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मानसिक समस्याओं के बारे में खुलकर कर करें चर्चा

राची, जागरण संवाददाता। रोटरी क्लब राची में तनाव के कारण होने वाली मानसिक बीमारियों पर कार्यशाला का आयोजन किया गया। इसमें सोचने की क्षमता, व्यवहार, उर्जा और भावनात्मक क्षमता पर पड़ने वाले प्रभाव पर चर्चा की गई।

By JagranEdited By: Published: Sat, 15 Sep 2018 02:01 PM (IST)Updated: Sat, 15 Sep 2018 02:01 PM (IST)
मानसिक समस्याओं के बारे में खुलकर कर करें चर्चा
मानसिक समस्याओं के बारे में खुलकर कर करें चर्चा

राची, जागरण संवाददाता। रोटरी क्लब राची में तनाव के कारण होने वाली मानसिक बीमारियों पर कार्यशाला का आयोजन किया गया।

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इसमें सोचने की क्षमता, व्यवहार, उर्जा और भावनात्मक क्षमता पर पड़ने वाले प्रभाव पर चर्चा की गई। मुख्य वक्ता डॉ सिद्धार्थ सिन्हा ने बताया कि आज के प्रतिस्पर्धात्मक दौर में हर व्यक्ति घर, दफ्तर व अन्य कार्यस्थल में कहीं न कहीं मानसिक दबाव व तनाव से गुजर रहा है। अक्सर ऐसे तनाव व दबाव का प्रभाव व्यक्ति के मानसिक स्वास्थ्य पर पड़ने लगता है। जिसका पता लोगों को चल भी नहीं पाता। यह स्थिति बाद में मानसिक रोग में तब्दील हो जाती है। ऐसे में जरूरी है कि लोगों का मानसिक स्वास्थ्य अच्छा रहे। मानसिक तनाव व दबाव में रहने के कारण प्राय: सभी लोग इससे निकलने के उपायों के बारे में नहीं जान पाते और वे अवसाद के भी शिकार होने लगते हैं। उन्होंने बताया कि ऐसे में आपसी सामंजस्य रखने, एक दूसरे की मदद करने, टाइम मैनेजमेंट करने, एक समय पर एक ओर ध्यान लगाने, परेशानियों को छुपाने के बजाए शेयर करने से तनाव का सामना किया जा सकता है।

उन्होंने कहा कि अध्ययनों में सामने आया है कि बस्ते के बोझ के साथ-साथ बच्चों के दिमाग पर तनाव इतना बढ़ गया है कि उनके मानसिक और शारीरिक विकास में तो बाधाएं आने ही लगी हैं, साथ ही उनके व्यवहार में भी बदलाव हो रहा है। शैक्षणिक दबाव छात्र के अच्छे प्रदर्शन के लिए बाधक है। प्रत्येक व्यक्ति अलग है, कुछ छात्र शैक्षणिक तनाव का अच्छी तरह से सामना कर लेते हैं, लेकिन कुछ छात्र ऐसा नहीं कर पाते, जिसका असर उनके स्वभाव पर पड़ रहा है। वे माता-पिता के साथ उग्र होने लगते हैं। ऐसे केस अब सामने आने लगे हैं। स्कूल में अच्छे प्रदर्शन और पढ़ाई के तनाव के साथ-साथ घर में भी उन पर ऐसा ही दबाव रहता है। कई बार इस दबाव में बच्चे मानसिक तौर पर टूट जाते हैं।

कार्यशाला में सक्रिय रूप से क्लब अध्यक्ष संदीप मुंजाल, एनके मखीजा, संजय वाधवा, सीएस वासु, हेमंत गुप्ता, आर एस चड्डा, प्रदीप सिंह चड्डा, हरमिंदर सिंह, सी एम गुप्ता, भंडारी लाल, सुरेश साबू, डॉ अनिल पाडे, डॉ अरविंद पाडे, अजय साबू, राजेश नाथ शाहदेव, जोगेश गंभीर, राजीव मोदी, विनय शकर महाराज, पवन जायसवाल, मनीष सिंह, अमित अग्रवाल, पियुष पोद्दार, मंजू गंभीर, सुजाता गुप्ता, निशी जायसवाल, काता मोदी, प्रियंका त्रिपाठी, रीता गुप्ता, रेणु चड्डा, शशी मखीजा, सुदेश वाधवा, ख्याति मुंजाल ने भाग लिया।

ऐसे बचें डिप्रेशन से

1. नियमित व्यायाम कीजिए

2. अपनी समस्या की पहचान करें

3. अपनी पसंद की अच्छी किताबें पढि़ए

4. जिस काम में आप बेहतर हो वो काम कीजिए

5. अपनी पसंद का संगीत सुनिए

6. कॉमेडी मूवी या सीरियल देखिए

7. मेडिटेशन कीजिए

8. घूमने फिरने जाइए

9.अपने लक्ष्य को पहचानिए

10. हमेशा सकारात्मक सोचिए

11. अपने मस्तिष्क को चुनौती दीजिए

12. योग-ध्यान कीजिए

13. हेल्थी फूड खाइए

14. क्षमा करना सीखिए

15. पालतू जानवरों का ख्याल रखिए


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