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जाली नोटों की तस्करी में रामगढ़ के अफरोज सहित चार दोषी

जाली नोटों की तस्करी के मामले में एनआइए की पटना स्थित विशेष अदालत ने रामगढ़ के अफरोज को दोषी करार दिया है।

By Edited By: Published: Sat, 06 Oct 2018 06:04 AM (IST)Updated: Sat, 06 Oct 2018 07:36 AM (IST)
जाली नोटों की तस्करी में रामगढ़ के अफरोज सहित चार दोषी
जाली नोटों की तस्करी में रामगढ़ के अफरोज सहित चार दोषी

रांची, जेएनएन। जाली नोटों की तस्करी के मामले में एनआइए की पटना स्थित विशेष अदालत ने रामगढ़ के अफरोज अंसारी सहित चार अभियुक्तों को दोषी पाया है। तीन अन्य अभियुक्तों में बिहार के नवादा का सन्नी कुमार उर्फ कबीर खान, पश्चिम बंगाल के मालदा का इशराफुल आलम व आलमगीर शेख उर्फ राजू शामिल हैं। चारों अभियुक्तों के सजा के बिंदु पर सुनवाई 11 अक्टूबर को होगी ।

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जाली नोट तस्करी का यह मामला 2015 का है। तब 19 सितंबर 2015 को बिहार के पूर्वी चंपारण मोतिहारी के रामगढ़वा से 5.94 लाख रुपये के साथ रामगढ़ का अफरोज अंसारी पकड़ा गया था। वह जाली नोटों को लेकर भारत-नेपाल सीमा पर स्थित रक्सौल जा रहा था, जहां से नोटों को रक्सौल में खेप पहुंचाना था। सभी नोट 500 रुपये के पुराने नोट थे। इस कांड की जांच राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआइए) कर रही थी।

चारों अभियुक्तों के खिलाफ एनआइए ने 22 जुलाई 2016 को चार्जशीट दाखिल किया था। इसके बाद एनआइए ने उमर फारूख व मुन्ना सिंह के विरुद्ध 17 अप्रैल 2017 को पूरक आरोप पत्र दाखिल किया था। इस मामले में पश्चिम बंगाल के मालदा निवासी मोहम्मद रासुद्दीन फरार था, जो इसी 26 सितंबर 2018 को गिरफ्तार किया गया है। सभी गिरफ्तार अभियुक्त पटना के बेउर जेल में न्यायिक हिरासत में हैं। शेष अभियुक्तों के खिलाफ ट्रायल जारी है। बांग्लादेश से भारत व नेपाल में जाली नोटों के तस्करी का हुआ था खुलासा एनआइए के अनुसंधान में यह खुलासा हुआ कि जाली नोटों की तस्करी का यह खेल बांग्लादेश से होता है। यहां से जाली नोटों की तस्करी नेपाल व भारत के विभिन्न हिस्सों में होती रही है। अनुसंधान के दौरान ही एनआइए को पश्चिम बंगाल के मालदा निवासी आलमगीर शेख उर्फ राजू के पास से तीन लाख रुपये बरामद किए गए थे।

फारेंसिक जांच में यह स्पष्ट हुआ कि ये नोट उच्च गुणवत्ता के जाली भारतीय नोट हैं। साक्ष्य के आधार पर आठ अन्य की हुई थी गिरफ्तारी एनआइए के अनुसंधान में साक्ष्य के आधार पर आठ अन्य आरोपितों की गिरफ्तारी की गई थी। इनमें बिहार के नवादा निवासी सन्नी कुमार उर्फ कबीर खान, पश्चिम बंगाल के मालदा निवासी इशराफुल आलम, उमर फारूक उर्फ फिरोज, बिहार के रक्सौल निवासी संजय कुमार, बिहार के पश्चिम चंपारण के बेतिया निवासी मुन्ना सिंह व पश्चिम बंगाल के मालदा निवासी असिकुल आलम शामिल हैं।


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