झारखंड में पारा शिक्षकों की हड़ताल से 15 हजार स्कूलों में लटके ताले, होंगे बर्खास्त
पारा शिक्षकों के संघ ने दावा किया है कि सभी 67 हजार पारा शिक्षक हड़ताल पर हैं। इन्हें सरकार ने शो-कॉज कर 20 नंवंबर तक का अल्टीमेटम दिया है।
रांची, राज्य ब्यूरो। स्थायीकरण व वेतनमान की मांग को लेकर आंदोलनरत पारा शिक्षकों की हड़ताल जारी है। अधिसंख्य जिलों में इस हड़ताल का व्यापक असर है। इनकी हड़ताल से लगभग 15 हजार स्कूल शनिवार को भी नहीं खुल पाए। इधर, इनकी हड़ताल को लेकर सरकार भी सख्त है।पारा शिक्षकों की हड़ताल का सबसे अधिक असर उन स्कूलों पर पड़ा है जहां सिर्फ पारा शिक्षक कार्यरत हैं।
हालांकि ऐसे लगभग 24 हजार स्कूलों में लगभग साढ़े तीन हजार स्कूल मर्ज होकर बंद हो चुके हैं। राज्य सरकार ने पहले ही रेशनलाइजेशन के तहत इन स्कूलों में कम से कम एक स्थायी शिक्षक पदस्थापित करने का निर्देश जिलों को दिया था। बताया जाता है कि अभी तक लगभग 18 हजार स्कूल ऐसे हैं जहां सिर्फ पारा शिक्षक कार्यरत हैं, जिनमें से लगभग 15 हजार स्कूलों के पारा शिक्षक हड़ताल पर हैं।
दूसरी तरफ, सरकार भी इनके अडिय़ल रवैये तथा अनुशासनहीनता को लेकर सख्त है। झारखंड शिक्षा परियोजना के निदेशक उमाशंकर सिंह ने इनकी हड़ताल तथा स्कूलों में पठन-पाठन बाधित होने को गंभीरता से लेते हुए सभी हड़ताली पारा शिक्षकों से शो-कॉज पूछते हुए उन्हें सेवामुक्त करने का आदेश जिला कार्यक्रम पदाधिकारियों को दिया है।
यह कार्रवाई 20 नवंबर के बाद से होगी, क्योंकि पारा शिक्षकों को एक मौका देते हुए उन्हें इस तिथि तक काम पर लौटने का अल्टीमेटम दिया गया है। हालांकि कुछ जिलों ने इसकी प्रक्रिया शुरू कर दी है। राज्य परियोजना निदेशक ने सभी जिला शिक्षा पदाधिकारियों को पत्र भेजकर कहा है कि स्कूलों से अनधिकृत रूप से अनुपस्थित पारा शिक्षकों से स्पष्टीकरण पूछते हुए एकरारनामा की शर्तों के अनुरूप कार्रवाई करें।
सरकारी काम में बाधा पहुंचाने एवं बिना सूचना तथा बिना सक्षम पदाधिकारी की स्वीकृति के स्कूल से गायब रहने वाले तथा 20 नवंबर तक योगदान नहीं देने वाले पारा शिक्षकों का अनुबंध समाप्त करने की कार्रवाई करें। उन्होंने स्कूलों में वैकल्पिक व्यवस्था के रूप में रिटायर शिक्षकों (65 वर्ष आयु तक के) तथा टेट पास युवाओं की सेवा लेने का निर्देश दिया है।
इसके लिए इन्हें प्राथमिक कक्षाओं में प्रति कक्षा दो सौ रुपये तथा उच्च प्राथमिक कक्षाओं में प्रति कक्षा ढाई सौ रुपये मानदेय देय होंगे। उन्होंने ऐसे शिक्षकों की अतिरिक्त सूची भी तैयार रखने को कहा है ताकि जरूरत पडऩे पर उनकी अविलंब सेवा ली जाए। निदेशक ने सभी जिलों से हड़ताल की प्रत्येक दिन की रिपोर्ट भी देने को कहा है।
कर रहे वैकल्पिक व्यवस्था : पारा शिक्षकों से छात्र हित में काम पर लौटने की अपील की गई है। उम्मीद है कि 20 तक अधिसंख्य लौट आएंगे। उनकी हड़ताल को देखते हुए वैकल्पिक व्यवस्था भी की जा रही है, ताकि स्कूल बंद न हो।-उमाशंकर सिंह, राज्य परियोजना निदेशक
हमारी हड़ताल पूरी तरह सफल : सभी 67 हजार पारा शिक्षक हड़ताल पर हैं। हजारों स्कूल बंद हैं। मांगों पर कार्रवाई होने के बाद ही हड़ताल से वापस लौटेंगे। बर्खास्तगी के आदेश से डरनेवाले नहीं हैं।-संजय दुबे, पारा शिक्षक नेता, एकीकृत पारा शिक्षक संघर्ष मोर्चा।
पठन-पाठन पर व्यापक असर : पारा शिक्षकों की हड़ताल से प्रदेश भर में हजारों स्कूलों पर ताला लटक गए हैं। शनिवार को स्कूलों में पठन-पाठन पूरी तरह बाधित रहा। इनमें से कुछ जिलों से मिले आंकड़ों के अनुसार दुमका में 3524 पारा शिक्षक हड़ताल पर रहे, इस वजह से 1004 स्कूल बंद रहे । वहीं पाकुड़ में 1825 शिक्षक अनुपस्थित रहे 252 स्कूल बंद रहे।
साहिबगंज में 2197 पारा शिक्षक अनुपस्थित रहे, 568 स्कूलों में ताला लटका रहा। गोड्डा में लगभग 1200 शिक्षक नदारद रहें और 530 स्कूल बंद हैं। सरायकेला-खरसावां में 585 स्कूलों में ताले लटक गए हैं। गिरिडीह में 6,597 पारा शिक्षक हड़ताल पर चले गए हैं। इससे लगभग 2,000 स्कूल प्रभावित हैं। हजारीबाग में 400 स्कूलों में पढ़ाई बाधित है।
208 स्कूलों में शिक्षकों की प्रतिनियुक्ति कराई गई है। जामताड़ा में पारा शिक्षकों की हड़ताल से प्रभावित 513 स्कूलों में से 422 स्कूलों में शिक्षकों का प्रति नियोजन किया गिया है। पलामू में लगभग पांच हजार पारा शिक्षक दूसरे दिन हड़ताल परं रहे। इससे एक हजार स्कूल बंद रहे। धनबाद में 2,598 पारा शिक्षक हड़ताल में रहे, जबकि 745 स्कूल बंद रहे।
लातेहार में 1601 पारा शिक्षक हड़ताल में रहे, जिससे 445 स्कूल बंद रहे। देवघर में 4000 पारा शिक्षक हड़ताल पर चले गए हैं। इस वजह से सैकड़ों की संख्या में स्कूल बंद रहे। चाईबासा में 1833 पारा शिक्षक हड़ताल में रहे। 161 अवकाश पर थे। पूर्वी सिंहभूम में 2198 में से 1000 पारा शिक्षक हड़ताल पर रहे पूर्वी सिंहभूम में 36 स्कूलों में ताले लटक गए।