक्ष शिबू सोरेन के मोरहाबादी स्थित सरकारी आवास पहुंचीं। इस दौरान पार्टी के वरीय नेता उनके साथ थे। झारखंड मुक्ति मोर्चा के महासचिव विनोद पांडेय भी बैठक में मौजूद थे। मेनन एक्का ने शिबू सोरेन से समर्थन की गुहार लगाई। उन्होंने इसपर हामी भर दी और जीत का आशीर्वाद दिया। गौरतलब है कि मेनन एक्का ने तमाम दलों से समर्थन की अपील की है। संभावना प्रबल है कि अन्य विपक्षी दल भी मेनन एक्का को समर्थन देने की घोषणा कर सकते हैं।

महागठबंधन की राह में मील का पत्थर
कोलेबिरा विधानसभा उपचुनाव झारखंड में विपक्षी महागठबंधन के लिए मील का पत्थर साबित हो सकता है। झारखंड मुक्ति मोर्चा ने पूर्व में कोलेबिरा में प्रत्याशी देने का एलान किया था। बदली राजनीतिक परिस्थिति में कोलेबिरा का उपचुनाव रोचक होगा। विपक्षी महागठबंधन में छोटे दलों की एंट्री की राह इससे मजबूत होगी। एनोस एक्का का प्रभाव सिमडेगा और उसके समीपवर्ती इलाके में है। आगामी लोकसभा और विधानसभा चुनाव में उनकी भूमिका बड़ी हो सकती है। उपचुनाव के दौरान महागठबंधन में शामिल दलों की एका से आने वाले दिनों में इनके बीच बेहतर समझ पैदा होगी। हाल के दिनों में महागठबंधन की कवायद में लगे विपक्षी दलों के संबंध कड़वे हुए हैं। झारखंड मुक्ति मोर्चा के अध्यक्ष शिबू सोरेन ने कई मौके पर बगैर तालमेल के चुनाव लड़ने की घोषणा की है। कांग्रेस में भी इसे लेकर संशय की स्थिति है। ऐसे में कोलेबिरा दुविधा की स्थिति से विपक्षी खेमे को निकालने में मददगार साबित हो सकता है।

झापा के केंद्रीय उपाध्यक्ष ओमप्रकाश अग्रवाल स्पष्ट रूप से दावा कर रहे हैं कि कोलेबिरा में उनकी पार्टी बहुत मजबूत स्थिति में है और किसी दल के दरवाजे पर उनके प्रतिनिधि नहीं जाएंगे। हालांकि पार्टी की ओर से पहले ही सभी पार्टियों से सहयोग के लिए पत्र भेजा जा चुका है। यहां एनोस एक्का की पत्नी मेनन एक्का चुनाव लड़ने की घोषणा कर चुकी हैं। भाजपा भी उम्मीदवार तय करने से पहले विपक्षी दलों के रुख को भांप रही है। पिछले चार वर्षों में विपक्ष में होने के बावजूद एनोस एक्का की ओर से भाजपा का मुखर विरोध नहीं किया गया। इस कारण एक समीकरण इन दोनों पार्टियों के एक हो जाने का भी सामने आ रहा है।

जानिए, कब होगा कोलेबिरा विस उपचुनाव
उपायुक्त सह जिला निर्वाचन पदाधिकारी ने सोमवार को कोलेबिरा उपचुनाव की विधिवत अधिसूचना जारी कर दी है। इसके साथ ही जिलास्तर पर इससे संबंधित गजट का प्रकाशन कर दिया गया। इसके साथ ही नामांकन की प्रक्रिया शुरू हो गई है, जिसकी अंतिम तिथि तीन दिसंबर मुकर्रर की गई है। चार दिसंबर को आवेदनों की स्क्रूटनी होगी, जबकि छह दिसंबर तक नाम वापस लिए जा सकेंगे। 20 दिसंबर को वोट डाले जाएंगे तथा 23 दिसंबर को मतगणना होगी। भारत निर्वाचन आयोग के आदेश पर पिछले दिनों मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी ने निर्वाचन के कार्यक्रमों की घोषणा की थी। निर्वाचन की यह प्रक्रिया 26 दिसंबर तक पूरी कर ली जाएगी। 


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