धरती का पानी बर्बाद कर मंगल पर खोजने जा रहे हैं पानी : श्रीराम डाल्टन
रांची, जागरण संवाददाता। पानी बचाने और बेचे जाने के खिलाफ मुंबई से 15 मई को पदयात्रा कर रांची पहुंचे फिल्मकार श्रीराम डाल्टन ने कहा कि देश में चार कंपनियां मिलकर पानी का डेढ़ अरब का व्यापार कर रही हैं। वे लोगों को डरा कर व्यापार कर रही हैं। चार प्रदेशों से गुजर कर 118 दिन की यात्रा का समापन रांची के कोकर स्थित बिरसा मुंडा की समाधि पर हुआ।
रांची, जागरण संवाददाता। पानी बचाने और बेचे जाने के खिलाफ मुंबई से 15 मई को पदयात्रा कर रांची पहुंचे फिल्मकार श्रीराम डाल्टन ने कहा कि देश में चार कंपनियां मिलकर पानी का डेढ़ अरब का व्यापार कर रही हैं। वे लोगों को डरा कर व्यापार कर रही हैं। चार प्रदेशों से गुजर कर 118 दिन की यात्रा का समापन रांची के कोकर स्थित बिरसा मुंडा की समाधि पर हुआ।
यहां से पर्यावरण दोस्त के साथियों ने शहर से निकल मोरहाबादी के गांधी चबूतरे पर श्रीराम डाल्टन का सम्मान किया। इस मौके पर श्रीराम ने अपने अनुभव भी साझा किए और बताया कि जल, जंगल, जमीन पर सबका हक है। यह अधिकार संविधान देता है। पर, कुछ लोग पानी का व्यापार कर रहे हैं। जो चीज हमें प्रकृति देती है, उसका कोई व्यापार कैसे कर सकता है?
श्रीराम ने कहा कि तीन हजार किलोमीटर की यात्रा में हमने फ्री वाटर इंडिया का नारा दिया। पानी सबके लिए है, लेकिन इसपर किसी का अधिकार नहीं। इस यात्रा से यह स्पष्ट हुआ कि नगर नदियों के किनारे बसे हैं, लेकिन हमने नदियों को मार दिया। उन्हें हमने नालों में तब्दील कर दिया। पानी है तो जीवन है, पेड़-पौधे हैं, जंगल हैं। धरती का पानी बर्बाद कर हम मंगल पर पानी खोजने जा रहे हैं। इससे बड़ी विडंबना और क्या हो सकती है। हमारी संवेदनशीलता खत्म होती जा रही है। कहीं ऐसा न हो कि अगला विश्वयुद्ध पानी के लिए हो।
कहीं समझा बच्चा चोर, कहीं दिल खोलकर स्वागत : श्रीराम ने कहा कि महाराष्ट्र में भुसावल के पास तो कुछ लोगों ने हमें बच्चा चोर समझ लिया था। उन्हें बहुत समझाया। इसके बाद उन्हें समझ में बात आई। आगे लोगों ने दिल खोलकर स्वागत किया। विनोबा भावे के परिवार के लोग भी मिले और कुछ दूर तक साथ दिया। इसके बाद नर्मदा बचाओ आंदोलन की मेधा पाटेकर से बातचीत होती रही। नर्मदा के विस्थापित बच्चों को फिल्म भी दिखाई।