जितनी डिमांड उतनी बिजली नहीं, 100 मेगावाट तक रोज लोड शेडिंग
राज्य में मांग के मुकाबले बिजली की उपलब्धता में घोर कमी देखी जा रही है। कोयला संकट से बिजली का उत्पादन बाधित हो रहा है।
रांची, राज्य ब्यूरो। बिजली उपलब्धता की घोर कमी से राज्य संकट के दौर से गुजर रहा है। इससे राजधानी रांची समेत अन्य महत्वपूर्ण शहर प्रभावित हैं। यह स्थिति मांग के मुकाबले बिजली की उपलब्धता की घोर कमी से उत्पन्न हुई है। राज्य में बिजली की मांग के विरुद्ध उपलब्धता में कमी के कारण रोजाना लगभग 100 मेगावाट तक की लोड शेडिंग की जा रही है।
दिन में लोड शेडिंग के अलावा पीक आवर में भी लोड शेडिंग जारी है जिसका असर आपूर्ति व्यवस्था पर पड़ा है। राज्य के प्रमुख विद्युत उत्पादक संयंत्र तेनुघाट विद्युत निगम लिमिटेड (टीवीएनएल) की एक यूनिट अरसे से ठप है। लिहाजा राज्य को महज एक यूनिट के उत्पादन से हीं काम चलाना पड़ रहा है। इसके अलावा दामोदर घाटी निगम (डीवीसी) की उत्पादन इकाइयां भी अपेक्षित उत्पादन नहीं कर पा रही है। टीवीएनएल में भी कोयले के भंडार का संकट है। यही हाल डीवीसी का है।
डीवीसी के एक वरीय अधिकारी के मुताबिक कोयला संकट के कारण उत्पादन संयंत्र की क्षमता कम हो गई है। इसका असर आपूर्ति पर पड़ रहा है। हालांकि कोल कंपनियों से समन्वय स्थापित कर इस संकट से उबरने की कोशिश की जा रही है लेकिन फिलहाल यह समाप्त होता नहीं दिखता।
मांग के मुकाबले उपलब्धता कम: सामान्य दिनों में राज्य में बिजली की डिमांड 1000-1100 मेगावाट है जबकि उपलब्धता अधिकतम 700 मेगावाट की हो पाती है। अतिरिक्त बिजली ज्यादा दर पर लेकर मांग की पूर्ति की जाती है। ज्यादा मांग होने के कारण लोड शेडिंग हीं एकमात्र उपाय बचता है। इसका असर बिजली की आपूर्ति पर पड़ता है। बीते एक सप्ताह में मांग के मुकाबले विद्युत की कम उपलब्धता का ज्यादा प्रभाव दिख रहा है।
प्रतिकूल परिस्थिति में सिकिदरी हाइडेल काम आ रहा : अमूमन ठप रहने वाला सिकिदरी हाइडेल बिजली की कमी के वक्त राज्य के काम आ रहा है। इसकी दोनों यूनिटों से फिलहाल विद्युत उत्पादन हो रहा है। जिससे औसतन रोजाना 120 मेगावाट से ज्यादा की बिजली मिल रही है।