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मजिस्ट्रेट की उपस्थिति में खोली गईं पहाड़ी मंदिर की दानपेटियां, दस फीसद नोट मिले खराब

भक्तों द्वारा श्रद्धा से डाले गए नोटों की हालत ऐसी थी कि दानपेटियों से निकाले गए नोटों में से सड़े-गले नोटों व अच्छे नोटों को अलग करना बड़ी चुनौती बन गई।

By Edited By: Published: Wed, 26 Sep 2018 07:01 AM (IST)Updated: Wed, 26 Sep 2018 04:20 PM (IST)
मजिस्ट्रेट की उपस्थिति में खोली गईं पहाड़ी मंदिर की दानपेटियां, दस फीसद नोट मिले खराब
मजिस्ट्रेट की उपस्थिति में खोली गईं पहाड़ी मंदिर की दानपेटियां, दस फीसद नोट मिले खराब

जागरण संवाददाता, रांची। तीन महीने से अधिक समय के लंबे इंतजार के बाद आखिरकार पहाड़ी मंदिर में नोटों से भरी दानपेटियों को खोला गया। इस दौरान दानपेटियों से करीब 4 लाख 50 हजार रुपये के नोट व सिक्के निकाले गए। 21 सितंबर के अंक में दैनिक जागरण ने दानपेटियों में नोटों के खराब हो जाने और पुजारियों को वेतन नहीं मिल पाने का मामला प्रमुखता से उठाया था। इसके बाद प्रशासन हरकत में आया और दंडाधिकारियों की मौजूदगी में दानपेटियां खुलवाईं गईं। मौके पर मौजूद कार्यपालक दंडाधिकारी ऐनी कुजूर के मुताबिक दानपेटियों से नोटों में 10 प्रतिशत नोट खराब हो गए हैं।

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उपायुक्त सह मंदिर प्रबंधन कमेटी के अध्यक्ष ने दानपेटियां खोलने के लिए कांके सीआई चंचल किशोर प्रसाद, अरगोड़ा सीआई कमलकांत वर्मा, हेहल सीआई दिलीप कुमार गुप्ता, मांडर सीआई रमेश कुमार रविदास और ओरमांझी सीआई रंजीत कुमार को मजिस्ट्रेट नियुक्त करते हुए एक पांच सदस्यीय टीम गठित की थी। इसका प्रभार कार्यापालक दंडाधिकारी ऐनी कुजूर को सौंपा गया था। मंगलवार को जब ऐनी कुजूर के प्रभार वाली टीम ने दानपेटियां खुलवाई तो नोटों की हालत देख निराशा हुई। भक्तों द्वारा श्रद्धा से डाले गए नोटों की हालत ऐसी थी कि दानपेटियों से निकाले गए नोटों में से सड़े-गले नोटों व अच्छे नोटों को अलग करना बड़ी चुनौती बन गई।

जानें, क्यों हुई ऐसी स्थिति
दरअसल तत्कालीन एसडीओ अंजलि यादव ने मंदिर की दानपेटियों को सील कराया था। इसके बाद उनकी अनुमति के बिना दानपेटियों को खोला नहीं जा सकता था। इससे पहले जहां पहले 20 से 25 दिन में मंदिर समिति के सदस्यों द्वारा दानपेटियां खोली जाती थीं। वहीं इसके बाद पेटियां खुली हीं नहीं। इसके कारण पेटियां पूरी तरह नोटों से भर गईं। इस बीच बरसात में कई पेटियों में पानी भी घुस गया और नोटों की ऐसी हालत हो गई।

अच्छे नोटों को अलग करना रहा सबसे बड़ी चुनौती
मंगलवार को जब मंदिर की दानपेटियां खोली गई। तो मंदिर समिति व सेवादारों के सामने सबसे बड़ी चुनौती सड़े-गले नोटों से अच्छे को अलग करना रहा। इस दौरान मंदिर में पूजा-अर्चना के लिए आ रहे भक्तों से भी अच्छे नोटों को अलग करने के लिए सहयोग लिया गया। इस दौरान सिक्के भी परेशानी का सबब बने रहे।

तीन बैंकों में है पहाड़ी मंदिर का अकाउंट
पहाड़ी मंदिर का कुल तीन बैंकों में अकाउंट है। इसमें सेंट्रल बैंक ऑफ इंडिया अपर बाजार, बैंक ऑफ इंडिया मेन रोड व एसबीआई किशोरगंज शाखा शामिल है। कल भी जारी रहेगी पैसों की गिनती कार्यपालक दंडाधिकारी ऐनी कुजूर ने बताया कि बाकि सभी दानपेटियों को भी खंगाला जाएगा व पैसों की पूरी गिनती की जाएगी। यह गिनती बुधवार और जरूरत पड़ने पर उसके आगे भी जारी रहेगी।

गिनती के बाद बैंकों में जमा की जाएगी राशि
उन्होंने बताया कि बुधवार की गिनती के बाद रुपये बैंक में जमा कराए जाएंगे। वहीं सोमवार को 4 लाख 49 हजार 500 रुपये की गिनती हुई। 23 में से सिर्फ 4 पेटियां ही खुलीं मंगलवार को पहाड़ी मंदिर की सिर्फ चार दानपेटियां ही खोलीं गईं। बाकी दानपेटियां बुधवार को खोली जाएंगी।

पहले 20 से 25 दिन में रविवार को दानपेटियां खोली जाती थी। पिछले तीन महीने से दानपेटियां सील होने के कारण नोटों की गिनती नहीं हुई थी। इससे नोटों की यह हालत हुई है।
-शेरू, सेवादार, पहाड़ी मंदिर।


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