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नहीं रहे एमआर मार्केट रांची के संस्थापक भागचंद जैन

कई धार्मिक व समाजसेवी संगठनों से जुड़े थे भागचंद, कई राज्यों में था कपड़े का व्यापार

By JagranEdited By: Published: Wed, 26 Sep 2018 02:41 AM (IST)Updated: Wed, 26 Sep 2018 02:41 AM (IST)
नहीं रहे एमआर मार्केट रांची के संस्थापक भागचंद जैन
नहीं रहे एमआर मार्केट रांची के संस्थापक भागचंद जैन

जागरण संवाददाता, रांची : शहर के जाने-माने व्यवसायी व समाजसेवी भागचंद जैन का मंगलवार सुबह मुंबई में निधन हो गया। एमआर मार्केट और बिगशॉप जैसे बड़े व्यापारिक प्रतिष्ठानों के मालिक भागचंद जैन शहर के कई धार्मिक व सामाजिक संगठनों से जुड़े थे। मूल रूप से वह राजस्थान के जयपुर के आस्थिकला गांव के रहनेवाले थे। 67 वर्षीय भागचंद जैन का मुंबई समेत देश के कई शहरों में कारोबार व आवास है। मुंबई में मंगलवार को लोखंडवाला स्थित आवास पर वह चक्कर खाकर गिर पड़े और थोड़ी ही देर में उनकी मौत हो गई। इन दिनों वे हृदय रोग व किडनी समेत कई बीमारियों से जूझ रहे थे। बुधवार को हरमू मुक्तिधाम में उनका अंतिम संस्कार किया जाएगा। अपराह्न दो बजे रांची के कांके रोड स्थित उनके आवास श्रीराम गार्डन से शवयात्रा निकाली जाएगी। उनके निधन पर जैन समाज के लोगों और व्यवसाय जगत में शोक का माहौल है। वह अपने पीछे दो बेटे विकास जैन और नितेश जैन के अलावा विवाहित बेटी एकता जैन को छोड़ गए हैं। लोगों को भरपेट खाना खिलाने की आस लिए गुजर गए भागचंद

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भागचंद जैन ने एमआर मानव सेवा संस्थान के बैनर तले प्रतिदिन 500 लोगों को 10 रुपये में भरपेट भोजन उपलब्ध कराने की योजना बनाई थी। इसके लिए वे इसी वर्ष के जनवरी माह से प्रयासरत थे। शासन-प्रशासन से वे इसके लिए वह एक छोटी सी जगह की मांग कर रहे थे। मुख्यमंत्री से लेकर नगर विकास मंत्री और मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव से भी वह इस मामले में लगातार पत्राचार कर रहे थे। उनके मित्र सेवानिवृत्त आइएएस अधिकारी एमपी आजमेरा समेत कई लोग इस मामले में लगातार सरकार से पत्राचार व अनुरोध कर रहे थे। नगर विकास मंत्री सीपी सिंह ने अनुशंसा भी कर दी थी, लेकिन मामला नगर निगम में आकर लटक गया था। भागचंद जैन ने प्रस्ताव दिया था कि अपर बाजार में महावीर मंदिर के पास स्थित पुराने जर्जर अपर बाजार थाना के परिसर में इसके लिए छोटी जगह दे दी जाय। इस स्थान पर अभी नगर निगम का कूड़ा डंप रहता है। नगर विकास मंत्री की अनुशंसा के बाद भी यह काम लटका हुआ है। अब उनके परिजन व साथ के लोग भागचंद के इस सपने को पूरा करना चाहते हैं। -----------

एमआर मार्केट को दिलाई पूरे देश में पहचान, मेडिका अस्पताल बनाने में भी भूमिका भागचंद जैन ने 1982 में रांची के अपर बाजार में कपड़े के थोक व्यापार के लिए एमआर मार्केट की स्थापना कर वस्त्र व्यापार के क्षेत्र में अलग ही धाक और पहचान बनाई। मेहनत के दम पर उन्होंने रायपुर, सूरत, मुंबई, बनारस, कोलकाता और बड़ोदरा समेत देश के कई शहरों में वस्त्र व्यापार को फैलाया। टेक्सटाइल ग्रुप में रांची के एमआर मार्केट को पूरे देश में उन्होंने पहचान भी दिलाई। इसके अलावा रांची में भगवान महावीर मेडिका अस्पताल की स्थापना में भी इन्होंने अहम भूमिका निभाई। वह झारखंड थोक वस्त्र व्यापार संघ के अध्यक्ष व दिगंबर जैन समाज के मंत्री जैसे पदों को सुशोभित कर चुके हैं। --------

सबकी करते थे मदद, सरल था व्यवहार

भागचंद जैन मृदुभाषी, विनोदी व दयालु स्वभाव के थे। वह जरूरतमंदों की मदद को तत्पर रहते थे। राजस्थान में भी औषधालय, पाकशाला व स्कूल का संचालन कर वह समाजसेवा के कार्य करते थे। रांची में भी वह धार्मिक व समाजसेवा के काम में बढ़-चढ़कर हिस्सा लेते थे। -------

मेहनत के दम पर पहुंचे सफलता के शीर्ष पर

भागचंद जैन व उनके पूरे परिवार ने मेहनत के दम पर कारोबार को आगे बढ़ाया और सफलता के शीर्ष पर पहुंचे। 1958 में उनके पिता मांगी लाल राजस्थान से रांची आए थे। उनके चारो बेटे भागचंद जैन, रतनलाल जैन, निर्मल कुमार जैन और संतोष जैन ने मेहनत के दम पर व्यापार की दुनिया में खूब नाम कमाया। अपर बाजार के नार्थ मार्केट में एक छोटी सी कपड़े की दुकान से देशभर में थोक वस्त्र और कपड़ा निर्माण का व्यापार फैलाना उनके जज्बे की कहानी कहता है। इन प्रतिष्ठानों में लगभग 2000 लोग कार्यरत हैं।


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