काम करते-करते हो गए 28 साल, इन अफसरों को आज तक नहीं मिला प्रमोशन
राज्य लोक सेवा आयोग से बहाल होने वाले प्रोबेशन पदाधिकारी जो डीएसपी व जेल अधीक्षक के समकक्ष होते हैं उन्हें रिटायरमेंट के करीब होने पर भी प्रोन्नति नहीं मिली है।
रांची, राज्य ब्यूरो। पिछले 28 साल से प्रोबेशन पदाधिकारियों को प्रोन्नति नहीं मिली है। वे अपने मूल पद पर ही रह गए और अब सेवानिवृत्त होने वाले हैं। जबकि, उनके समकक्ष के डीएसपी एसपी या इससे ऊपर के रैंक में प्रोन्नत हो गए। राज्य लोक सेवा आयोग के माध्यम से चयनित प्रोबेशन पदाधिकारियों की प्रोन्नति पर किसी का ध्यान नहीं जा रहा है, जिसका उन्हें दुख है।
एक आंकड़े के अनुसार राज्य में प्रधान प्रोबेशन पदाधिकारियों के कुल आठ पद हैं। इनमें वर्तमान में पांच पद रिक्त हैं। राज्य में जिन तीन पदों पर प्रधान प्रोबेशन पदाधिकारी पदस्थापित हैं, उनमें एक पदाधिकारी नवंबर व दूसरा दिसंबर में सेवानिवृत्त हो जाएगा। ऐसे में पूरे राज्य में केवल एक ही प्रोबेशन पदाधिकारी पदस्थापित रह जाएगा। इतना ही नहीं, जो प्रोबेशन पदाधिकारी पिछले 28 साल से प्रमोशन का इंतजार कर रहा है, वह बिना प्रमोशन के ही सेवानिवृत्त होने वाले हैं। ऐसे पदाधिकारियों की संख्या भी कम नहीं है।
कब कितने पदाधिकारी हुए थे बहाल : -35वीं बीपीएससी : चार। -36वीं बीपीएससी : दो। -37वीं बीपीएससी : दो। -38वीं बीपीएससी : दो।
क्या करते हैं प्रोबेशन पदाधिकारी : -ये प्रोबेशन ऑफ ओफेंडर्स एक्ट 1958 के तहत काम करते हैं। -जुवेनाइल जस्टिस एक्ट की जांच, कैदियों को पैरोल देने संबंधित रिपोर्ट बनाना।-राज्य सजा पुनरीक्षण पर्षद ने कैदियों को छोडऩे संबंधी कार्य। सजा देने से पूर्व न्यायालय दंडादेश के संबंध में जांच प्रतिवेदन मांगता है, जो प्रोबेशन पदाधिकारी ही तैयार करते हैं।
- कैदियों की सामाजिक जांच रिपोर्ट तैयार करते हैं।- कैदियों के न्यायालय संबंधी जांच से संबंधित रिपोर्ट न्यायालय को देते हैं।-कैदियों के कल्याण से संबंधित विभिन्न कार्य करते हैं। -कैदियों के बारे में जांच रिपोर्ट कोर्ट मांगता है, जो प्रोबेशन पदाधिकारी ही लिखते हैं।