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कड़ी तपस्या के लिए जाने जाते हैं जैन संत

राजधानी रांची के रातू रोड में जैन मुनि श्री सबल जी महाराज का पिच्छिका परिवर्तन समारोह मनाया गया। इस अवसर पर बड़ी संख्या में श्रद्धालु जुटे। मौके पर मंत्री सीपी सिंह ने भी जैन मुनि से आशीर्वाद लिया। उन्होंने कहा कि जैन मुनि कठिन साधना के लिए जाने जाते हैं।

By JagranEdited By: Published: Fri, 09 Nov 2018 06:44 AM (IST)Updated: Fri, 09 Nov 2018 06:44 AM (IST)
कड़ी तपस्या के लिए जाने जाते हैं जैन संत
कड़ी तपस्या के लिए जाने जाते हैं जैन संत

जागरण संवाददाता, रांची : राजधानी के अपर बाजार दिगंबर जैन मंदिर में चर्तुमास कर रहे आचार्य 108 सुबल सागरजी महाराज सहसंघ का गुरुवार को पिच्छिका परिर्वतन समारोह रातू रोड रतनलाल जैन स्मृति भवन में मनाया गया। कार्यक्रम में नगर विकास मंत्री सीपी सिंह ने मुनि श्री को श्रीफल भेंट कर आशीर्वाद प्राप्त किया। इस मौके पर सीपी सिंह ने कहा कि भारत देश साधु-संतों का देश है। जैन संत की तप, तपस्या और कड़ी साधना करते हैं। मैं सौभाग्यशाली हूं कि मुझे जैन संतों का हमेशा आशीर्वाद मिलता है। उनके आशीर्वाद से ही मुझे जीवन जीने का ज्ञान मिलता है।

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पिच्छिका समारोह

अहिंसा धर्म की रक्षा के लिए दिगंबर संत पिच्छिका रखते हैं। यह मयूर पंख का बना होता है। मयूर पंख कोमल और हल्के होते हैं। इसलिए दिगंबर संत षष्टकाय जीवों की रक्षा के लिए मयूर पिच्छिका धारण करते हैं। वैसे यह कार्य व्यक्तिगत हो सकता है। लेकिन मुनि ससंघ समाज के बीच रहते हैं। समाज के संयम के इस उपकरण के प्रति आस्थाएं जुड़ी रहती है। चातुर्मास के समापन के मौके पर यह कार्यक्रम मनाया जाता है।

महावीर स्वामी का मना निर्वाण दिवस

राची : श्री दिगंबर जैन पंचायत की ओर से जैन धर्म के 24वें तीर्थंकर श्री 1008 भगवान महावीर स्वामी का निर्वाण महोत्सव अपर बाजार दिगंबर जैन मंदिर, रातू रोड स्थित भगवान वासुपूज्य जिनालय में मनाया गया। इस मौके पर भगवान महावीर की विशेष पूजा- अर्चना, शातिधारा के बाद निर्वाण लड्डू चढ़ाया गया। वही कार्तिक अमावस्या के मौके पर जैन धर्म के लोगों की ओर से अपने घर-प्रतिष्ठान में दिवाली पूजन किया गया। वही शाम में मंदिर में दीप जलाकर व अपने-अपने-घर प्रतिष्ठानों में दीपक जलाकर दिवाली मनाई। काफी संख्या में जैन समाज के लोग मौजूद थे। जैन साधु-संत भी उपस्थित थे।


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