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दिन में कम से कम दो घंटे मिलेगा पानी, प्रतिदिन होगी सप्लाई

रांची : पेयजल एवं स्वच्छता विभाग जल प्रबंधन की ओर कदम बढ़ा रहा है। राजधानी के जिन क्षेत्रों पानी नहीं आता है वहां कम से कम दो घंटे पानी की आपूर्ति की जाएगी।

By JagranEdited By: Published: Sat, 24 Nov 2018 06:29 AM (IST)Updated: Sat, 24 Nov 2018 06:29 AM (IST)
दिन में कम से कम दो घंटे मिलेगा पानी, प्रतिदिन होगी सप्लाई
दिन में कम से कम दो घंटे मिलेगा पानी, प्रतिदिन होगी सप्लाई

रांची : पेयजल एवं स्वच्छता विभाग जल प्रबंधन की ओर कदम बढ़ा रहा है। राजधानी के जिन क्षेत्रों में जलापूर्ति का कोई समय निर्धारण नहीं है, वहां के लिए समय का निर्धारण किया जाएगा। अभी वर्तमान में रुक्का से हटिया लाइन से जलापूर्ति किए जाने वाले क्षेत्रों में नए नियम बनाए गए हैं। विभाग द्वारा सूचना मिली है कि रुक्का-हटिया लाइन से पानी लेने वालों को प्रतिदिन कम से कम दो घंटे के लिए पानी मिलेगा। पानी मिलने के निश्चित समय पर अभी निर्णय नहीं लिया गया है।

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ज्ञात हो कि रुक्का-हटिया लाइन से पानी मिलने वाले क्षेत्र निवारणपुर, राजेंद्र चौक, कुसई कॉलोनी, तपोवन मंदिर आदि के पास अभी तक 24 घंटे पानी मिल रहा है। लेकिन अब ऐसा नहीं होगा। हटिया क्षेत्र के कार्यपालक अभियंता रेयाज आलम बताते हैं कि दिन भर की आपूर्ति से पानी की बर्बादी होती है। वहीं कुछ क्षेत्र ऐसे भी हैं जहां एक ही घंटे पानी दिया जाता है। उन्होंने बताया कि अन्य क्षेत्रों के पानी को कम कर प्रभावित क्षेत्रों में नियमित आपूर्ति की जाएगी।

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पानी की बचत कर संप से होगी सप्लाई -

जलापूर्ति के समय निर्धारण के बाद काफी मात्रा में पानी की बचत की जा सकेगी। इस पानी को डोरंडा स्थित संप में जमा किया जाएगा और वहां से डोरंडा बाजार के क्षेत्र में पानी की सप्लाई होगी। कार्यपालक अभियंता ने बताया कि अभी तक डोरंडा बाजार और आस पास के कुछ क्षेत्रों में महज एक घंटे के लिए जलापूर्ति होती है। संप में पानी के स्टोरेज के बाद वहां जलापूर्ति बेहतर हो जाएगी।

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समान आपूर्ति के लिए आठ जगह पर लगेंगे वॉल्व -

समान जलापूर्ति के लिए पाइपलाइन के आठ स्थानों पर वॉल्व लगेंगे। ये वॉल्व राजेंद्र चौक, निवारणपुर, कुसई, जैप मैदान के पास , विवेकानंद चौक आदि में लगेंगे। वॉल्व होने से पाइप में पानी की प्रवाह की दिशा तय हो सकेगी और विभाग अपनी मर्जी से किसी क्षेत्र में जलापूर्ति रोक या शुरू कर सकता है। अभी तक वॉल्व नहीं होने के कारण पानी की सप्लाई समान नहीं थी। ढलान होने के कारण निवारणपुर, कुसई, तपोवन और अन्य क्षेत्रों में पानी हमेशा होता था जबकि अन्य क्षेत्रों में पानी की किल्लत बनी रहती थी।


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