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झारखंड के नए मुख्य सचिव को लेकर अटकलें तेज; अफसरशाही में बदलाव के बीच एक्सटेंशन के कयास

सुधीर त्रिपाठी का कार्यकाल पूरा होने को लेकर झारखंड में नए मुख्य सचिव के नाम पर कयास लग रहा है।

By JagranEdited By: Published: Fri, 07 Sep 2018 02:10 PM (IST)Updated: Fri, 07 Sep 2018 02:10 PM (IST)
झारखंड के नए मुख्य सचिव को लेकर अटकलें तेज; अफसरशाही में बदलाव के बीच एक्सटेंशन के कयास
झारखंड के नए मुख्य सचिव को लेकर अटकलें तेज; अफसरशाही में बदलाव के बीच एक्सटेंशन के कयास

रांची, जेएनएन। झारखंड में नए मुख्य सचिव के नाम को लेकर अटकलें तेज हो गई है। महज छह माह पहले इस महत्वपूर्ण पद पर नियुक्त किए गए मुख्य सचिव सुधीर त्रिपाठी इसी माह रिटायर हो रहे हैं। हालांकि यह भी संभावना जताई जा रही है कि सरकार उन्हें एक्सटेंशन दे सकती है।

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पूर्व मुख्य सचिव राजबाला वर्मा की सेवानिवृति के बाद सुधीर त्रिपाठी मुख्य सचिव बनाए गए थे। भारतीय प्रशासनिक सेवा के दो वरीय अधिकाीर डीके तिवारी और सुखदेव सिंह के नाम की चर्चा भी इस महत्वपूर्ण पद के लिए है।

अगर सुधीर त्रिपाठी को एक्सटेंशन नहीं मिला तो इन दोनों अधिकारियों में से एक को मुख्य सचिव बनने का मौका मिल सकता है। फिलहाल मुख्यमंत्री रघुवर दास के चीन दौरे से वापस लौटने के बाद इसपर फैसले की संभावना है।

मुख्य सचिव स्तर के एक अधिकारी केके खंडेलवाल ने स्वैच्छिक सेवानिवृति (वीआरएस) के लिए आवेदन दिया था। राज्य सरकार ने उनका आवेदन स्वीकार कर लिया है। अटकलें केंद्रीय प्रतिनियुक्ति पर तैनात अफसरों के बारे में भी लगाई जा रही है लेकिन इसकी कम संभावना दिखती है।

झारखंड कैडर के जो अधिकारी केंद्रीय प्रतिनियुक्ति पर हैं, वे अहम मंत्रालयों में तैनात हैं। ऐसे में उनके नाम पर ज्यादा चर्चा की गुंजाइश नहीं दिखती।

पुलिस के क्षेत्रीय समन्वय पर मंथन करेंगे चार राज्यों के अधिकारी : झारखंड के पूर्वी क्षेत्रीय समन्वय पर शुक्रवार को पुलिस मुख्यालय के सभागार में चार राज्यों के अधिकारी मंथन करेंगे। इसमें झारखंड के अलावा पश्चिम बंगाल, ओडिशा, छत्तीसगढ़ के अफसरों के अलावा केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल, इंटेलिजेंस ब्यूरो व सशस्त्र सीमा बल के अफसर भी रहेंगे।

बैठक का मुख्य मुद्दा सीमा पर विधि-व्यवस्था को लागू करना है। पश्चिम बंगाल की सीमा पर जहां बांग्लादेशी आतंकी, आतंकी गतिविधियां, जाली नोट, पशु तस्करी मुख्य मुद्दा है, वहीं ओडिशा व छत्तीसगढ़ से सटी सीमा पर नक्सली गतिविधियां प्रमुख है।

गौरतलब है कि पूर्व में भी क्षेत्रीय समन्वय पर बैठक हुई थी, जिसमें सभी राज्यों ने साथ मिलकर सीमा पर अभियान चलाने की सहमति दी थी। इस बैठक में उक्त बैठक के बाद के फलाफल पर भी चर्चा होगी। उक्त समन्वय का कितना लाभ मिला, इसपर भी विचार किया जाएगा।


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