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निकाला मातमी जुलूस, दिखाया कुर्बानी का जज्बा

शहर में शुक्रवार को शिया समुदाय के लोगों द्वारा मुहर्रम जुलुस निकाला गया, इस दौरान कुर्बानी को याद किया गया। जफारिया मस्जिद से जुलुस बारिश के बीच निकला।

By JagranEdited By: Published: Sat, 22 Sep 2018 08:25 AM (IST)Updated: Sat, 22 Sep 2018 08:25 AM (IST)
निकाला मातमी जुलूस, दिखाया कुर्बानी का जज्बा
निकाला मातमी जुलूस, दिखाया कुर्बानी का जज्बा

रांची : राजधानी रांची मे शुक्रवार को बारिश के बीच शिया समुदाय की ओर से जाफारिया मस्जिद से मातमी जुलूस निकाला गया। इस दौरान इमाम ए हुसैन और उनके 72 साथियों की शहादत की याद में शरीर को खंजरों से लहूलुहान कर कुर्बानी का जज्बा दिखाया। जुलूस में शामिल लोग शरीर पर काला लिबास, नंगे पाव और हाथों में अलम लेकर चल रहे थे। कासिम अली ने नौहा पढ़ा कि ऐ मोमिनो उठाओ जनाजा हुसैन का, दिल की तस्कीन है जख्मों की दवा है मातम। यह सुनते हुए लोग हाय हुसैन, का नारा बुलंद करते हुए अपनी छाती पीट रहे थे। नौहा पढ़ी जा रही थी कि, कर्बला के शहीदों का तुम मातम करो, फातिमा चाहती है मुहर्रम करो। सिर को पीटो, मजलूमों का मातम करो। यह सुनने के बाद सभी मातम में डूब गए। हर तरफ बस या हुसैन हाय हुसैन की सदा के साथ सिसकिया गूंज रही थीं। हर अजादार मातम ए हुसैन में डूबा हुआ था। तिरंगे के साथ निकाला जुलूस :

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अलम और तिरंगा के साथ जुलूस मेन रोड के टैक्सी स्टैंड पहुंचे। यहा पर कासिम अली ने अलम की शान नौहा पढ़ा कि हश्र रहे उंचा अब्बास अलम तेरा, देती है दुआ जेहरा खुश होते हैं हैदर भी, हर साल मुहर्रम में उठता है अलम तेरा। मौके पर नगर विकास मंत्री सीपी सिंह भी जुलूस का स्वागत करने के लिए पहुंचे। उन्होंने जुलूस का इस्तकबाल करते हुए कहा कि इमाम ए हुसैन के बताए हुए रास्ते पर हमें चलना चाहिए। इसके बाद जुलूस में शामिल समुदाय के लोग स्टैंड के चौराहे पर गोल बनाकर खड़े हो गए। हर शख्स के हाथों में खंजर था। जैसे ही नौहा पढ़ा गया या हुसैन का नारा बुलंद करते हुए लोग अपने जिस्म पर खंजरों से वार करने लगे। इससे उनका शरीर लहूलुहान हो गया। मातम करने वालों में न सिर्फ नौजवान बल्कि बच्चे व बूढ़े भी थे। बारिश की वजह से आधे घटे तक समुदाय के लोग खंजरों से जिस्म पर मारते रहे।

शहादत का जज्बा पैदा करता है मुहर्रम

जंजीरी मातम करने के बाद मातमी जुलूस उर्दू लाइब्रेरी गया। वहा पर सभी सड़क पर ही बैठ गए। इमाम मौलाना तहजीबुल हसन रिजवी ने खेताब करते हुए कहा कि आज हमारा मुहर्रम कुर्बानी करने का जज्बा लोगों के अंदर पैदा करता है। बगैर बलिदान के न देश बचा है और न ही इंसानियत। अगर तमाम इंसानों में सच्चाई के प्रति जागरूकता पाई जाए तो हर तरफ अमन नजर आएगा। कर्बला में हुआ जुलूस का समापन

इसके बाद जुलूस अंजुमन प्लाजा, वूल हाउस, फतेउल्लाह रोड होते हुए कर्बला चौक गया। वहा पर लोगों ने जुलूस का खैरमकदम भी किया। कर्बला चौक स्थित कर्बला में जुलूस का समापन किया गया। जुलूस के संचालन अंजुमन ए जाफरिया के अध्यक्ष डॉक्टर शमीम हैदर, सचिव अशरफ हुसैन कर रहे थे। नोहाखानी कासीम अली, आजाद हुसैन, फैजान हैदर, ताबिश रजा, अली रजा ने किया। मरसियाखानी आजम हैदरी, हसन इमाम,अतहर अली ने किया। मौके पर एस जसीम रिजवी, डॉ मुबारक अब्बास, अली नवाब, अली हसन फातमी, शब्बीर अहमद, तनवीर हुसैन, इम्तियाज अहमद, सैयद फराज अब्बास, इकबाल फातमी, नजरे इमाम,अमीर हुसैन रिजवी, समेत सैकड़ों लोग शामिल थे। इन्होंने किया स्वागत

अल्पसंख्यक आयोग के अध्यक्ष कमाल खान, उपाध्यक्ष गुरविंदर सिंह शेट्टी, खादी ग्राम बोर्ड के अध्यक्ष संजय सेठ, पूर्व केंद्रीय मंत्री सुबोधकात सहाय, तिलकराज आजमानी, मो इस्लाम, रामधन बर्मन, महावीर मण्डल के पूर्व अध्यक्ष राजीव रंजन मिश्रा, जयसिंह यादव, ललित ओझा, गुल मोहम्मद गद्दी, महासचिव अकील उर रहमान, उपसचिव आदिल रशीद, जावेद गद्दी, डॉ.हसनैन, सोहेल सईद, धौताल अखाड़ा के प्रमुख खलीफा जमशेद अली उर्फ पप्पू गद्दी, साहब अली, के अलावा हनुमान मंदिर पर सद्भावना समिति, महानगर दुर्गा पूजा समिति के पदाधिकारियों ने जुलूस का स्वागत किया।


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