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गृह सचिव और डीजीपी हाई कोर्ट में हुए हाजिर, अदालत ने मांगी जब्‍त हथियारों की जानकारी

हाई कोर्ट ने गृह सचिव व डीजीपी से राज्‍य में जब्‍त हथियारों की इंट्री और‍ डिस्‍पोजल की प्रक्रिया तथा कार्ययोजना की जानकारी मांगी है।

By Alok ShahiEdited By: Published: Thu, 01 Nov 2018 01:41 PM (IST)Updated: Thu, 01 Nov 2018 01:41 PM (IST)
गृह सचिव और डीजीपी हाई कोर्ट में हुए हाजिर, अदालत ने मांगी जब्‍त हथियारों की जानकारी
गृह सचिव और डीजीपी हाई कोर्ट में हुए हाजिर, अदालत ने मांगी जब्‍त हथियारों की जानकारी

रांची, राज्‍य ब्‍यूरो। झारखंड हाई कोर्ट ने राज्य में पुलिस द्वारा जब्त हथियारों की एंट्री और उसके निस्तारण के लिए सरकार से एक विस्तृत कार्य योजना मांगी है। हाई कोर्ट के जस्टिस केपी देव की अदालत ने आम्र्स एक्ट के एक मामले की सुनवाई करते हुए गृह सचिव और डीजीपी से कहा कि कई मामलों की सुनवाई के दौरान इस बात का पता चला कि जब्त हथियारों की एंट्री ठीक से नहीं की जाती। इसलिए नियमों के अनुसार जब्त हथियारों की एंट्री और निस्तारण किया जाए। 

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अदालत ने गृह सचिव को इसके लिए एक ब्लूप्रिंट तैयार कर कोर्ट में दाखिल करने का निर्देश दिया। मामले में अगली सुनवाई पांच नवंबर को निर्धारित की गई है। सुनवाई के दौरान गृह सचिव एसकेजी रहाटे, डीजीपी डीके पांडेय, एडीजी सीआइडी अजय कुमार सिंह व पुलिस के अन्य अधिकारी भी मौजूद थे। अदालत ने पिछली सुनवाई के दौरान दोनों अधिकारियों को अदालत में हाजिर होने का निर्देश दिया था।

यह है मामला : रांची के लोअर बाजार थाना क्षेत्र में रहने वाले मो. इस्तियाक को 1986 में हथियार के साथ पकड़ा गया। वर्ष 2004 में आम्र्स एक्ट के तहत उसे सजा सुनाई गई। इसके खिलाफ इश्तयाक ने हाई कोर्ट में अपील दाखिल की थी। सुनवाई के दौरान कोर्ट को ऐसा प्रतीत हुआ कि इस मामले में पुलिस ने फर्जी हथियार दिखा कर फंसाया है।

इसी मामले में अदालत ने गृह सचिव और डीजीपी को कोर्ट में हाजिर होकर यह बताने को कहा था कि राज्य में कितने, कब और किस-किस तरह के हथियार जब्त किए गए और सजा के बाद कितने हथियारों को नष्ट किया गया है।


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