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कार्तिक पूर्णिमा पर स्वर्णरेखा नदी में श्रद्धालुओं ने लगाई आस्था की डुबकी

शुक्रवार को शहर के लोगों ने कार्तिक पूर्णिमा पर स्वर्णरेखा नदी में डुबकी लगाई। पहाड़ी मंदिर सहित विभिन्न मंदिरों में भक्तों की भीड़ देखी गई।

By JagranEdited By: Published: Sat, 24 Nov 2018 10:15 AM (IST)Updated: Sat, 24 Nov 2018 10:15 AM (IST)
कार्तिक पूर्णिमा पर स्वर्णरेखा नदी में श्रद्धालुओं ने लगाई आस्था की डुबकी
कार्तिक पूर्णिमा पर स्वर्णरेखा नदी में श्रद्धालुओं ने लगाई आस्था की डुबकी

संवाद सूत्र, रांची : गुरुपूर्णिमा के अवसर पर शहर के हजारों श्रद्धालुओं ने स्वर्णरेखा नदी में डुबकी लगाई। गुरुवार की देर रात से ही नदी तट पर लोगों को जुटाव शुरू हो गया था। स्नान करने के बाद नदी तट पर ही सत्यानारायण भगवान की कथा सुनी। इसके बाद इक्किशो महादेव मंदिर में पूजा-अर्चना की। पूजा-अर्चना के बाद दान पुण्य किया। नदी के आसपास मेले का माहौल था। मेला में सजावट, पूजा के सामान, खाने-पीने के सामान सहित बच्चों के लिए मनोरंजन के साधन थे। कार्तिक पूजा के मेले में नगर विकास मंत्री सीपी सिंह और खादी बोर्ड के अध्यक्ष संजय सेठ भी पहुंचे। उन्होंने मंदिर जाकर आशीर्वाद लिया। मेला परिसर में स्वर्णरेखा उत्थान समिति, स्वर्णकार संघ, भाजपा चुटिया मंडल और स्वर्णरेखा धाम समिति के और से सहायता शिविर का आयोजन किया गया था। स्वर्णरेखा उत्थान समिति के द्वारा श्रद्धालुओं के बीच निश्शुल्क चाय का वितरण किया गया।

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कार्तिक पूर्णिमा पर शहर के मंदिरों में उमड़े श्रद्धालु

कार्तिक पूर्णिमा पर शहर के मंदिरों में काफी भीड़ रही। पहाड़ी मंदिर में सुबह से श्रद्धालुओं का तांता लगा रहा। वहीं, श्रीलक्ष्मीवेंकटेश्वर मंदिर में भी कार्तिक मास के अंतिम तीन श्रद्धालुओं की भीड़ रही। प्रात: ब्रह्ममुहूर्त में श्रीभगवान का विश्वरूप दर्शन कराया गया। इसके बाद तिरू-आराधना की गई। श्रीवेंकटेश्वर सहित उनकी प्रेयसी श्रीश्रीदेवी, श्रीभूमिदेवी एवं आयुधवर चक्रराज सुदर्शन की तिरूमंजन सेवा की गई। सभी विग्रहों को पुष्पमालाओं से भव्य श्रृंगार एवं वस्त्राभूषण से दिव्य अलंकार कर, नक्षत्र: आरती, कुंभ आरती एवं कर्पूर की आरती की गई। भगवान् को पोंगल, खीर, फल और मेवा का बालभोग चढ़ाया गया। माना जाता है कि इस पूर्णिमा को जो भक्तिपूर्वक गंध, माल्य, वस्त्र, आभूषण आदि दान-मान से गो पूजा करते हैं, तो उन्हें ब्रह्मलोक की प्राप्ति होती है और जो भगवान् की अर्चना करते हैं तो भगवान् उन भक्त को अपने हृदय में समा लेते हैं। अर्चक: सत्यनारायण गौतम, गोपेश आचार्य एवं जगरनाथ जी ने अनुष्ठान सम्पन्न कराया। महाभिषेक के यजमान मुकेश-श्ेवता केजरीवाल थे। दिनभर का भोग सुनीता खोसला की ओर से था।

इनकी रही भागीदारी

रामअवतार नारसरिया, ओमप्रकाश केजरीवाल, विजयकान्त दुबे, राहुल सिंह, रजनी रंजन, मनोज कुमार, रविकान्त, चन्द्रशेखर, रामजनम प्रसाद, रंजन सिंह, किरण देवी, पूजा चौधरी, शिवशकर प्रसाद, अर्चना देवी, नवदीप गाड़ोदिया, एन. रामास्वामी, सुदर्शन भगत, पूजा शर्मा, सुरेन्द्र प्रसाद, श्रीनिवास नायडू, निरंजन किशोर, पूनम मिश्रा, संदीप सिन्हा, सुबोध शर्मा, विजय कुमार, मान सिंह, कीर्ति देवी।


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