एमजीएम जमशेदपुर में 164 बच्चों की मौत की होगी दोबारा जांच
पूर्व कमेटी ने बच्चों की मौत के लिए उनके कम वजन, कुपोषण तथा उनमें ऑक्सीजन की कमी होने को जिम्मेदार ठहराया था।
राज्य ब्यूरो, रांची। जमशेदपुर स्थित एमजीएम मेडिकल कॉलेज से अस्पताल में पिछले साल मई से अगस्त तक तकरीबन 164 बच्चों की मौत की दोबारा जांच होगी। लोकायुक्त जस्टिस डीएन उपाध्याय के आदेश पर राज्य सरकार ने इसके लिए नई कमेटी गठित कर दी है। कमेटी को एक सप्ताह के भीतर रिपोर्ट देने को कहा गया है। स्वास्थ्य विभाग की प्रधान सचिव निधि खरे ने शुक्रवार को कमेटी के गठन की अधिसूचना जारी कर दी।नई कमेटी निदेशक प्रमुख-स्वास्थ्य सेवाएं डॉ. राजेंद्र पासवान की अध्यक्षता में गठित की गई है, जिसमें निदेशक-चिकित्सा शिक्षा के अलावा कोल्हान प्रमंडल के क्षेत्रीय उपनिदेशक सदस्य के रूप में शामिल किए गए हैं।
राज्य टीकाकरण पदाधिकारी डा. वीणा सिन्हा तथा डा. अजित प्रसाद जांच में कमेटी को मदद करेंगे। दरअसल, लोकायुक्त ने एक शिकायत की सुनवाई में पिछली कमेटी की जांच रिपोर्ट पर सवाल उठाया था। उनके अनुसार, उक्त जांच रिपोर्ट अस्पष्ट, अपूर्ण तथा टेबुल रिपोर्टिग ही है। उन्होंने बच्चों की मौत मामले में इस खानापूर्ति पर काफी नाराजगी भी प्रकट की थी। वहीं, स्वास्थ्य सचिव को 45 दिनों के भीतर इसकी फिर से जांच कराने का आदेश दिया।
रिटायर हो गए पूर्व कमेटी के दो पदाधिकारी
पिछली कमेटी तत्कालीन निदेशक प्रमुख डा. सुमंत मिश्रा की अध्यक्षता में गठित की गई थी, जिसमें तत्कालीन निदेशक-चिकित्सा शिक्षा डा. एनएन मिश्रा व कोल्हान के तत्कालीन क्षेत्रीय उपनिदेशक डा. हिमांशु भूषण बरवार सदस्य के रूप में शामिल थे। इनमें से पहले दो चिकित्सा पदाधिकारी सेवानिवृत्त हो गए, जबकि डॉ. बरवार का तबादला हो गया।
कुपोषण को ठहराया था जिम्मेदार
पूर्व कमेटी ने बच्चों की मौत के लिए उनके कम वजन, कुपोषण तथा उनमें ऑक्सीजन की कमी होने को जिम्मेदार ठहराया था। रिपोर्ट पूरी तरह अस्पष्ट थी। न ही रिपोर्ट में इसके लिए किसी को जिम्मेदार ठहराया गया था।