अहम होगा कोलेबिरा उपचुनाव, सत्ता पक्ष और विपक्ष लगाएगा पूरी ताकत
कोलेबिरा उपचुनाव को लेकर भले ही राजनीतिक दल अभी पत्ते नहीं खोल रहे हैं लेकिन उनकी तैयारी इस सीट पर जीत दर्ज कराने की है।
रांची, राज्य ब्यूरो। कोलेबिरा उपचुनाव को लेकर गुरुवार को चुनाव की तिथि की घोषणा हो गई। लोकसभा चुनावों से ठीक पहले होने वाला यह उपचुनाव कई मायने में काफी अहम होगा। मुख्य मुकाबले से पूर्व सत्ता पक्ष द्वारा किए गए विकास कार्यों की तो इस चुनाव में परीक्षा होगी ही, साथ ही विपक्ष के महागठबंधन को भी तह मिलेगी। चुनाव का परिणाम राजनीतिक दलों को उत्साहित या हतोत्साहित करने वाला हो सकता है।
एनोस एक्का के अयोग्य घोषित होने से खाली हुई कोलेबिरा सीट के लिए 26 नवंबर से नामांकन की प्रक्रिया शुरू हो जाएगी। लेकिन अब तक सत्ता पक्ष और विपक्ष के महागठबंधन की तरफ से प्रत्याशियों को लेकर पत्ते नहीं खोले गए हैं। प्रत्याशी कौन होगा स्थिति स्पष्ट नहीं है। कोलेबिरा सीट पर लंबे समय से झापा के एनोस एक्का का कब्जा रहा है।
यहां एनोस की जीत का अंतर लगातार बढ़ता रहा है। उपचुनाव में एनोस पत्नी मेनन एक्का को उतारने जा रहे हैं। इस सीट से पार पाना किसी भी राजनीतिक दल के लिए आसान नहीं है। भाजपा पिछले दो चुनावों से यहां नंबर दो की स्थिति में रही है। इस चुनाव में जीत की तमाम कोशिशें करने से पार्टी गुरेज नहीं करेगी। लेकिन विपक्षी गठबंधन बड़ा रोड़ा है। झामुमो और कांग्रेस का इस सीट को लेकर क्या रुख होगा, इसी पर सबकी निगाह टिकी हुई है। माना जा रहा है भाजपा विपक्षी दलों का रुख साफ होने के बाद ही अपने पत्ते खोलेगी।
भाजपा कोलेबिरा चुनाव विकास के मुद्दे पर लड़ेगी। जल्द ही कार्यकर्ताओं की रायशुमारी से प्रदेश चुनाव समिति प्रत्याशी का चयन करेगी। प्रतुल शाहदेव, प्रवक्ता, भाजपा
पिछले चुनावों के परिणाम
वर्ष - जीते -हारे - जीत का प्रतिशत
2005 - एनोस एक्का (झापा) थियोडोर किडो (कांग्रेस) 4.32
2009 - एनोस एक्का (झापा) महेंद्र भगत (भाजपा) 7.51
2014 - एनोस एक्का (झापा) मनोज नागेशिया (भाजपा) 14.25