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चुनाव करीब आ गए, अब 'दाग' अच्छे हैं

रांची, राज्य ब्यूरो। चुनाव करीब आते ही बहुत कुछ बदल जाता है। राजनीतिक दलों की विचारधारा, उनकी नीति-सिद्धांत और भ्रष्टाचार के खिलाफ उनके संघर्ष के जुमले ताक पर रख दिए जाते हैं।

By JagranEdited By: Published: Tue, 16 Oct 2018 03:01 PM (IST)Updated: Tue, 16 Oct 2018 03:01 PM (IST)
चुनाव करीब आ गए, अब 'दाग' अच्छे हैं
चुनाव करीब आ गए, अब 'दाग' अच्छे हैं

रांची, राज्य ब्यूरो। चुनाव करीब आते ही बहुत कुछ बदल जाता है। राजनीतिक दलों की विचारधारा, उनकी नीति-सिद्धांत और भ्रष्टाचार के खिलाफ उनके संघर्ष के जुमले ताक पर रख दिए जाते हैं। लक्ष्य सिर्फ चुनाव जीतने और छोटा सा भी जनाधार रखने वाले लोगों को पार्टियों में शामिल कराने पर रहता है। हमेशा की तरह इस बार भी चुनाव करीब आते ही राजनीतिक दल अपने इस चुनाव जिताऊ एजेंडे को लेकर सक्रिय हो गए हैं। हाल ही में कांग्रेस और भाजपा में नेताओं की हुई ज्वाइनिंग इसकी बानगी है। चुनाव तक यह सिलसिला जारी रहेगा और राष्ट्रीय दलों के साथ-साथ क्षेत्रीय दल भी इसका अनुसरण करेंगे।

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राफेल पर हुए कथित भ्रष्टाचार को लेकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और उनकी सरकार को घेर रही कांग्रेस ने हाल ही में गीता कोड़ा को पार्टी में शामिल किया है। इसके साथ ही उनकी पार्टी जय भारत समानता पार्टी का विलय भी कांग्रेस में हो गया है। गीता कोड़ा के पति मधु कोड़ा भ्रष्टाचार के आरोपों से अभी पूरी तरह से मुक्त नहीं हो पाए हैं। यानि दाग धुले नहीं हैं।

इधर, भाजपा ने भी झारखंड विकास दल के सूरज मंडल का पार्टी समेत अपने में विलय किया है। यह वहीं सूरज मंडल हैं जो कभी झामुमो प्रमुख शिबू सोरेन के करीबी थे और सांसद रिश्वत कांड के आरोपी भी। भाजपा ने झामुमो को जब भी निशाना बनाया तो इसी रिश्वत कांड को आधार बना उन्हें झारखंड आंदोलन को बेचने वाला बताया था। भाजपा को अब यह दाग सुहा रहा है। वजह साफ है सूरज मंडल ने अपने 220 समर्थकों के साथ भाजपा ज्वाइन की, इन समर्थकों के कुछ अपने वोट भी होंगे। संताल में झामुमो के खिलाफ भाजपा चुनाव में इनका खुलकर इस्तेमाल भी करेगी। यह सिलसिला अभी और आगे चलने के आसार हैं। इसमें नया कुछ भी नहीं है। पिछले चुनाव से पूर्व भी भाजपा में शामिल होने की बयार चली थी।


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