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स्वागत के लिए 'हां' और रैंगिंग को कहें 'ना'

- रांची विवि के छात्र-छात्राओं को दिखाई जाएगी रैंगिंग के इफेक्ट पर बनी फिल्म दिखाई जाएगी।

By JagranEdited By: Published: Sat, 22 Sep 2018 09:43 PM (IST)Updated: Sat, 22 Sep 2018 09:43 PM (IST)
स्वागत के लिए 'हां' और रैंगिंग को कहें 'ना'
स्वागत के लिए 'हां' और रैंगिंग को कहें 'ना'

फोटो --- - रांची विवि के छात्र-छात्राओं को दिखाई जाएगी रैंगिंग के इफेक्ट पर बनी फिल्म

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- डीन व प्राचार्यो की बैठक हुआ निर्णय जागरण संवाददाता, रांची : रांची विश्वविद्यालय के छात्र-छात्राओं को रैंगिंग के इफैक्ट पर बनी फिल्म 'नां और हां' दिखाई जाएगी। ऐसा विद्यार्थियों को रैंगिंग से दूर रखने के लिए किया जा रहा है। इस लघु फिल्म में विद्यार्थी नए छात्र-छात्राओं का स्वागत को हां और रैंगिंग को ना कहते हैं। फिल्म दिखाने का निर्णय शनिवार को प्रतिकुलपति डॉ. कामिनी कुमार के साथ संकायाध्यक्ष व प्राचार्यो के साथ हुई बैठक में ली गई। सभी संकायाध्यक्ष व प्राचार्य को फिल्म की सीडी उपलब्ध करा दी गई। झारखंड के किसी विवि में पहली बार इस तरह की लघु फिल्म दिखाई जाएगी। बैठक में महात्मा गांधी की 150वीं जयंती पर पीजी विभागों व कॉलेजों में विभिन्न कार्यक्रम आयोजित करने का निर्णय हुआ। इस मौके पर कुलसचिव डॉ. अमर कुमार चौधरी, सीसीडीसी डॉ. लाल गिरिजा शंकर नाथ शाहदेव, डीन डॉ. आइके चौधरी, प्राचार्या डॉ. मंजू सिन्हा, डॉ. सिस्टर ज्योति, डॉ. सिद्धार्थ एक्का, डॉ. राजेश कुमार, डॉ. बीपी वर्मा, डॉ. एके मलकानी, डॉ. ई. बारला सहित अन्य थे। यूजीसी ने किया है चयन

यूजीसी ने आरयू से रैंगिंग के इफेक्ट पर बनी लघु फिल्म की इंट्री करने को कहा था। रांची विवि ने तीन इंट्री भेजा था, जिसमें सभी का चयन हुआ। इधर रांची विवि ने अपने विद्यार्थियों को डॉ. सुशील कुमार अंकन द्वारा निर्मित व निर्देशित फिल्म नां और हां को दिखाने का निर्णय लिया। इस 15 मिनट की फिल्म में रांची विवि के पीजी विभागों के विद्यार्थी विभिन्न भूमिका में हैं। कैमरामैन निरंजन कुमार हैं। कई राज्य की घटनाओं के दृश्य

फिल्म की शुरुआत रैंगिंग के प्रचलन से होकर अंत रैंगिंग को कहें ना की शपथ के साथ होती है। फिल्म में बताया है कि अभी तक देश में रैंगिंग से कितनी मौत हो चुकी है। इसमें तमिलनाडु, हिमाचल प्रदेश, केरला, बेंगलुरु, मेरठ, कोलकाता में हुए रैंगिंग, हत्या या प्रताड़ना के दृश्य की झलक दिखाई गई है। फिल्म में मनोचिकित्सक डॉ. पवन कुमार वर्णवाल ने रैंगिंग करने के मानसिक कारण, मानवाधिकार कार्यकर्ता विकास कुमार ने इससे होने वाले मानवाधिकार उल्लंघन के बारे में बताया है। इसी तरह एडवोकेट इंदु पराशर ने रैंगिंग करने के मामले में कानूनी कार्रवाई और सिटी एसपी अमन कुमार ने छात्रों को भविष्य खराब नहीं करने की सलाह दी है। इसके अलावा कुलपति डॉ. रमेश पांडेय व प्रोवीसी डॉ. कामिनी कुमार का भी संदेश है। होगी गांधी दर्शन केंद्र की स्थापना

बैठक में निर्णय हुआ कि दो अक्टूबर तक पीजी विभागों व कॉलेजों में निबंध लेखन, भजन गायन आदि प्रतियोगिताएं होंगी। इसके अलावा गांव गोद लेने और उसके विकास की सफल स्टोरी, स्वच्छता कार्यक्रम, गांधी दर्शन केंद्रों की स्थापना, सभी पुस्तकालयों में गांधीयन थाउट कार्नर की स्थापना की जाएगी। गांधी जी के वचनों का बैनर तैयार कर लगाया जाएगा। दो अक्टूबर को कार्यक्रम के समापन पर पुरस्कार वितरण किया जाएगा।


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