Move to Jagran APP

लड़कियों का सौदा कर 15 साल में बना 80 करोड़ का मालिक

राची, दिलीप कुमार। जमानत पर बाहर आया 5000 लड़कियों का सौदागर पन्नालाल महतो प्लेसमेंट एजेंसी के माध्यम से भोले-भाले आदिवासी लड़के-लड़कियों का सौदा कर महज 15 वषरें में 80 करोड़ से अधिक की संपत्ति का मालिक बन चुका है।

By JagranEdited By: Published: Sun, 16 Sep 2018 01:42 PM (IST)Updated: Sun, 16 Sep 2018 01:42 PM (IST)
लड़कियों का सौदा कर 15 साल में बना 80 करोड़ का मालिक
लड़कियों का सौदा कर 15 साल में बना 80 करोड़ का मालिक

राची, दिलीप कुमार। जमानत पर बाहर आया 5000 लड़कियों का सौदागर पन्नालाल महतो प्लेसमेंट एजेंसी के माध्यम से भोले-भाले आदिवासी लड़के-लड़कियों का सौदा कर महज 15 वषरें में 80 करोड़ से अधिक की संपत्ति का मालिक बन चुका है। वर्ष 2003 में घर से 5000 रुपये लेकर दिल्ली गया था। करोड़ों की चल-अचल संपत्ति उसने बना ली है। उसने मानव तस्करी से अर्जित की गई एक करोड़ 81 लाख 75 हजार रुपये से सिर्फ अरगोड़ा में 70 डिसमिल जमीन खरीदी है, जिसकी कीमत आज 50 करोड़ से ऊपर की बताई जा रही है। उस पर मानव तस्करी सहित कई आरोपों में राची, खूंटी व दिल्ली में कुल नौ मामले दर्ज हैं। तीन साल पहले उसकी संपत्तियों का ब्योरा देते हुए खूंटी के तत्कालीन एसपी ने ईडी (प्रवर्तन निदेशालय) जाच की अनुशंसा की थी। इस बार पुलिस मुख्यालय उसकी संपत्ति से संबंधित ब्योरे के साथ ईडी जाच की अनुशसा करने जा रहा है।

loksabha election banner

यहा है करोड़ों की संपत्ति :

-खूंटी टोली माहिल रोड पर 1.27 एकड़ जमीन।

-राची-खूंटी रोड पर खूंटी में 2.54 एकड़ जमीन।

-अरगोड़ा बस्ती में 35 डिसमिल जमीन।

-अरगोड़ा-पुंदाग रोड पर 80 डिसमिल जमीन। पन्नालाल के नाम पर माता डेवलपर से एमओयू।

-1237 वर्गफीट जमीन अरगोड़ा हाउसिंग कॉलोनी में।

-खूंटी के हुटार मौजा में राची-खूंटी मार्ग पर 5.12 एकड़ जमीन।

-दिल्ली के शकूरपुर में 50 गज जमीन।

-एक फॉरच्यूनर व एक आइ-टेन कार।

पन्नालाल के बयान :

खूंटी के मुरहू थाना क्षेत्र के गनालोया निवासी पन्नालाल ने खूंटी पुलिस के सामने अपराध स्वीकार करते हुए बयान दर्ज कराया था। उसने बताया था वर्ष 2003 में घर से 5000 रुपये लेकर दिल्ली गया, वहा एम ब्लॉक 680 में चार हजार रुपये किराए का मकान लिया। बिरसा भगवान वेलफेयर सोसाइटी नामक प्लेसमेंट एजेंसी खोली और लड़कियों की तस्करी शुरू कर दी। प्लेसमेंट एजेंसी का प्रचार-प्रसार कर अपने कई एजेंट बनाए। एजेंसी की कमाई से चल-अचल संपत्ति खरीदी। वर्ष 2003 के मई महीने में सुनीता (अब पत्नी) से मुलाकात हुई। वह नौकरी के लिए आई थी। पढ़ी-लिखी व बोलचाल में तेज थी। उसे नौकरी दी, बाद में उससे शादी कर ली। सुनीता मा नहीं बन सकती थी तो उसने अपनी चचेरी बहन हीरामनी से दूसरी शादी करवा दी, जिससे दो लड़की व एक लड़का हुआ। प्लेसमेंट एजेंसी की कमाई से वर्ष-2005 में शकूरपुर में जेजे कॉलोनी में 25-25 गज जमीन के दो टुकड़े खरीदे, उन पर चार मंजिला मकान बनाया। वहीं पर अपना कार्यालय रखा।

इन शहरों में होती थी तस्करी :

उसके एजेंट दिल्ली और एनसीआर में गुड़गांव, फरीदाबाद, नोएडा, गाजियाबाद व दिल्ली के बाहर चंडीगढ़, जयपुर, लखनऊ, कानपुर, पटना, बेंगलुरु, हैदराबाद आदि शहरों में लड़कियों की तस्करी करते थे। कमीशन में मोटी कमाई होती थी। करीब 150 एजेंटों के माध्यम से 70 हजार से एक लाख तक का कमीशन मिलता था।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.