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मार्च में होगा कडरू में 54 करोड़ से बन रहे हज हाउस का उद्घाटन

रिसालदार बाबा के उर्स के मौके पर कव्वाली मंच के उद्घाटन के दौरान सीएम ने की घोषणा

By JagranEdited By: Published: Mon, 26 Nov 2018 07:40 AM (IST)Updated: Mon, 26 Nov 2018 07:40 AM (IST)
मार्च में होगा कडरू में 54 करोड़ से बन रहे हज हाउस का उद्घाटन
मार्च में होगा कडरू में 54 करोड़ से बन रहे हज हाउस का उद्घाटन

जागरण संवाददाता, रांची : मुख्यमंत्री रघुवर दास ने कहा है कि कडरू में बन रहे हज हाउस का उद्घाटन अगले साल मार्च में किया जाएगा। 54 करोड़ की लागत से बन रहा हज हाउस देश का सबसे खूबसूरत होगा। रिसालदार बाबा के उर्स के मौके पर कव्वाली मंच के उद्घाटन के दौरान सीएम ने यह घोषणा की। उन्होंने यह भी घोषणा की कि दरगाह कमेटी की जमीन से अतिक्रमण हटाया जाएगा। वहा पर एक सीबीएसई स्कूल का निर्माण किया जाएगा।

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उन्होंने विपक्षी दलों पर निशाना साधते हुए कहा कि बाबा के दरबार पर कई राजनीतिक पार्टियों के नेता पहुंचे। लेकिन यहा की बुनियादी मुहैया नहीं कराई। राज्य सरकार ने इस मामले को गंभीरता से लिया। यहा पर 30 बेड का अस्पताल का निर्माण कराया। साथ ही सिलाई-कढ़ाई और कंप्यूटर सेंटर भी खोल दिया, ताकि गरीब इसका लाभ उठा सकें। चादर पेश कर सीएम ने रखी नए मजार की आधारशिला हजरत कुतुबुद्दीन रिसालदार बाबा की दरगाह पर चल रहे उर्स के मौके पर मत्था टेकने रविवार को मुख्यमंत्री रघुवर दास भी पहुंचे। उन्होंने बाबा के मजार पर चादरपोशी की। इसी बीच मुख्यमंत्री ने दरगाह कमेटी की जमीन पर बने सिलाई-सेंटर और 30 बेड के अस्पताल का उद्घाटन भी किया। साथ ही उन्होंने बाबा की मजार के पुनर्निमाण की आधारशिला भी रखी। चादरों से पटा बाबा का आस्ताना, उमड़े अकीदतमंद

रांची : हजरत कुतुबुद्दीन रिसालदार बाबा कीमजार पर चल रहे सालाना उर्स मेला अपने रंग में आ गया है। उर्स के चौथे दिन रविवार को अकीदतमंदों की भीड़ उर्स मेले में उमड़ पड़ी। चादर पेश करने के बाद बाबा के आस्ताने को चूम कर यही फरियाद कर रहा था कि मेरी भी मुराद पूरी कर दो.। इससे बाबा का अस्ताना रंग-बिरंगे चादरों से पट गया। गाजे-बाजे के साथ निकली सरकारी चादर

पूर्व निर्धारित कार्यक्रम के तहत अपराह्न साढ़े चार बजे दरगाह कमेटी के महासचिव फारूक के रिसालदार नगर से सरकारी चादर निकाली गई। गाजे-बाजे के साथ डोरंडा के विभिन्न इलाकों में गश्त करने के बाद शाम पाच मजारशरीफ पहुंचा। दुआ सलाम होने के बाद बाबा के मजार पर चादरपोशी की गई। इससे पहले महासचिव के घर पर मुम्बई के कवाली अनीस नवाब ने बाबा की शान में नज्म पेश किया। कहा कि तमाम नबियों में सबसे अफजल है रुतबा मेरे नबी का, जमीन से लेकर आसमान तक है चर्चा मेरे नबी का। इसे सुनकर लोग झूमने पर मजबूर हो गए। मौके पर दरगाह कमेटी के सदर हाजी रऊफ गद्दी, नसीम गद्दी, बब्लू पंडित, अली अहमद, सरफराज संपा, पप्पू खान समेत अन्य लोग मौजूद थे। अंधेरा होते ही दरगाह में जुटने लगी भीड़

रिसालदार बाबा का पाच दिवसीय के चौथे दिन रविवार को अकीदतमंदों की भीड़ बाबा के दरगाह में उमड़ पड़ी। बड़ी संख्या में बाबा के चाहने वालों ने उनकी दरगाह पर चादरपोशी की। चादरपोशी के बाद हर कोई बाबा से करम की फरियाद कर रहा था। चादरपोशी का सिलसिला रातभर चलता रहा। शाम ढलते ही उर्स मेले में भीड़ उमड़ पड़ी। कोई कव्वाली सुनने पहुंचा था तो कोई बाबा की मजार पर चादरपोशी करने। मेले में चाट, चौमिन और खिलौने की दुकानें लगाई गई थी। महिलाओं व बच्चों की भीड़ इन्हीं दुकानों पर ज्यादा नजर आयीं। बच्चों के मनोरंजन के लिए मेले में झूला लगाया गया था। जैप 1 के जवानों ने की दरगाह में चादरपोशी 10.30 बजे जैप-1 की ओर से चादरपोशी की गई। जैप 1 के कमाडेंट के नेतृत्व में निकाली गयी चादर हाइकोर्ट, डोरंडा बाजार, युनूस चौंक, खूंटी चौंक, होते हुए जेएपी-1 परिसर से मजार पहुंची। वहा पर जवानों ने बाबा को सलामी दी। इसके बाद राष्ट्रीय धुन बजाया गया। बाद में जवानों ने बाबा की दरगाह में चादरपोशी की। सुबह से जारी रहा लंगर का सिलसिला

उर्स के मौके पर मजार शरीफ में फज्र की नमाज के बाद कुरआनखानी का आयोजन किया गया। इसमें मदरसा गरीब नवाज के बच्चों एवं अन्य अकीदतमंदों ने कुरआन ए पाक की तिलावत की। दोपहर में कुल व फातिहा का आयोजन किया गया। मजार शरीफ में सुबह से ही लंगर का वितरण का सिलसिला जारी रहा। मुख्यमंत्री ने किया कव्वाली मंच का उद्घाटन

रिसालदार बाबा के उर्स के मौके पर दो दिवसीय कव्वाली मंच का उद्घाटन मुख्यमंत्री रघुवर दास ने किया। इसके बाद मुंबई के कव्वाल अनीस नवाब ने बाबा की शान में नज्म पेश की। कहा कि मैं अपना सोया मुकद्दर जगा के सोता हूं, रसूले पाक को नाते सुना के सोता हूं, इसीलिए तो मदीना दिखाई देता है, दरूदे पाक का तकिया लगा के सोता हूं। वहीं मुंबई के कव्वाल अजीम नाजा ने बाबा की शान में कहा कि सद मरहबा रसूल का रुतबा है अर्श पर, अल्लाह भी बुलाता है दीदार के लिए, नम हो रही है आख वह जाली को देखकर, बेचैन दिल है जाली के उस पार के लिए..। दोनों कव्वालों ने रातभर एक पर एक कलाम पेश किया, जिसे सुनकर लोग झूमने पर मजबूर हो गए।


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