किसी में एक शिक्षक पास तो किसी में एक भी नहीं
झारखंड कर्मचारी चयन आयोग द्वारा हाई स्कूलों में शिक्षकों की नियुक्ति में पास ज्यादा नहीं हुआ है।
राज्य ब्यूरो, रांची : झारखंड कर्मचारी चयन आयोग द्वारा हाई स्कूलों में शिक्षकों की नियुक्ति के लिए आयोजित परीक्षा स्नातक प्रशिक्षित शिक्षक नियुक्ति परीक्षा में भी शिक्षकों के लिए आरक्षित अधिसंख्य पद रिक्त रह जा रहे हैं। किसी विषय में एक से दो शिक्षक ही इसमें सफल हो पाए तो किसी में एक भी नहीं। आयोग ने इसकी मुख्य परीक्षा का सोमवार को औपबंधिक परिणाम जारी कर दिया। चयनित अभ्यर्थियों के प्रमाणपत्रों की जांच 18 सितंबर से एक अक्टूबर तक होगी। इसके बाद अंतिम परिणाम जारी किया जाएगा। आयोग अन्य प्रमंडलों का भी शीघ्र परिणाम जारी करेगा।
आयोग ने संताल प्रमंडल के जिलों में विषयवार परिणाम जारी किया है। इसमें दुमका की ही बात करें तो वाणिज्य, शारीरिक शिक्षा, गणित, अंग्रेजी में एक भी शिक्षक उत्तीर्ण नहीं हो पाए तो हिन्दी में महज दो, संस्कृत में चार, बांग्ला में एक शिक्षक उत्तीर्ण हो पाए। कमोबेश यही हाल संताल के अन्य जिलों में है।
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आरक्षित थे 25 फीसद पद
नियुक्ति नियमावली के तहत इसमें 25 फीसद पद प्राथमिक शिक्षकों के लिए आरक्षित रखे गए थे। यह परीक्षा कुल 17,572 पदों पर नियुक्ति के लिए आयोजित की गई है। इसमें एक चौथाई पद (4,393) तीन साल तक सेवा दे चुके प्राथमिक शिक्षकों के लिए आरक्षित हैं। इस परीक्षा में उत्तीर्ण होने के लिए मुख्य विषय में सामान्य वर्ग के लिए 50 फीसद तथा एससी-एसटी के लिए 45 फीसद अंक लाना अनिवार्य किया गया है। हिन्दी तथा सामान्य अध्ययन का पहला पत्र क्वालिफाइंग है, जिसमें 33 फीसद अंक लाना अनिवार्य है।
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अभ्यर्थियों में आक्रोश
प्राथमिक शिक्षकों के लिए आरक्षित पदों में से अधिसंख्य पद रिक्त रह जाने पर अभ्यर्थियों में आक्रोश है। प्रतियोगी छात्र संघ ने इसके लिए आयोग के समक्ष प्रदर्शन करने का निर्णय लिया है। संघ का कहना है कि प्राथमिक शिक्षकों के लिए आरक्षित पद खाली रह जाने पर रिक्त पदों को सीधी भर्ती से भरने का प्रावधान नियुक्ति नियमावली में है, लेकिन इसका अनुपालन नहीं हो रहा है।
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प्लस टू में भी रिक्त रह गए हैं 93 फीसद पद
इससे पहले प्लस टू शिक्षक नियुक्ति परीक्षा में भी हाई स्कूल शिक्षकों के लिए आरक्षित अधिसंख्य पद रिक्त रह गए हैं। इसमें कुल 1540 पदों में 107 ही पद शिक्षकों से भरे। इस तरह, 93 फीसद पद रिक्त रह गए।
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