तब ट्रक ड्राइवर का पीछा कर पुलिस ने मार दी थी गोली, अब डीएसपी समेत पांच पर चार्जशीट
तोपचांची में ट्रक चालक को गोली मारकर अवैध हथियार प्लांट करने के मामले में सीआइडी ने अदालत में चार्जशीट दाखिल कर दी है।
रांची, राज्य ब्यूरो। धनबाद के तोपचांची में ट्रक चालक को गोली मारकर उसके पास अवैध हथियार प्लांट करने के मामले में दोषी पुलिस अधिकारियों के विरुद्ध गुरुवार को आम्र्स एक्ट में चार्जशीट दाखिल कर दी गई है। अपराध अनुसंधान विभाग ने चार्जशीट दाखिल किया है।
जिनके विरुद्ध चार्जशीट दाखिल की गई है, उनमें तत्कालीन डीएसपी बाघमारा मजरूल होदा, हरिहरपुर के तत्कालीन थानेदार संतोष रजक, तोपचांची सर्किल के तत्कालीन इंस्पेक्टर वीरेंद्र मिश्रा, डीएसपी के चालक मोहम्मद इरफान व अंगरक्षक चेतलाल रजक शामिल हैं। अब इनके विरुद्ध न्यायालय में ट्रायल चलेगा। ट्रक चालक को गोली मारने वाले मामले में अनुसंधान को प्रभावित करने का दबाव तत्कालीन तोपचांची थानेदार उमेश कच्छप पर अधिकारियों ने बनाया था।
दबाव के कारण ही उमेश कच्छप ने फांसी लगाकर खुदकशी कर ली थी। इसके बाद पूरा मामले ने तूल पकड़ा था। अनुसंधान का जिम्मा अपराध अनुसंधान विभाग को दिया गया था। इस पूरे मामले का अनुसंधान सीआइडी के एसपी वाईएस रमेश कर रहे थे। उनके ही अनुसंधान में सभी पांच अधिकारी-पुलिसकर्मी इस कांड के दोषी मिले हैं।
क्या है मामला : धनबाद के हरिहरपुर थाना क्षेत्र में 13 जून 2016 की रात करीब 11 बजे तत्कालीन डीएसपी बाघमारा मजरूल होदा व तत्कालीन हरिहरपुर थानेदार संतोष रजक ने सादे लिबास में चेकिंग लगाई थी। इसी बीच चमड़ा लदा ट्रक लेकर चालक मोहम्मद नाजिम को जब अधिकारियों ने रोकने की कोशिश की तो वह तेजी से भागने लगा। उसका पीछा कर अधिकारियों ने उसे गोली मार दी थी।
ट्रक चालक जख्मी हुआ था। तब ट्रक चालक ने अपना बयान दिया था कि सादे लिबास में पुलिस को देखकर उसे लगा कि अपराधियों ने उसे रोकने का इशारा किया, इसलिए उसने नजदीक के पुलिस स्टेशन में जाने के लिए अपनी गाड़ी तेज की थी। जबकि पुलिस अधिकारियों ने गोली मारने के बाद एक पिस्टल, दो खोखे व कुछ कारतूस जब्त दिखाते हुए यह बताया था कि ट्रक चालक व अन्य ने मिलकर पुलिस पर गोलियां चलाई थी। इस मामले में दो प्राथमिकियां दर्ज की गई थीं।
एक ट्रक चालक के बयान पर, जिसमें डीएसपी इंस्पेक्टर आदि दोषी पाए गए हैं। इसी मामले में उनके विरुद्ध आम्र्स एक्ट में चार्जशीट दाखिल की गई है। वहीं, दूसरी प्राथमिकी पुलिस की ओर से ट्रक चालक पर आम्र्स एक्ट में दर्ज कराई गई थी, जो बाद में अनुसंधान में असत्य साबित हुई है। जब घटना घटी थी, तब इसके अनुसंधानकर्ता तोपचांची के तत्कालीन थानेदार इंस्पेक्टर उमेश कच्छप बनाए गए थे। बाद में दबाव में उमेश कच्छप ने भी खुदकशी कर ली थी।