अब सात अक्टूबर से नगर निगम के 10 वार्डो में कूड़ा उठाएगी एस्सेल इंफ्रा
शेष 10 वार्ड 20 अक्टूबर के बाद किए जाएंगे हैंडओवर
जागरण संवाददाता, रांची : आरएमएसडब्ल्यू (एस्सेल इंफ्रा) प्राइवेट लिमिटेड सात अक्टूबर से 10 अन्य वार्डो में सफाई व्यवस्था व डोर-टू-डोर कूड़ा कलेक्शन का काम शुरू करेगा। मंगलवार को उप नगर आयुक्त की अध्यक्षता में 53 वार्डो की सफाई व्यवस्था पर रांची नगर निगम में बैठक आहुत की गई थी। बैठक में कंपनी के अधिकारियों ने 10 वार्डो की जिम्मेदारी लेने पर अपनी सहमति प्रदान कर दी है। सहायक लोक स्वास्थ्य पदाधिकारी डॉ. किरण कुमारी ने बताया कि बैठक में 33 वार्डो के अलावा शेष 20 वार्डो में आरएमएसडब्ल्यू को सफाई व्यवस्था की जिम्मेदारी हैंडओवर पर चर्चा हुई। कंपनी की ओर से संबंधित वार्डो की सफाई व्यवस्था को लेकर प्लान दिया गया है। प्रथम चरण में सात अक्टूबर को 10 वार्ड हैंडओवर किए जाएंगे। पुन: 20 अक्टूबर के बाद शेष सभी वार्ड आरएमएसडब्ल्यू को हैंडओवर कर दिए जाएंगे। इधर, आरएमएसडब्ल्यू के अधिकारियों की मानें तो 53 वार्डो में सफाई कार्य के लिए 305 छोटे वाहन चाहिए। छोटे वाहनों की कुल संख्या भी उपलब्ध है। हालांकि वर्तमान में मात्र 130-35 वाहन ही 33 वार्डो की सफाई के लिए उपयोग किए जा रहे हैं। लगभग 175 छोटे वाहन खराब हैं। मंगलवार से वाहनों के मरम्मत का काम शुरू हो चुका है। खराब वाहनों के कारण कंपनी दो अक्टूबर से पहले 53 वार्डो में सफाई व्यवस्था की जिम्मेदारी लेने में सक्षम नहीं है। खराब वाहनों का मरम्मत कार्य पूरा होने के बाद सभी वार्डो में सफाई व्यवस्था बेहतर होगी। --- बॉक्स -- एस्सेल इंफ्रा के मैकेनिज्म को ठीक करने की जरूरत जागरण संवाददाता, रांची : शहर में फैली गंदगी के मुद्दे पर मंगलवार को डिप्टी मेयर संजीव विजयवर्गीय समेत कई पार्षदों ने नगर आयुक्त मनोज कुमार के साथ बैठक की। डिप्टी मेयर ने बताया कि नगर आयुक्त अब कंपनी (एस्सेल इंफ्रा) के माध्यम से सफाई व्यवस्था को दुरुस्त कराने के लिए नई योजना तैयार कर रहे हैं। नगर आयुक्त के अनुसार कंपनी के मैकेनिज्म को ठीक करने की जरूरत है। सभी वाहनों में लगाए गए जीपीएस सिस्टम के ट्रैकिंग करने की जरूरत है। इसके अलावा कंपनी को 53 वार्डो में सफाई व्यवस्था व डोर-टू-डोर कूड़ा उठाव की जिम्मेदारी देनी होगी। तभी सफाई व्यवस्था की बेहतर मॉनिट¨रग संभव हो पाएगी। बैठक के दौरान नगर आयुक्त ने कहा कि कंपनी के बकाए राशि का भुगतान किया जा रहा है, ताकि खराब पड़े वाहनों का मरम्मत कराया जा सके। अब कंपनी को भुगतान किए गए पैसे का हिसाब भी देना होगा। अर्थात नगर निगम से भुगतान किए गए पैसों को किस-किस मद में खर्च किया जा रहा है। सफाई व्यवस्था को दुरुस्त करने में संसाधनों को दुरुस्त करने पर कितने खर्च किए गए। कंपनी को अब भुगतान किए गए पैसे के पाइ-पाइ का हिसाब देना होगा।
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53 वार्डो के लिए संसाधनों की जरूरत
टाटाएस की संख्या : 169
टाट जिप की संख्या : 136
कुल छोटे वाहनों की संख्या : 305
ड्राइवर की संख्या : 305
हेल्पर की संख्या : 305