अब आदिवासियों की जमीन दानपत्र पर लेने वाले आयकर के रडार पर
मुख्य आयकर आयुक्त ने कहा है कि पूरे राज्य में आदिवासियों से जमीन खरीदने वालों की पहचान की जा रही है। खरीदारों की पड़ताल कर आयकर विभाग कार्रवाई करेगी।
रांची, राज्य ब्यूरो। अब आदिवासियों की जमीन खरीदने वाले, दान पत्र पर जमीन लेने वाले आयकर के रडार पर हैं। ऐसे जमीन खरीदने वाले चिह्नित किए जा रहे हैं। अब तक सिर्फ देवघर में ही 441 ऐसे केस चिह्नित किए गए हैं, जिनमें 108 केस में कार्रवाई शुरू कर दी गई है। इनसे कर वसूलने के साथ-साथ दंड भी वसूला जाएगा।
बिहार-झारखंड के मुख्य आयकर आयुक्त कैलाश चंद्र घुमरिया ने शुक्रवार को रांची के आयकर भवन में संवाददाता सम्मेलन में यह जानकारी दी। उनके साथ प्रिंसिपल कमिश्नर रत्नेश सहाय, संयुक्त आयकर आयुक्त (मुख्यालय) निशा उरांव सिंहमार, नयन ज्योति, एके मोहंती व उप आयकर आयुक्त विजय कुमार मौजूद थे।
मुख्य आयकर आयुक्त केसी घुमरिया ने बताया कि गलत तरीके से टैक्स रिफंड करवाने वाले चिह्नित किए जा रहे हैं। झारखंड में इस तरह के कार्य में लिप्त दो लोगों को चिह्नित किया गया है। इन लोगों ने गलत तरीके से आय को कम कर ई-फायलिंग के माध्यम से टैक्स रिफंड कराया है। झारखंड में गलत तरीके से टैक्स रिफंड के करीब 1300 केस चिह्नित किए गए हैं।
खुद के उत्पादन को लिया कोयला, खुले बाजार में बेच की कर की चोरी : घुमरिया ने बताया कि बड़े पैमाने पर कोयला के कारोबार में टैक्स चोरी के खुलासे हुए हैं। इसके तहत खुद के उत्पादन के लिए कोयला लेकर, जाली कागजात, जाली बिल के आधार पर ऊंची कीमत पर खुले बाजार में बेचने के मामले खुल चुके हैं। इसके तहत अब तक सीसीएल से 106 करोड़, बीसीसीएल से 50 करोड़, झारखंड राज्य मिनरल कॉरपोरेशन से 7 करोड़ रुपये आदि कर के रूप में वसूले जा चुके हैं।
ऐसे कर रहे हैं टैक्स की चोरी : - कृषि आय : इसमें बिना फसल हुए, फसल से करोड़ों की आय दिखा कर काला धन को सफेद किया जा रहा है।- शेयर प्रीमियम : शेल कंपनियों में निवेश कर, गलत तरीके से रुपये अर्जित कर टैक्स चोरी करते हैं।- असुरक्षित ऋण : शेल कंपनियों के माध्यम से ऋण लेकर टैक्स की चोरी करते हैं।
- आदिवासियों की जमीन गैर आदिवासी को रजिस्ट्री नहीं होती है। ऐसे में कंपनशेसन, दान पत्र आदि के माध्यम से जमीन खरीदने वाले आदिवासियों को रुपये देते हैं। ऐसे लोगों पर आयकर की नजर है।
मुख्य आयकर आयुक्त ने बताया : - बिहार-झारखंड के विभिन्न मामलों में कर चोरी के मामलों को आयकर विभाग ने चिह्नित किया है। इनमें कृषि के क्षेत्र में 272, शेयर प्रीमियम में 654, अनसेक्योर्ड ऋण में 1214, जमीन के निश्शुल्क लेन-देन के 441 व दानपत्र के 108 मामले शामिल हैं।
- वित्तीय वर्ष 2018-19 में बिहार-झारखंड में नए करदाता जोडऩे का लक्ष्य 5,35,772 था, जिसमें आयकर विभाग ने 4,20,854 यानी 78.55 प्रतिशत लक्ष्य को पूरा कर लिया। सिर्फ झारखंड में 2,10,790 के लक्ष्य को छह माह में 1,65,569 पूरा कर लिया गया है। इस लक्ष्य को पूरा करने में बिहार-झारखंड पहले पायदान पर है।
- सिर्फ रांची में वित्तीय वर्ष 2017-18 में कर चोरी करने वालों के विरुद्ध 182 सर्वे हुए थे, जिनमें 219.07 करोड़ की आय छुपाई गई थी। इनसे आयकर विभाग ने 24.38 करोड़ रुपये आयकर के रूप में वसूला था। वहीं, वर्तमान वित्तीय वर्ष में रांची में अब तक 70 सर्वे हो चुके हैं। इसमें अब तक 80.72 करोड़ रुपये कीआय छुपाई गई है। अब तक आयकर विभाग 3.16 करोड़ रुपये टैक्स के रूप में वसूल चुका है। ये 70 केस डॉक्टर्स, ज्वेलर्स, दवा दुकानदार, आटा मिल व आर्किटेक्ट्स आदि से संबंधित हैं।
- ऑपरेशन क्लीन मनी (ओसीएम) के तहत राज्य के 764 कांडों की आयकर विभाग जांच कर रहा है। - गलत तरीके से रिफंड लेने वालों के मामले की भी जांच की जा रही है। इसके तहत बोकारो के 856 केस, रामगढ़ के 403 केस शामिल हैं। - सिर्फ रांची में आयकर चोरी के 100 कांडों में अभियोजन चलाया जा रहा है, जिसमें 70 केस में आरोपितों को नोटिस भेजा गया है।