बांग्लादेशी घुसपैठिए देश व राज्य के लिए सबसे बड़ा खतरा
बांग्लादेशी घुसपैठ देश के लिए सबसे बड़ा खतरा है। अभाविप की ओर से आयोजित सेमिनार में श्रीहरि बोरीकर ने कहा, झारखंड की 10 विधा
फोटो भी है : अभाविप की ओर से आयोजित सेमिनार में श्रीहरि बोरीकर ने कहा, झारखंड की 10 विधानसभा सीटों पर इन घुसपैठियों का कब्जा है
---------------------- जागरण संवाददाता, रांची : अभाविप के प्रादेशिक विश्वविद्यालय कार्यप्रमुख श्रीहरि बोरीकर ने कहा कि बांग्लादेशी घुसपैठिए देश एवं राज्य के लिए सबसे बड़ा खतरा है। असम और बंगाल में बाग्लादेशी घुसपैठियों की संख्या अधिक है। वर्तमान समय में मालदा में बाग्लादेशी घुसपैठिए अपने कायरें को अंजाम देते हैं और छिपने का स्थान झारखंड के साहिबगंज, पाकुड़, गोड्डा आदि जिले को बनाते हैं। 1979 से अभाविप बांग्लादेशी घुसपैठियों के विरोध में लगातार आंदोलन चला रही है। वे गुरुवार को अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद राची महानगर की ओर से बांग्लादेशी घुसपैठ राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए गंभीर खतरा एवं समाधान विषय पर आयोजित संगोष्ठी में मुख्य वक्ता के रूप में बोल रहे थे। कार्यक्रम का आयोजन रांची विश्वविद्यालय के केंद्रीय पुस्तकालय स्थित शहीद स्मृति सभागार में किया गया था।
बोरीकर उन्होंने कहा कि आज असम में 45, बंगाल में 29, बिहार में 27 व झारखंड में 10 विधानसभा सीटों पर बाग्लादेशी घुसपैठियों का कब्जा है। आज देश विरोधी ताकतों का कहना है कि कश्मीर को हम बंदूक के दम पर और असम को घुसपैठ के दम पर भारत से लेकर रहेंगे। देश की अखंडता को भंग करने वाले ऐसी शक्तियों का हम युवाओं को आगे बढ़कर सामना करने की आवश्यकता है।
रोजगार को कर रहे हैं प्रभावित :
बोरिकर ने कहा की बांग्लादेशी घुसपैठिए अवैद्य तरीके से नागरिकता प्राप्त कर देश की एकता,अखंडता और रोजगार को प्रभावित कर रहे हैं। सरकार इन पर कार्रवाई करें। उन्हें फिर से बांग्लादेश भेजा जाए।
विषय प्रवेश कराते हुए अभाविप के प्रात संगठन मंत्री याज्ञवल्क्य शुक्ला ने कहा की आज हमारे देश में आतंकवाद, नक्सलवाद, गो हत्या आदि समस्याओं की जड़ बाग्लादेश से आए हुए घुसपैठिए है। उनके द्वारा देश की अखंडता को तोड़ने का प्रयास चल रहा है। उन्होंने सरकार से माग करते हुए कहा की झारखंड में जल्द से जल्द एनसीआर लागू किया जाए। बांग्लादेशी घुसपैठिए भोली-भाली आदिवासी युवतियों को अपने जाल में फंसा रहा है : अनंत ओझा
राजमहल के विधायक अनंत ओझा ने कहा कि बाग्लादेशी घुसपैठिए झारखंड में भी अपना पांव मजबूत कर रहा है। साहिबगंज, पाकुड़, चतरा, हजारीबाग, जमशेदपुर आदि सीमावर्ती जिलों में अपना पांव जमा चुका है। ये खुद को भारतीय बताकर भोली-भाली आदिवासी समाज की लड़कियों को अपने जाल में फंसा रहे हैं। उनसे शादी कर जल, जंगल हड़पने का काम कर रहे हैं। देश विरोधी कार्य में लगे हैं अवैध बांग्लादेशी
मुख्य अतिथि रांची विश्वविद्यालय के कुलपति डॉ. रमेश कुमार पांडेय ने कहा की इस मुद्दे को लेकर समाज को जागरूक करने के लिए विशेष जन आदोलन की भी आवश्यकता है। 1970-80 के दशक में इन लोगों ने घुसपैठ शुरू किया और आज अपनी पहचान छुपाकर पूरे भारत में रह रहे हैं। भारत विरोधी कार्य में लगे हैं। उन्होंने कहा की राष्ट्रीय सुरक्षा पर किसी तरह का भी समझौता नहीं करना चाहिए। इन सभी को बाहर निकालने में समाज को भी साथ देना चाहिए।
इस अवसर पर महानगर अध्यक्ष डॉ. पंपा सेन विश्वास, महानगर मंत्री कृष्णा मिश्रा एवं एशियन योगा चैंपियनशिप की स्वर्ण पदक विजेता संतोषी गुप्ता, डॉ. दीपनारायण जयसवाल, आनंद ठाकुर, महाराज सिंह, डॉ. दिनेश, अटल पांडेय, आशुतोष सिंह, सोमनाथ भगत, अनुराधा पाडे, मधु काटिवाल, करिश्मा कुमारी, मानसी कुमारी, स्वर्णिम राय आदि छात्र छात्राएं उपस्थित थे।