वामदलों की बंदी कल, आज निकलेगा मशाल जुलूस
पेट्रोलियम पदाथरें की बढ़ती कीमत, किसानों की बदहाली, रुपये के गिरने के कारण वाम दलों के कारण 10 को बंदी का आह्वान किया गया है।
जागरण संवाददाता, रांची : पेट्रोलियम पदाथरें की बढ़ती कीमत, किसानों की बदहाली, रुपये का गिरता मूल्य, राफेल समझौता, अडाणी समेत विभिन्न कारपोरेट घरानों द्वारा भूअधिग्रहण के सवाल पर वामदल दस को बंदी की घोषणा की है। बंद की पूर्व संध्या पर नौ को मशाल जुलूस हर जिले में निकलेगा।
शनिवार को यह जानकारी पार्टी कार्यालय में भाकपा नेता भुवनेश्वर प्रसाद मेहता ने दी। उन्होंने कहा कि भूअधिग्रहण कानून, 2013 में हुए संशोधन को वापस लेने के सवाल को लेकर भी वामदल संयुक्त रूप से 10 सितंबर को पूरे देश में आम हड़ताल-भारत बंद की घोषणा की है। इस मामले में झारखंड के वामदलों ने भी निर्णय लिया गया कि इस आम हड़ताल-भारत बंद को लेकर सभी जिला में वामदलों की संयुक्त बैठक होगी और संयुक्त रूप से वामदलों की ताकत का एहसास इस सरकार को कराएंगे। मेहता ने कहा कि देश में आर्थिक और राजनीतिक अराजकता भाजपा के नेतृत्व वाली एनडीए की केंद्र सरकार के कारण पैदा हो चुकी है। देश की जनता बढ़ती महंगाई और बढ़ते पेट्रोल-डीजल की कीमत के कारण त्राहिमाम की स्थिति में पहुंच चुकी है। मेहता ने कहा कि न तो किसान-मजदूर खुश हैं और न ही छोटे और मंझौले व्यवसायी। हर आदमी इस सरकार से त्रस्त है। रोज-रोज पेट्रोल-डीजल के दाम बढ़ रहे हैं। रुपया हर दिन गिर रहा है। युवाओं को रोजगार नहीं मिल रहा है। मोदी की सरकार 'न खाऊंगा, न खाने दूंगा' के नारे और वादे के साथ सत्ता में आई थी, लेकिन यह सरकार भ्रष्टाचार में आकंठ डूबी है।
उन्होंने कहा कि राज्य सरकार भी कारपोरेट घरानों के लिए काम कर रही है। इसकी अभिव्यक्ति गोड्डा में अडाणी के लिए हो रहे भू-अधिग्रहण और रैयती के साथ अत्याचार को देख सकते हैं। उन्होंने कहा कि भारत बंद के लिए वामदलों के साथ राजद, झामुमो ने भी साथ देने की घोषणा की है। भारत बंद ऐतिहासिक होगा। प्रेस वार्ता में भाकपा के राज्य सचिव भुवनेश्वर प्रसाद मेहता, सीपीएम के राज्य सचिव गोपीकांत बक्शी, माले के शुभेंदु सेन, मासस के सुशांतो मुखर्जी, एसयूसीआइ के सिद्धेश्वर सिंह, अजय सिंह आदि उपस्थित थे।