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राज्य में एक महीने के अंदर खुलेगी भाषा अकादमी : मुख्यमंत्री

हिंदी दिवस पर मुख्यमंत्री रघुवर दास ने हिंदी के विकास के प्रति प्रतिबद्धता दिखाई। कहा कि हिदी को सर्वोच्च दर्जा दिलाने के लिए भाषा एकेडमी एक महीने के अंदर खोली जाएगी।

By JagranEdited By: Published: Sat, 15 Sep 2018 09:59 AM (IST)Updated: Sat, 15 Sep 2018 09:59 AM (IST)
राज्य में एक महीने के अंदर खुलेगी भाषा अकादमी : मुख्यमंत्री
राज्य में एक महीने के अंदर खुलेगी भाषा अकादमी : मुख्यमंत्री

जागरण संवाददाता, रांची : राज्य बनने के बाद से ही राज्य में भाषा अकादमी खोलने की मांग अब पूरी होने वाली है। ¨हदी दिवस पर मुख्यमंत्री रघुवर दास ने इसकी घोषणा कर दी है। उन्होंने कहा कि एक महीने के अंदर भाषा अकादमी की शुरुआत हो जाएगी। वे शुक्रवार को झारखंड मंत्रालय स्थित नए सभागार में आयोजित ¨हदी दिवस समारोह को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार ¨हदी के प्रचार-प्रसार के लिए कृतसंकल्पित है। सरकार का प्रयास है कि स्कूल, कॉलेज, यूनिवर्सिटी एवं सरकारी कार्यालयों में अधिक से अधिक कार्य ¨हदी में हों। सरकारी कार्यालयों में ¨हदी की अनिवार्यता के लिए राजभाषा विभाग द्वारा नीति बनाई जाए। राज्य में ¨हदी को बढ़ावा देने के उद्देश्य से पूर्व प्रधानमंत्री भारत रत्‍‌न श्रद्धेय अटल बिहारी वाजपेयी के सम्मान में अटल बिहारी वाजपेयी मेमोरियल पुरस्कार योजना की शुरूआत की गई है। इस योजना के तहत साहित्य के क्षेत्र में उदीयमान कवि, मीडिया के क्षेत्र में विख्यात पत्रकार एवं सुशासन के क्षेत्र में उत्कृष्ट कार्य करने वाले अधिकारियों को पुरस्कृत किया जाएगा। ¨हदी 21 वीं सदी का भारत बने, इस दिशा में कार्य करने की आवश्यकता है। 21वीं सदी ¨हदी भाषी सदी के रूप में स्थापित होगी। ¨हदी भाषा पूरी दूनिया में विकसित हो सके इसके लिए साहित्यकार, लेखक, कवि एवं पत्रकार सभी लोग भाषा, ज्ञान, तकनीकी इत्यादि विषयों पर ¨हदी को बढ़ावा देने के लिए चिंतन एवं मंथन करें।

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मुख्यमंत्री ने कहा कि साहित्यकार, लेखक एवं कवि समाज का आईना होते हैं। आधुनिक युग में हमारी भाषा विज्ञान एवं टेक्नॉलाजी का माध्यम बनें। सोशल साइट्स फेसबुक, ट्वीटर, इंस्टाग्राम, ह्वाट्सएप आदि में ¨हदी का प्रचलन बढ़ रहा है और इसे और तेज करना है। साहित्यकार, लेखक एवं कवि अन्य भाषाओं का भी अध्ययन करें। अध्ययन से जो ज्ञान प्राप्त होगी उसे ¨हदी में रूपातरित करें। आने वाले समय में ¨हदी को आधुनिक ज्ञान-विज्ञान की भाषा बनाया जा सके इस दिशा में कार्य करने की आवश्यकता है। रघुवर दास ने कहा, भारत विश्व स्तर में एक बहुत ही बड़ा बाजार है। विश्व के विभिन्न देश भारत के बाजार में स्थापित होना चाहते हैं इसलिए वे ¨हदी सीखने पर जोर दे रहे हैं। बोधगया के रणविजय सिन्हा, चीन के यूआन विश्वविद्यालय, कुनमीन में ¨हदी व्याख्याता हैं। वे चीन के लोगों को ¨हदी सिखाते हैं एवं ¨हदी का प्रचार-प्रसार कर रहे हैं यह देश के लिए बहुत ही गौरव का विषय है। उन्होंने कहा कि आज भारत वर्ष ही नही बल्कि वैश्रि्वक स्तर पर भी प्रतिवर्ष ¨हदी दिवस समारोह का आयोजन किया जा रहा है। मुख्यमंत्री ने कहा कि भाषा ही वह कड़ी है जो सरकार एवं जनता को आपस में जोड़ती है। जब लोकतंत्र या जनतंत्र में सरकार जनता की होती है तो कोई जनभाषा ही राजभाषा की अधिकारिणी हो सकती है। ¨हदी प्रारंभिक काल से ही जनभाषा, संपर्क भाषा के रूप में प्रचलित रही है। उन्होंने कहा कि हिंदी भाषा राष्ट्र की पहचान, अस्मिता एवं राष्ट्रीयता से संलग्न है। अत: आवश्यकता है कि गुलामी की मानसिकता से बाहर निकलकर ¨हदी से प्रेम करें। आप पढ़ लिख कर भले कितने भी बड़े पद पर क्यों न स्थापित हो परंतु अपनी मातृभाषा को न भूलें।

इस अवसर पर विकास आयुक्त डीके तिवारी, अपर मुख्य सचिव, कार्मिक विभाग केके खंडेलवाल, डॉ. जंग बहादुर पांडेय, साहित्यकार राजदेव सिन्हा, कृष्ण कुमार गुप्ता सहित अधिकारी, कर्मचारीगण, ¨हदी साहित्य से जुड़े प्रबुद्ध लोग उपस्थित थे।

मुख्यमंत्री ने किया सम्मानित

¨हदी दिवस पर आयोजित लेखन प्रतियोगिता में लोहरदगा के चंदन नायक को द्वितीय पुरस्कार के रूप में पांच हजार रुपये की पारितोषिक राशि मुख्यमंत्री ने प्रदान की। आयोजन कार्मिक, प्रशासनिक सुधार तथा राजभाषा विभाग की ओर से किया गया था।


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