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ख्रीस्त राजा के पर्व पर रांची में निकली भव्य शोभायात्रा

ख्रीस्त राजा के पर्व पर कैथोलिक अनुयायियों ने शोभायात्रा निकाली। हरमू रोड और पुरुलिया रोड चर्च की ओर से सैकड़ों लोग जुलूस में शामिल हुए।

By JagranEdited By: Published: Mon, 26 Nov 2018 07:30 AM (IST)Updated: Mon, 26 Nov 2018 07:30 AM (IST)
ख्रीस्त राजा के पर्व पर रांची में निकली भव्य शोभायात्रा
ख्रीस्त राजा के पर्व पर रांची में निकली भव्य शोभायात्रा

जासं, रांची : हे ºीस्त राजा तू हमारा राजा है, तेरा राज आवे, हम सभी विश्वासी चाहते हैं कि तू इस राज्य में आवे और हमारे दुखों को दूर करे,तू इकलौता राजा है जो सभी को समान भाव से देखता है। कुछ इस तरह के बैनरों को हाथों में लेकर कैथोलिक विश्वासियों ने ºीस्त राजा के पर्व पर रविवार को शहर में शोभायात्रा निकाली। रोमन कैथोलिक चर्च के हजारों विश्वासी समारोह में शामिल हुए। रोमन कैथोलिक के महत्वपूर्ण पर्व ºीस्त राजा के पर्व से पूरी राजधानी आलोकित हो रही थी।

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इस अवसर पर झारखंड के पारंपरिक वाद्य यंत्र मादर, ढोल, नगाड़ों की धुन के साथ शोभायात्रा आगे बढ़ रही थी। ºीस्त राजा के इस पर्व पर निकाली गयी शोभा यात्रा में आर्च बिशप फेलिक्स टोप्पो हाथों में मोन्ट्रेस लिए व सजे हुए रथ पर शामिल हुए।

दोपहर में निकली शोभायात्रा : शहर के पुरूलिया रोड स्थित संत मारिया चर्च से दोपहर 1 बजे ºीस्त राजा की शोभायात्रा निकाली गई, जिसमें कई पुरोहित धर्म भाई व बहनें भी शामिल हुईं। चर्च से निकलकर शोभायात्रा एक्सआइएसएस होते हुए प्लाजा चौक, लालपुर चौक, डंगराटोली चौक, पुरूलिया रोड होते हुए लोयला मैदान पहुंची, जहा सभा का आयोजन किया गया। ºीस्त राज्य पर मसीही यकीन करते हैं और प्रभु को ही अपना राजा मानते हैं।

शोभायात्रा दोपहर करीब दो बजे लोयला ग्राउंड पहुंची, वहा समारोह में आर्च बिशप फेलिक्स टोप्पो ने बेनेडिक्शन करवाया, इस दौरान डॉन बॉस्को पुरोहित फादर अशोक कुजूर ने कहा कि आज के समय में बुरी शक्तिया हावी हो रही हैं, ऐसे में आध्यात्मिक शक्ति बहुत जरूरी है। उन्होंने ख्रीस्त राजा को राजा चुने जाने के बारे में बताते हुए कहा कि अब ºीस्त राजा का राज्य आएगा, भेदभाव समाप्त हो जाएगा।

परी की वेशभूषा में शामिल हुईं बच्चियां: कई वाहनों पर यीशू मसीह की झाकी सजाई गयी थी। शोभायात्रा की अगुवाई चर्च के पुरोहित ने पारंपरिक परिधान में की।

पुरोहितगण व परी की वेशभूषा में बच्चियां शोभायात्रा की अगुवाई कर रहे थे। 8 से 12 वर्ष की लगभग 100 से अधिक बच्चियों के हाथों में फूलों से भरे थाल सजे हुए थे। थाल कैंडिल की रोशनी के साथ सुगंधित खुशबुओं से सराबोर थे। एक ही तरह के परिधान में सजी बालिकाओं ने शोभायात्रा को और आकर्षक बना दिया।


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