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वामंपथी इतिहासकारों ने दुनिया में पेश की भारत की गलत छवि : रघुवर

मुख्यमंत्री रघुवर दास खेलगांव में प्रज्ञा प्रवाह के चार दिवसीय लोकमंथन कार्यक्रम के समापन समारोह को संबोधित कर रहे थे।

By Edited By: Published: Mon, 01 Oct 2018 09:22 AM (IST)Updated: Mon, 01 Oct 2018 09:36 AM (IST)
वामंपथी इतिहासकारों ने दुनिया में पेश की भारत की गलत छवि : रघुवर
वामंपथी इतिहासकारों ने दुनिया में पेश की भारत की गलत छवि : रघुवर

रांची, जेएनएन : मुख्यमंत्री रघुवर दास ने कहा है कि आज देश में मुट्ठीभर लोग राष्ट््रवाद को कमजोर करने की साजिश में लगे हैं। वे भारत की मुख्य भावनाओं को जीवित रखने की बजाय इसे चोट पहुंचाने की कोशिश कर रहे हैं। कांग्रेस ने भी महापुरुषों के साथ भेदभाव किया। जिन लोगों ने देश के लिए कुर्बानी दी उन्हें भी इतिहास में उचित स्थान दिलाना जरूरी है। सीएम रविवार को यहां खेलगांव में प्रज्ञा प्रवाह के चार दिवसीय लोकमंथन कार्यक्रम के समापन समारोह को संबोधित कर रहे थे।

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सीएम रघुवर दास ने कहा कि सरदार पटेल, नेताजी, शहीद भगत सिंह से लेकर सुखदेव, राजगुरु जैसे वीर सपूतों को वैसा सम्मान नहीं मिला, जिसके वे हकदार थे। इसी प्रकार झारखंड के वीर शहीद भगवान बिरसा मुंडा, तिलका माझी, सिदो-कान्हू समेत सभी शहीदों के योगदान को कमतर दिखाया गया। मार्टिन लूथर किंग की तरह ही बाबा साहब ने वंचितों के लिए लड़ाई लड़ी। देश को संविधान दिया। अटल बिहारी वाजपेयी की सरकार ने उन्हें भारत रत्न दिया, जो उन्हें काफी पहले मिल जाना चाहिए था। मुख्यमंत्री ने कहा कि वामपंथी इतिहासकारों ने दुनियाभर में भारत की गलत छवि पेश की है। ऐसे समय में लोकमंथन में चिंतन से निकला अमृत देश को सांस्कृतिक राष्ट्रवाद को नई दिशा देगा। हमारे देश में कई धर्म और कई संस्कृति के लोग रहते हैं। हम सर्व धर्म समभाव को मानते हैं। हमारे लिए सभी धर्म एक जैसे हैं। हम सभी धर्मो में विश्वास करते हैं जबकि ईसाई और इस्लाम खुद को सर्वश्रेष्ठ बताते हैं। भारत की परंपरा सभी धमरें की इज्जत करने की रही है। हमारी संस्कृति सभी को साथ लेकर चलने वाली संस्कृति है। हम धरती को मां कहते हैं, धरती के साथ मां और बेटे का संबंध सिर्फ भारत में ही है। लोकमंथन के माध्यम से पूरे विश्व में भारत की संस्कृति वसुधैव कुटुम्बकम को विस्तार देने की जरूरत है।

आदिवासियों का धर्मातरण नहीं होने देंगे मुख्यमंत्री ने कहा कि झारखंड का लोक जीवन नृत्य, गीत एवं संगीत से परिपूर्ण है। आदिवासियों का इतिहास हजारों साल पुराना है। सदियों से हमारी संस्कृति को संभालकर समृद्ध करने में जनजातीय समाज का बहुत बड़ा योगदान है। विकास की दौड़ में सम्मिलित होने के लिए आदिवासी समाज सजग हो गया है। आज समाज को तोड़ने वाली शक्तियां सक्रिय है। उन्हें परास्त कर समाज को परमवैभव तक ले जाना है। सारा समाज मेरा अपना है, यह भाव जगाना है। भोले भाले आदिवासियों को बहला -फुसलाकर यहां बड़े पैमाने पर धर्मातरण हुए हैं। सरकार ने कानून बनाया है कि किसी को जबरन या लोभ देकर धर्मातरण कराया यह जुर्म होगा।

आर्थिक-औद्योगिक क्रांति झारखंड से : बाउरी राज्य के पर्यटन, कला एवं संस्कृति मंत्री अमर कुमार बाउरी ने समापन समारोह में कहा कि झारखंड प्रकृति के वैभव से परिपूर्ण राज्य है। यह देश की आर्थिक व औद्योगिक क्रांति का जनक है। 1908 में टाटा ने प्राकृतिक संसाधन को देखते हुए यहां फैक्ट्री स्थापित की। झारखंड के बारे में नकारात्मक छवि यहां आकर बदल जाती है।

विस अध्यक्ष रहे मौजूद कार्यक्रम में झारखंड विधानसभा के अध्यक्ष दिनेश उराव, कला संस्कृति विभाग के सचिव मनीष रंजन, प्रज्ञा प्रवाह के राष्ट्रीय संयोजक जे नंद कुमार, केंद्रीय विश्वविद्यालय के कुलपति प्रोफेसर नंद कुमार इंदू, वेद विशेषज्ञ डा देवी सहाय पाडेय, राची की मेयर आशा लकड़ा समेत बड़ी संख्या में लोग उपस्थित थे।


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