आयुष्मान भारत : गोल्डन कार्ड के लिए परेशान न हों, लाल-पीला कार्ड है तो स्वत: लाभुक
स्वास्थ्य विभाग की प्रधान सचिव निधि खरे ने दैनिक जागरण के प्रश्न प्रहर कार्यक्रम में पाठकों के सवालों का जवाब दिया।
रांची, जेएनएन। स्वास्थ्य सचिव निधि खरे ने आयुष्मान भारत-प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना के लाभुकों से गोल्डन कार्ड के लिए परेशान न होने की सलाह दी है। उनके अनुसार, यदि किसी परिवार के पास राशन कार्ड (लाल कार्ड या पीला कार्ड) है तो वह स्वत: विश्व की इस सबसे बड़ी स्वास्थ्य सुरक्षा योजना का लाभुक है।
योजना का लाभ लेने के लिए राशन कार्ड ही जरूरी है। स्वास्थ्य सचिव गुरुवार को दैनिक जागरण के लोकप्रिय कार्यक्रम प्रश्न प्रहर में पाठकों के सवालों का जवाब दे रही थीं। अधिसंख्य पाठकों के इसे लेकर सवाल थे कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की इस महत्वाकांक्षी योजना का लाभ लेने के लिए गोल्डन कार्ड कहां और कैसे बनेगा। स्वास्थ्य सचिव ने उनके संशय का समाधान करते हुए स्पष्ट रूप से कहा कि किसी लाभुक परिवार के लिए कोई जरूरी नहीं कि गोल्डन कार्ड अभी ही बनाया जाए। इसके लिए वे कदापि पैनिक न हों।
परिवार के किसी सदस्य के बीमार होने पर इलाज की जरूरत हो तो किसी भी सूचीबद्ध अस्पताल में जाने पर मौके पर ही गोल्डन कार्ड बन जाएगा। गोल्डन कार्ड बनने का कार्य अनवरत चलता रहेगा।स्वास्थ्य सचिव ने यह भी कहा कि प्रधानमंत्री द्वारा हस्ताक्षरित पत्र शीघ्र ही सहिया या वार्ड पार्षद के माध्यम से सभी लाभुकों को मिलेगा। यह भी लाभुक होने का प्रमाण होगा। लाभुक परिवार राशन कार्ड, पीएम का पत्र तथा आधार कार्ड दिखाकर सूचीबद्ध अस्पतालों में इलाज करा सकते हैं।
एक साल तक सभी सदस्यों के लिए पांच लाख का बीमा : स्वास्थ्य सचिव ने पाठकों के सवालों के जवाब में यह भी बताया कि पांच लाख रुपये का स्वास्थ्य बीमा पूरे एक साल तक के लिए है। कोई जरूरी नहीं कि यह राशि एक बार ही इलाज में खर्च हो जाए। यदि लाभुक परिवार के किसी सदस्य के इलाज में एक लाख रुपये खर्च होता है तो यह राशि गोल्डन कार्ड से कट जाएगी। चार लाख रुपये उसके कार्ड में शेष रह जाएंगे। शेष राशि से उसे या परिवार के किसी दूसरे सदस्य का उस अस्पताल या किसी दूसरे अस्पताल में इलाज हो सकेगा। यह राशि परिवार के सभी सदस्यों के इलाज के लिए है। परिवार के सदस्यों की कोई सीमा नहीं है।
फर्जीवाड़ा रोकने के लिए आधार जरूरी : स्वास्थ्य सचिव के अनुसार, योजना में फर्जीवाड़ा रोकने लिए आधार कार्ड जरूरी है। किसी लाभुक के बदले कोई दूसरा इलाज न करा ले, इसे सुनिश्चित करने के लिए यह व्यवस्था की गई है। हालांकि आधार कार्ड नहीं होने पर वोटर आइ कार्ड या ड्राइविंग लाइसेंस भी दे सकते हैं।
राशन कार्ड नहीं है तो बनवा लें : उन्होंने कहा कि योजना का लाभ लेने के लिए लाल या पीला कार्ड जरूरी है। जिन गरीबों के पास यह कार्ड नहीं बना है तो वे खाद्य आपूर्ति विभाग से संपर्क कर इसे बनवा सकते हैं।
भर्ती होने पर ही लाभ : योजना का लाभ भर्ती होने पर ही मिलेगा। ओपीडी इसमें नहीं आता है। अर्थात सामान्य सर्दी-खांसी या बुखार होने पर डॉक्टर से दिखाने में इसका लाभ नहीं मिलेगा। यदि अस्पताल में चाहे जितने समय के लिए भी भर्ती होना पड़े तो इसका लाभ मिलना शुरू हो जाएगा। उसके बाद दवा, जांच, डॉक्टर की फीस के अलावा तमाम खर्च सरकार वहन करेगी।