रांची में पुलिस की प्लानिंग फेल, अपराधी दे रहे चुनौती
रांची, जागरण संवाददाता। राजधानी रांची में क्राइम कंट्रोल के प्लान तो बनते हैं, लेकिन कागजों में ही सिमट कर रह जाते है। शहर में प्रवेश का रास्ता इन दिनों क्राइम स्पॉट बना हुआ है। बेखौफ अपराधी पुलिस को चुनौती देकर हत्या, डकैती और लूट जैसी वारदातों को अंजाम दे रहे हैं।
रांची, जागरण संवाददाता। राजधानी रांची में क्राइम कंट्रोल के प्लान तो बनते हैं, लेकिन कागजों में ही सिमट कर रह जाते है। शहर में प्रवेश का रास्ता इन दिनों क्राइम स्पॉट बना हुआ है। बेखौफ अपराधी पुलिस को चुनौती देकर हत्या, डकैती और लूट जैसी वारदातों को अंजाम दे रहे हैं। इसके बाद चंद मिनटों में सेफ जोन पकड़ लेते हैं और जिले से बाहर निकल जाते हैं। पुलिस हाथ मलती रह जाती है। विगत शनिवार को सीएम आवास के बाहर एसपीओ बुधु की हत्या से पहले भी कांके रोड, हॉट लिप्स चौक, चांदनी चौक जैसी प्रमुख सार्वजनिक जगहों पर अपराधिक वारदातें घट चुकी हैं। इसी तरह कांके रोड, रातू रोड, हरमू रोड, पुंदाग रोड, हटिया, तुपुदाना, नामकुम रोड, बरियातू रोड, बूटी मोड़, खेलगांव सहित अन्य जगहों पर भी बड़ी आपराधिक घटनाएं घट चुकी हैं। किसी भी मामले में अपराधी नहीं पकड़े गए हैं।
कांके रोड में 17 सीसीटीवी कैमरे : कांके रोड के हॉट लिप्स चौक से लेकर राम मंदिर चौक तक 17 सीसीटीवी कैमरे लगे हैं। इनमें दर्जन भर सीएम आवास की दीवारों से सटाकर लगाए गए हैं। इनमें कुछ पुलिस के हैं। कुछ निजी प्रतिष्ठानों के हैं। इसके बावजूद शूटरों की पहचान पुलिस नहीं कर पाई है।
सीलिंग प्लान कागजों में : हाल में रांची के एसएसपी ने डीआइजी की मौजूदगी में सीलिंग प्लान बनाया था। लेकिन यह प्लान कागजों में ही सिमट कर रह गया है। प्लान में बताया गया था कि घटना के तुरंत बाद पूरे शहर को सील कर अपराधियों को पकड़ा जाएगा। लेकिन यह प्लान तब कारगर होता जब वायरलेस की सूचना पर क्विक रिस्पांस के साथ हर मोड़ और टर्निग पर पुलिस नाकेबंदी करे। लेकिन पुलिस के सिस्टम में सूचना तब प्रसारित होती है, जब अपराधी भाग चुके होते हैं।
क्राइम में कंट्रोल नहीं, हटाए जा रहे थानेदार : राजधानी में इन दिनों अपराधी बेलगाम हो गए हैं। बेखौफ अपराधी अपने लक्ष्य को पूरा करने के लिए हाई सिक्योरिटी जोन या वीवीआइपी इलाके भी नहीं देखते। पुलिस को खुली चुनौती देकर हत्या, लूट व डकैती जैसी घटनाओं को अंजाम दे रहे हैं। इसका ताजा उदाहरण सीएम आवास के सामने एसपीओ बुधु दास की गोली मारकर हत्या करने का है। रात के आठ बजे उसे बेखौफ अपराधियों ने गोली मारकर मौत के घाट उतार दिया। जबकि दस कदम पर गोंदा थाना। सामने सीएम सहित कई वीवीआइपी के आवास हैं। इस तरह के क्राइम सामने आ रहे हैं, इसमें सीधे थानेदारों पर गाज गिर रही है। थानेदारों और पुलिसकर्मियों को हटाया जा रहा है। ऐसे में सवाल उठता है क्या इससे क्राइम कंट्रोल हो पाएगा। इस पर एसएसपी अनीश गुप्ता ने कहा कि विभागीय कार्रवाई प्रशासनिक पहलू है। लापरवाही नजर आने पर कार्रवाई की जाती है।
इन थानेदारों पर गिरी गाज : बुधु दास हत्याकांड में गोंदा इंस्पेक्टर अनिल कुमार द्विवेदी, गोंदा ट्रैफिक इंस्पेक्टर शांता प्रसाद हटा दिए गए। इसके अलावा सीएम आवास की सुरक्षा में लगे सब इंस्पेक्टर आरपी शाही भी सस्पेंड किए गए थे। इसी तरह पिठोरिया के सांगा में ग्रामीणों के हंगामा करने पर थानेदार लालजी यादव को बदल दिया गया। हटिया डीएसपी द्वारा फर्जी साक्ष्य जुटाए जाने मामले में धुर्वा थानेदार प्रकाश कुमार और डोरंडा थानेदार आबिद खान हटा दिए गए। लेकिन डीएसपी के खिलाफ अब तक कोई कार्रवाई नहंी हुई है।
हाल के मामले, जिनमें शहर से बाहर भागे अपराधी : 20 अगस्त 2018 को कोकर के इमाम कोठी के समीप केयर टेकर की चाकू गोदकर हत्या कर दी गई थी। हत्यारे अब तक पकड़ से दूर। अपराधी शहर से बाहर भागे।
-24 अगस्त 2018 को रातू रोड दुर्गा मंदिर के पीछे अपराधियों ने राकेश कुमार की गोली मारकर हत्या कर दी। हत्यारे पकड़ से दूर हैं।
-31 अगस्त 2018 को पंडरा इलाके में दाल व्यवसायी से आठ लाख रुपये की लूट। अपराधी पकड़ से दूर।
-23 अगस्त 2018 को काके स्थित पीएनबी बैंक में सवा चार लाख रुपये की डकैती। अपराधियों का कोई सुराग नहीं।
-14 अगस्त 2018 को धुर्वा थाना क्षेत्र के रिंग रोड में बालसिरिंग पुल के पास लूट का विरोध करने पर कंटेनर चालक मो. मुश्ताक को तीन अपराधियों ने गोली मार दी।
-02 सितंबर 2018 को तुपुदाना में अपराधियों ने पुलिस पर फायरिंग की। चार मौके से भाग निकले। अपराधी पीएलएफआइ से जुड़े बताए जा रहे हैं।
-09 जुलाई 2018 ओरमाझी थाना क्षेत्र के मंदरो डहूटोला गाव निवासी जमीन कारोबारी मैजूल अंसारी की गोली मारकर हत्या कर दी गई।
-04 जून 2018 को नगड़ी के बालालौंग स्थित ग्रामीण बैंक से डेढ़ लाख की लूट।