रात 10 बजे के बाद गेट नहीं खोलने के आदेश के खिलाफ धरना पर बैठीं रिम्स हॉस्टल की छात्राएं
रात में लाइब्रेरी बंद रखने के आदेश से भी है नाराजगी
जागरण संवाददाता, रांची : रिम्स निदेशक की ओर से मंगलवार की देर रात जारी किया गया फरमान रिम्स की मेडिकल छात्राओं को नागवार गुजरा है। दरअसल रिम्स प्रबंधन ने देर रात रिम्स की पीजी इंटर्नशिप और हाउस सर्जन छात्राओं के लिए फरमान जारी कर दिया है कि रात के 10 बजे के बाद गर्ल्स हॉस्टल का दरवाजा नहीं खोला जाएगा। इसके विरोध में हॉस्टल की छात्राएं धरना पर बैठ गईं। उन्होंने इस फरमान को अव्यावहारिक करार दिया है। उनका कहना है कि यह फरमान मेडिकल की छात्राओं पर जारी होना चाहिए था। रात में हम लोगों की ड्यूटी लगेगी, तो हम लोग कैसे जाएंगे। उनका यह भी कहना था कि हॉस्टल में पानी की उचित व्यवस्था नहीं है और पानी बाहर से खरीद कर लाना पड़ता है। अचानक इस तरह का निर्देश जारी करना गलत है।
रिम्स में अव्यवस्था के आलम के बीच प्रबंधन के द्वारा उठाए जा रहे कदमों को लेकर भी कई सवाल खड़े होने लगे हैं। फिलहाल रिम्स प्रबंधन के इस फरमान के बाद विवाद के बढ़ने की आशंका बन गई है। रिम्स निदेशक का मेडिकल छात्रों ने किया घेराव
रिम्स में रात्रि दस बजे के बाद से रिम्स प्रबंधन द्वारा लाइब्रेरी को बंद करने के इस फरमान से मेडिकल छात्रों में नाराजगी है। इसे लेकर मंगलवार को मेडिकल छात्रों ने प्रभारी निदेशक डॉ. आरके श्रीवास्तव का घेराव किया। छात्रों का कहना था कि अब तक लाइब्रेरी 24 घंटे तक खुली रहती थी। लेकिन रिम्स प्रबंधन के निर्देश के बाद रात में इसे बंद कर दिया गया। इससे मेडिकल छात्रों को पढ़ाई करने में परेशानी होगी। वे रिम्स के निदेशक से पुन की तरह व्यवस्था बहाल करने की मांग कर रहे थे।
लेकिन, निदेशक इस बात मानने को तैयार नहीं थे। उनका कहना था कि इस मसले पर वह कुछ भी नहीं कर सकते हैं। स्वास्थ्य विभाग की प्रधान सचिव के निर्देश ऐसा किया गया है। अगर उन्हें रात्रि लाइब्रेरी की सेवा लेनी है, वह प्रधान सचिव से बात कर सकते हैें। इसलिए रिम्स में लाइब्रेरी सुबह आठ बजे से दोपहर दस बजे तक खुली रहेगी। अगर उन्हें पढ़ाई करना है, तो पुस्तक इश्यू कराकर हॉस्टल के कमरों में पढ़ाई करें। अंतत: मेडिकल छात्रों को वापस लौटना पड़ा।