नक्सलियों को फंडिंग में जब्त दस्तावेजों की जांच शुरू, आरोपितों से भी पूछताछ
कोयला कंपनियों व कारोबारियों के माध्यम से नक्सलियों को फंडिंग मामले की जांच।
रांची : कोयला कंपनियों व कारोबारियों के माध्यम से नक्सलियों को फंडिंग मामले की जांच में राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआइए) जुटी हुई है। मंगलवार को झारखंड-बंगाल के 15 ठिकानों पर छापेमारी के दौरान एनआइए ने इन कंपनियों के पास से जो दस्तावेज जब्त किये थे, उनकी जांच शुरू हो चुकी है।
छापेमारी के दूसरे ही दिन जब्त दस्तावेजों के बारे में कुछ आरोपितों से एनआइए के अधिकारियों ने लंबी पूछताछ की ताकि उसे मजबूत साक्ष्य के रूप में प्रस्तुत किया जा सके। एनआइए की पूछताछ में क्या बातें सामने आई, एनआइए इसके खुलासे में गोपनीयता बरत रही है।
एनआइए ने 86 हजार रुपये के पुराने नोट को भी जब्त किया था, जिसके बारे में अभियुक्तों से पूछताछ की गई। उनसे सवाल किया गया है कि उन्होंने उन रुपयों को जमा क्यों नहीं किया। इतना ही नहीं, जब्ती के दौरान मिले सिंगापुर व यूएस डॉलर कब व कैसे आए, इसका भी पता लगाया जा रहा है।
कंप्यूटर व हार्ड डिस्क की जांच शुरू
एनआइए के अधिकारियों ने छापेमारी के दौरान जब्त कंप्यूटर व हार्ड डिस्क की जांच शुरू कर दी है। कंप्यूटर व हार्ड डिस्क की जांच में यह स्पष्ट हो जाएगा कि आम्रपाली व मगध एरिया कमेटी को कोयला कंपनियों ने कितने रुपये दिए।
नक्सलियों को कितनी फंडिंग की गई है। जबकि, डायरी में मिले टीपीसी व पीएलएफआइ को 68 लाख रुपये नकद, दस हजार सिंगापुर डॉलर व 1300 यूएस डॉलर के भुगतान के बारे में भी आरोपितों से पूछताछ की गई है।
बिंदेश्वर गंझू के इनपुट पर आगे बढ़ रही है एनआइए
एनआइए के हाथों गिरफ्तार तृतीय सम्मेलन प्रस्तुति कमेटी (टीएसपीसी) के बिंदेश्वर गंझू उर्फ बिंदु गंझू के इनपुट पर ही एनआइए का अनुसंधान आगे बढ़ रहा है। गंझू ने ही कोयला कंपनियों पर लेवी देने की पुष्टि की थी और कारोबारियों का नाम बताया था। इसके बाद से ही ऐसे कारोबारियों पर एनआइए की दबिश जारी है।
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