पहले झाविमो-अब झामुमो गोड्डा में पावर प्लांट के खिलाफ खोलेगा मोर्चा
गोड्डा में प्रस्तावित पावर प्लांट का विवाद सुलझने के बजाए उलझता जा रहा है।
रांची, राज्य ब्यूरो। गोड्डा में प्रस्तावित पावर प्लांट का विवाद सुलझने का नाम नहीं ले रहा। इस विवाद में लगभग पांच महीने तक सलाखों के पीछे रहकर निकले झाविमो विधायक प्रदीप यादव के बाद अब झामुमो ने इस मामले में मोर्चा खोला है।
शनिवार को मीडिया से मुखातिब पार्टी के केंद्रीय महासचिव सह प्रवक्ता सुप्रियो भट्टाचार्य ने कहा कि मामले की जमीनी हकीकत जानने के लिए झामुमो की पांच सदस्यीय टीम एक सप्ताह के अंदर गोड्डा रवाना होगी।
प्रो. स्टीफन मरांडी की अध्यक्षता वाली इस टीम में सांसद विजय हांसदा, लोबिन हेम्ब्रम, हाजी हुसैन अंसारी और विनोद पांडेय शामिल रहेंगे। टीम इस पूरे प्रकरण की जमीनी पड़ताल में रैयतों, स्थानीय प्रशासन और कंपनी का पक्ष जानेगी। इसके बाद आगे की रणनीति तैयार होगा।
केंद्रीय महासचिव ने कहा कि एक कारपोरेट घराने के दबाव और केंद्र सरकार की शह पर गोड्डा में बड़े पैमाने पर जमीन की लूट हुई है। 16-17 फरवरी को आयोजित ग्लोबल इंवेस्टर्स समिट में सरकार ने 209 एमओयू किए, जिनमें से 121 माइनिंग सेक्टर के थे।
सरकार ने तब तीन लाख 39 हजार 67 करोड़ के निवेश तथा दो लाख बेरोजगारों को प्रत्यक्ष तथा चार लाख बेरोजगारों को अप्रत्यक्ष रोजगार दिए जाने का झूठा दावा किया था। ऐसा कुछ हुआ नहीं, अलबत्ता इसके नाम पर जमीन की जमकर लूट हुई। अब नवंबर में ग्लोबल एग्रीकल्चर समिट का आयोजन कर वह बच हुई जमीन को लूटने की तैयारी कर रही है।
उन्होंने पेट्रोल और डीजल की आसमान छूती कीमत को लेकर 10 सितंबर को आहूत बंद को नैतिक समर्थन देने की भी घोषणा की।
सुप्रियो ने कहा कि राज्य के पहले मेगा फूड पार्क से उत्पादन शुरू नहीं हुआ, अलबत्ता उसकी नीलामी की जा रही है। दूसरी ओर एग्रीकल्चर समिट के जरिए एक बार फिर खेल खेलने की तैयारी है। चीन की दौरा कर लौट रही सरकार अब और क्या शिगूफा छोड़ेगी, समझ से परे है।
उन्होंने राज्य की कानून व्यवस्था पर भी प्रहार किया। कहा कि मुख्यमंत्री आवास के सामने गोली मारे जाने की घटना पहले भी दो बार घट चुकी है। पूरे राज्य में भय का वातावरण है।