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भाजपा में बड़े-बूढ़ों की विदाई की तैयारी, टिकट में उम्र का फंसेगा पेच, सक्रियता-लोकप्रियता होगा पैमाना

आगामी लोकसभा चुनाव को लेकर भाजपा की निगाहें अपने वर्तमान लोकसभा सदस्यों के ट्रैक रिकार्ड और उनकी सक्रियता पर है। यही टिकट का आधार होगा।

By Alok ShahiEdited By: Published: Fri, 02 Nov 2018 06:03 PM (IST)Updated: Fri, 02 Nov 2018 06:03 PM (IST)
भाजपा में बड़े-बूढ़ों की विदाई की तैयारी, टिकट में उम्र का फंसेगा पेच, सक्रियता-लोकप्रियता होगा पैमाना
भाजपा में बड़े-बूढ़ों की विदाई की तैयारी, टिकट में उम्र का फंसेगा पेच, सक्रियता-लोकप्रियता होगा पैमाना

रांची, राज्य ब्यूरो। लोकसभा चुनाव की जमीनी तैयारियों को मूर्त रूप देने में जुटी भाजपा की निगाहें अपने वर्तमान लोकसभा सदस्यों के ट्रैक रिकार्ड और उनकी सक्रियता पर भी लगी हैं। टिकट का आधार भी इन्हें ही बनाया जाएगा। उम्र का तकाजा तो होगा ही, वयोवृद्ध लोकसभा सदस्यों की सम्मानजनक तरीके से विदाई पर विचार किया जा सकता है।

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सीधे शब्दों में समझें तो भाजपा में इस बार टिकट काफी सोच-समझकर और जनता में लोकप्रियता को आधार बनाकर ही दिए जाएंगे। सूत्रों की मानें तो केंद्रीय नेतृत्व दिल्ली से ही झारखंड पर निगाह रखे हुए हैं और विभिन्न तरीके से अपने वर्तमान लोकसभा सदस्यों का फीडबैक ले रहा है। नमो एप के माध्यम से तो वर्तमान सांसदों व विधायकों पर पार्टी कार्यकर्ताओं और जनता से जानकारी हासिल की ही जा रही है, कुछ निजी एजेंसियों के सर्वे रिपोर्ट को भी खंगाला जा रहा है।

भाजपा के एक शीर्ष नेता कहते हैं कि दिल्ली वालों को यहां का फीडबैक लेने के लिए रांची आने की जरूरत नहीं है। उनका अपना तंत्र है और वो यहां से ज्यादा पुख्ता है। वे ये भी दावा करते हैं कि कुछ के टिकट तो कटेंगे यह तय है। छत्तीसगढ़, राजस्थान और मध्य प्रदेश विधानसभा चुनाव में टिकट कटने का हवाला भी दिया। कहा, जब चुनाव मोदी के भरोसे लडऩा है तो प्रत्याशी कोई भी हो, पार्टी को कोई फर्क नहीं पड़ता।

झारखंड में भाजपा के 12 लोकसभा सदस्य हैं। इनमें तीन लोकसभा सदस्यों को पार्टी उम्रदराज मान रही है और इनसे अब संरक्षक सरीखी अपेक्षा की जा रही है। कई लोकसभा सदस्य, जो पिछली चुनाव में पहली बार जीतकर आए थे, उनके प्रदर्शन और सक्रियता को भी पार्टी ने अपने मानकों पर सौ फीसद खरा नहीं पाया। इनपर पुनर्विचार किया जा सकता है।

कोल्हान के दोनों लोकसभा सदस्यों और झारखंड कोटे से बने दोनों केंद्रीय मंत्रियों को छोड़ दें तो भाजपा में अभी किसी का टिकट पक्का नहीं माना जा रहा है। हालांकि, लोकसभा चुनाव को लेकर टिकटों पर चर्चा की बात, अभी जल्दबाजी कही जा सकती है। लेकिन पांच राज्यों के चुनाव परिणाम के तत्काल बाद भाजपा में टिकट की टिकटिक तेज होगी, इसे सभी जानते हैं। यही वजह है कि भाजपा के लोकसभा सदस्य सोशल मीडिया पर जरूरत से ज्यादा सक्रिय दिख रहे हैं। इसके अलावा इनकी दिल्ली की दौड़ भी शुरू हो चुकी है।


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