बुद्धा फाउंडेशन के चेयरमैन के बयान से सीआइडी असंतुष्ट
रांची, राज्य ब्यूरो। रांची के बरियातू रोड स्थित हाई क्यू इंटरनेशनल स्कूल में 13 सितंबर 2013 को हुई कक्षा दस की 15 वर्षीय छात्रा विदिशा राय हत्याकांड में बुद्धा फाउंडेशन के चेयरमैन हरिनारायण चतुर्वेदी का बयान संदेह के घेरे में है।
रांची, राज्य ब्यूरो। रांची के बरियातू रोड स्थित हाई क्यू इंटरनेशनल स्कूल में 13 सितंबर 2013 को हुई कक्षा दस की 15 वर्षीय छात्रा विदिशा राय हत्याकांड में बुद्धा फाउंडेशन के चेयरमैन हरिनारायण चतुर्वेदी का बयान संदेह के घेरे में है। रांची पुलिस के बाद सीआइडी के अनुसंधान में कई महत्वपूर्ण बिंदु सामने आए हैं। इसके आधार पर अधिकारी साक्ष्य संकलित करने में जुटे हैं।
लोकायुक्त जस्टिस डीएन उपाध्याय ने इस पूरे प्रकरण में कांड के अनुसंधानकर्ता मोहम्मद कासिम व पर्यवेक्षी पदाधिकारी सीआइडी के एसपी पी. मुरुगन को कांड की प्रगति रिपोर्ट के साथ उपस्थित होने का आदेश दिया था। दोनों ही अधिकारी केस डायरी व जांच रिपोर्ट के साथ लोकायुक्त के सामने उपस्थित हुए। लोकायुक्त ने जांच में इंगित कमियों पर सवाल उठाते हुए दोनों ही अधिकारियों को अविलंब यथोचित कार्रवाई का आदेश दिया है। अगली सुनवाई चार अक्टूबर को निर्धारित की गई है।
लोकायुक्त ने जिन बिंदुओं को पकड़ा :
- स्कूल प्रबंधन के चेयरमैन हरिनारायण चतुर्वेदी ने घटना के दिन 13 सितंबर 2013 को मेदांता में इलाज करवाने, तीन महीने तक अपहर्ताओं के चंगुल में रहने संबंधी मामला बरियातू थाने में दर्ज करवाया था। जब उनका अपहरण दिल्ली में हुआ तो बरियातू में घटना के तीन महीने के बाद प्राथमिकी दर्ज क्यों कराई?
- चेयरमैन हरिनारायण चतुर्वेदी ने ई-टिकट से दिल्ली जाने की बात बताई थी। उन्होंने जो टिकट दिया, उसपर सीट नंबर ही नहीं है। ऐसे में टिकट की असलियत पर सवाल उठता है?
- स्कूल प्रबंधन ने विदिशा की मौत की वजह फांसी लगना बताया था, जबकि विदिशा की जीभ बाहर नहीं निकली हुई थी।
- विदिशा की जहां पर फांसी लगने की जानकारी दी गई थी, वहां फांसी पर लटकने के लिए कोई फर्नीचर नहीं मिला था।
क्या बताया गया था मामला : बरियातू में बुद्धा फाउंडेशन के अधीन संचालित हाई क्यू इंटरनेशनल स्कूल में 13 सितंबर 2013 को दसवीं की छात्रा विदिशा राय की संदिग्ध परिस्थिति में मौत हो गई थी। इसके बाद पुलिस ने विदिशा की सहेली खुशबू का बयान लिया था। सहेली ने बताया था कि घटना के 10-15 दिन पहले ही विदिशा अपने घर चतरा से रांची आई थी। वह उदास रहती थी और 13 सितंबर को फिर चतरा जाने वाली थी। उसने अपने हॉस्टल के कमरा नंबर 15 में जाकर पंखे से फांसी लगाने की बात कही गई। घटना के बाद प्रबंधन ने जो बयान दिया था, उसके बाद से ही पूरा प्रबंधन जांच के घेरे में है।
इस पूरे प्रकरण में विदिशा के पिता विकास कुमार राय ने स्कूल के चेयरमैन हरिनारायण चतुर्वेदी व प्रशासनिक पदाधिकारी सुभाष क्रिपेकर के विरुद्ध एकमत होकर हत्या की प्राथमिकी दर्ज कराई थी। जांच में कई बिंदु स्कूल प्रबंधन की भूमिका पर सवाल खड़े कर रहे हैं।