Move to Jagran APP

महिला एवं बाल विकास की 14 योजनाएं ठप, कोई खर्च नहीं

जागरण पड़ताल : बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ अधर में, छह माह में महज 31 फीसद राशि खर्च -------- क

By JagranEdited By: Published: Sat, 13 Oct 2018 07:37 PM (IST)Updated: Sat, 13 Oct 2018 07:37 PM (IST)
महिला एवं बाल विकास की 14 योजनाएं ठप, कोई खर्च नहीं
महिला एवं बाल विकास की 14 योजनाएं ठप, कोई खर्च नहीं

जागरण पड़ताल : बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ अधर में, छह माह में महज 31 फीसद राशि खर्च

loksabha election banner

--------

क्रासर-

-3400 करोड़ रुपये में से 1054 करोड़ ही खर्च

-चार दर्जन योजनाओं में से 14 पर कोई काम नहीं

------------

विनोद श्रीवास्तव, रांची

महिला एवं बच्चों के सर्वागीण विकास, पोषण, स्वास्थ्य, सुरक्षा आदि को केंद्र में रखकर राज्य में संचालित लगभग चार दर्जन योजनाओं का हाल बेहाल है। केंद्र एवं राज्य संपोषित इन योजनाओं में से 14 तो ऐसी हैं, जिन पर चालू वित्तीय वर्ष के इन छह महीनों में एक रुपया भी खर्च नहीं हुआ। महिला, बाल विकास एवं सामाजिक सुरक्षा विभाग की 25 सितंबर तक की रिपोर्ट की बात करें तो शेष योजनाओं पर महज 30.99 फीसद राशि ही खर्च हो सकी है। चालू वित्तीय वर्ष में इन योजनाओं के क्रियान्वयन के लिए 3400 करोड़ रुपये का बजटीय प्रावधान था। इनमें से 3139.44 करोड़ रुपये की स्वीकृति मिली और आवंटन 2419.19 करोड़ रुपये का हुआ। खर्च की बात करें तो यह राशि 1054 करोड़ रुपये पर सिमट गई।

महिला हेल्पलाइन, बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ, वन स्टॉप सेंटर, पोषण अभियान जैसी योजनाएं भी हाशिए पर रहीं। बच्चियों की जन्म से लेकर उनकी शादी तक की चिंता करने वाली मुख्यमंत्री लक्ष्मी लाडली योजना तथा बीपीएल परिवारों की बेटियों के हाथ पीले करने वाली मुख्यमंत्री कन्यादान जैसी महत्वाकाक्षी योजना भी इस अवधि में परवान नहीं चढ़ सकी। इन योजनाओं पर पिछले छह महीने में क्रमश: 18.33 व 7.6 फीसद राशि ही खर्च हो सकी।

----------

इनसेट

कुल बजट---- 3400 करोड़ रुपये

स्वीकृति मिली-- 3139.44 करोड़ रुपये

आवंटित राशि-- 2419.19 करोड़ रुपये

कुल खर्च ---- 1054 करोड़ रुपये

----------

सिर्फ इन योजनाओं पर कुछ काम हुए

बाल कल्याण, महिला कल्याण, दिव्याग कल्याण, संस्थागत योजनाएं, पेंशन योजना, डीएसडब्ल्यूओ कार्यालय की स्थापना, गर्भवती एवं धातृ महिलाओं के लिए पूरक पोषाहार कार्यक्रम, विश्व बैंक संपोषित आइसीडीएस परियोजना तथा सामाजिक सुरक्षा कार्यक्रम।

-----------

14 योजनाओं में खर्च शून्य

स्कूलों, पुनर्वास केंद्रों, छात्रावासों के निर्माण, संरक्षण एवं मरम्मत, 11 से 14 साल की किशोरियों की योजना, आगनबाड़ी केंद्रों में मेडिसीन और शिक्षा किट की आपूर्ति, प्रचार एवं शिक्षा, आगनबाड़ी सेविकाओं और सहायिकाओं को पोशाक की आपूर्ति, प्रशिक्षण आदि कार्यक्रमों पर अब तक एक रुपये भी खर्च नहीं हुए। इसी तरह केंद्र प्रायोजित योजना में आगनबाड़ी केंद्रों के उन्नयन, समेकित बाल संरक्षण सेवाएं, स्वाधार गृह योजना, उज्ज्वला योजना, राष्ट्रीय क्रेच योजना, महिला छात्रावास निर्माण, पोषण अभियान, इंदिरा गाधी मातृत्व सहयोग योजना, ग्राम अभिसरण एवं सुगमता सेवा आदि योजनाओं पर भी कोई काम नहीं हुआ है।

::::

क्त्रद्गश्चश्रह्मह्लद्गह्म ष्ठद्गह्लड्डद्बद्यह्य : 9999


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.