इंजीनियर को नौकरी नहीं मिली तो कर ली खुदकशी
परिजनों ने पुलिस को बताया है कि बीआइटी मेसरा से पास आउट होने के बाद दीपांकर नौकरी की तलाश में था। नौकरी नहीं मिलने से वह तनाव में रहता था।
जागरण संवाददाता, रांची। राजधानी के बीआइटी मेसरा से पासआउट इंजीनियर दीपांकर किशोर (27) ने मंगलवार को ट्रेन से कटकर जान दे दी। गुरुवार दोपहर बाद रांची रेलवे स्टेशन के लोहरदगा गेट के पास ट्रैक पर दो टुकड़ों में उसकी लाश पड़ी मिली। बताया जाता है कि दिन के करीब एक बजे दीपांकर ने हटिया-बोकारो पैसेंजर ट्रेन से कटकर जान दे दी। आत्महत्या के कारणों का पता नहीं चल सका है।
दीपांकर नगड़ी थाना क्षेत्र के दलादिली चौक के पास एक प्लैट में रहता था। उसके पिता एसबी कांत एसबीआई के रिटायर्ड बैंक मैनेजर हैं। वे मूल रूप से पटना के रहने वाले हैं। आसपास के लोगों के अनुसार दीपांकर सुबह अपने घर से निकला था। इसके बाद वह रांची रेलवे स्टेशन के लोहरदगा गेट के पास पहुंचा और हटिया-बोकारो पैसेंजर ट्रेन के नीचे लेट गया।
ट्रेन जैसे आगे बढ़ी उसका शरीर कमर से अलग हो कर दो टुकड़ों में बंट गया था। इसकी सूचना रेलवे प्लेटफॉर्म पर मौजूद लोगों ने जीआरपी पुलिस को दी। सूचना पाकर जीआरपी पुलिस मौके पर पहुंची और शव को कब्जे में लिया और इंजीनियर के परिजनों को इसकी सूचना दी। शाम करीब चार बजे परिजन जीआरपी थाना पहुंचे। इसके बाद पुलिस ने शव को पोस्टमार्टम के लिए रिम्स भेज दिया। मामले में जीआरपी थाने में अस्वाभाविक मौत का केस दर्ज किया गया है। पुलिस इसकी जांच में जुट गई है।
परिजनों ने पुलिस को बताया है कि बीआइटी मेसरा से पास आउट होने के बाद दीपांकर नौकरी की तलाश में था। नौकरी नहीं मिलने से वह तनाव में रहता था। वह बैंक पीओ समेत अन्य प्रतियोगिता परीक्षा की तैयारी भी कर रहा था। लालपुर के एक कोचिंग में वह क्लास भी करता था। इसी वर्ष जून महीने में उसने बीआइटी मेसरा से कंप्यूटर साइंस से एमटेक की पढाई पूरी किया था। एमटेक 2016-18 बैच का छात्र था।
शव के पास से मिला सुसाइड नोट शव के पास एक बैग रखा था। बैग का चेन खोलते ही एक सुसाइड नोट मिला, जिसमें लिखा था कि 'डियर ऑल, किसी का कोई दोष नहीं है। यह मैं अपने मन से आत्महत्या कर रहा हूं। इस सुसाइड नोट को पुलिस ने जब्त कर लिया है। इसके अलावा बैग में आइकार्ड और एमटेक कंप्यूटर साइंस की कुछ कॉपियां भी रखी थीं। कुछ टैबलेट भी मिले। आशंका जताई जा रही है कि तनाव में वह टैबलेट का भी सेवन करता होगा।
चार दिन पहले भी बीआइटी के छात्र ने की थी खुदकशी इससे पहले चार दिन पहले नौ सितंबर को भी बीआइटी के छात्र शक्तिधर त्रिपाठी (21) ने फंदे से झूलकर खुदकशी कर ली थी। उसने परीक्षा के तनाव में खुदकशी की थी। वह मैकेनिकल थर्ड ईयर का छात्र था। शव के पास से एक सुसाइड नोट बरामद किया गया थ, जिसमें परीक्षा के तनाव में खुदकशी की बात कही थी।