रांची में होंगे इंडियन हॉकी लीग के आठ मैच
रांची के लोग एक बार फिर इंडियन हॉकी लीग का आनंद ले सकेंगे। इस बार शहर के जयपाल सिंह मुंडा हॉकी स्टेडियाम में 8 मैचों का आयोजन किया जा रहा है। लेकिन स्टेडियम की हालत खस्ता है। यहां आए दिन जिला प्रशासन के लोग क्रिकेट खेलते नजर आ रहे हैं।
संजीव रंजन, रांची
एक वर्ष के अंतराल के बाद रांची के हॉकी प्रेमियों को एक बार फिर हॉकी इंडिया लीग (एचआइएल) का रोमांच देखने को मिलेगा। अंतरराष्ट्रीय कार्यक्रमों की व्यस्तता व खिलाड़ियों की उपलब्धता पर हो रही परेशानी के कारण हॉकी इंडिया ने इस लीग का आयोजन एक साल के लिए स्थगित कर दिया था। लेकिन सूत्रों की माने तो अब अगले वर्ष विश्व हॉकी फेडरेशन के कार्यक्रमों को देखते हुए सितंबर माह में इसका आयोजन करने का निर्णय लिया है। इस बार छह की जगह आठ टीमें भाग लेंगी। रांची में आठ मैच होने की संभावना जब से एचआइएल शुरू हुआ तब से रांची में लगातार मैच हुए हैं। इस बार भी हॉॅकी इंडिया ने रांची को मुख्य आयोजन स्थल के रूप में रखा है। इसका सबसे बड़ा कारण रांची की टीम है। एचआइएल में पहले रांची राइनोज की टीम खेलती थी। उसके जाने के बाद महेंद्र सिंह धौनी ने रांची रेज के नाम से टीम को उतारी। रांची रेज का घरेलू मैदान होने के कारण रांची में आठ मैच होने की प्रबल संभावना है। मैचों की संख्या बढ़ने का एक बड़ा कारण है कि इस बार एचआइएल में टीमों की संख्या बढ़ा दी गई है। पहले छह टीमों के बीच टक्कर होती थी लेकिन इस बार से दो टीमें हैदराबाद व बेंगलुरू की बढ़ेंगी। ------- बॉक्स ----------
खास्ताहाल टर्फ राह में ना बन जाए रोड़ा
जयपाल सिंह मुंडा हॉकी स्टेडियम में लगे एस्ट्रोटर्फ की स्थिति जर्जर हो गई है। यह कई जगहों पर फट गया है। ऐसे में यह एचआइएल तो दूर की बात है स्कूल मैच कराने के योग भी नहीं है। इसे बदले बिना यहां एचआइएल कराना संभव नहीं है। 34वें नेशनल गेम्स के लिए यहां एस्ट्रोटर्फ लगाया गया था। लेकिन उचित रखरखाव के अभाव में इसने दम तोड़ दिया है। खेल विभाग ने स्टेडियम के रखरखाव में लापरवाही बरतने को लेकर झारखंड स्टेट स्पोर्ट्स प्रमोशन सोसाइटी (जेएसएसपीएस) से नाराजगी जताई है। स्टेडियम की स्थिति को देखते हुए खेल निदेशक अनिल कुमार सिंह ने सरकार से एस्ट्रोटर्फ बदलने के लिए अनुमति मांगी है।
हॉकी झारखंड के सूत्रों ने बताया कि पिछले दिनों हॉकी इंडिया के प्रतिनिधि ने स्टेडियम का मुआयना करने के बाद एस्ट्रोटर्फ बदलने को कहा था। इसके साथ ही ताकीद की थी कि इसे बदले बिना एचआइएल यहां संभव नहीं है।
कोट
एस्ट्रोटर्फ की स्थिति जर्जर है। अगर इसे नहीं बदला गया तो यहां एचआइएल जैसे टूर्नामेंट के मैच होना संभव नहीं है। इस बार हमें कई मैचों की मेजबानी मिल सकती है लेकिन उसके पहले हमें अपनी व्यवस्था सुधारनी होगी।
विजय सिंह, महासचिव, हॉकी झारखंड
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एचआइएल में अंतरराष्ट्रीय हॉकी खिलाड़ी खेलते हैं। इसलिए आयोजन समिति इस मैदान को एस्ट्रोटर्फ सही नहीं होने पर यहां के मैच कहीं और करा सकती है। इसलिए इसका बदलना जरूरी है।
रजनीश कुमार, सीइओ, हॉकी झारखंड
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हॉकी के मैदान में हुआ प्रशासनिक अधिकारियों का क्रिकेट मैच
मोरहाबादी स्थित जयपाल सिंह मुंडा एस्ट्रोटर्फ हॉकी स्टेडियम में शुक्रवार को एक अलग इतिहास रच दिया गया। यह नई इबारत लिखी गई हॉकी मैदान में क्रिकेट मैच खेलकर। यह मैच जिला प्रशासन की दो टीमों के बीच खेला गया। एक टीम के कप्तान डीसी व दूसरे के डीडीसी थे।
वहीं 29 नवंबर से एसजएफआइ स्कूल स्तरीय हॉकी चैंपियनशिप का आयोजन होना है। लेकिन एस्ट्रोटर्फ कई जगह से फट चुका है ऐसे में खिलाड़ियों को खेलने में कितनी परेशानी होगी यह समझा जा सकता है। इसके बावजूद शुक्रवार को यहां क्रिकेट मैच आयोजित कर ग्राउंड की स्थिति को और भी खराब कर दिया गया।