रांची-टाटा फोरलेन : सड़क पर राजनीति, आपाधापी में दो कदम आगे निकली कांग्रेस
झारखंड की राजधानी रांची से औद्योगिक नगरी जमशेदपुर को जोड़ने वाली एनच 33 महत्वपूर्ण सड़क है।
रांची, जेएनएन। राष्ट्रीय उच्च पथ-33 झारखंड की महत्वपूर्ण सड़क है। इसका एक बड़ा अंश राज्य की राजधानी रांची को औद्योगिक शहर जमशेदपुर से जोड़ता है। इस सड़क को चार लेन बनाने की योजना है। निर्माण आधा पूरा हो चुका है लेकिन इसकी गति सुस्त होने का खामियाजा जहां इस व्यस्ततम मार्ग से गुजरने वाले राहगीर उठाते हैं वहीं राजनीतिक दलों को राजनीति का बहाना मिल गया है।
जो दल सत्ता में रहती है वह विपक्ष का निशाना बनती है। कभी इस सड़क को लेकर राज्य के वर्तमान मुख्यमंत्री रघुवर दास भी आंदोलन कर चुके हैं। अब राज्य में उनकी सरकार है तो विपक्षी दल उनपर प्रहार करने का कोई मौका नहीं चूकते।
कांग्रेस इस आपाधापी में दो कदम आगे निकल गई है। हाशिये पर चल रही कांग्रेस की कोशिश शायद इसी बहाने लोगों की नजर में चढ़ने की है। प्रदेश कांग्रेस ने इसी मुहिम के तहत 11 सितंबर को हाइवे पर कई स्थानों पर आंदोलन की रणनीति बनाई है।
इस मुहिम ने सत्ताधारी भाजपा को सजग कर दिया है। कांग्रेस ने हाइवे पर पत्थर लगाकर लोगों को सचेत करने और राज्य सरकार के खिलाफ पोस्टर लगाने की योजना बनाई है। उधर भाजपा ने इस मामले पर कांग्रेस की खिंचाई करते हुए इसे सस्ती लोकप्रियता पाने का हथकंडा बनाया है।
बहरहाल जबतक यह हाइ प्रोफाइल हाइवे पूरी तरह फोरलेन में तब्दील नहीं हो जाता, राजनीतिक आरोप-प्रत्यारोप जारी रहेंगे। यह दीगर है कि जल्द इसके पूरा होने के आसार दिख नहीं रहे हैं। हाई कोर्ट के आदेश पर फिलहाल इस सड़क के निर्माण में हुई वित्तीय अनियमितता की सीबीआइ जांच चल रही है।
सड़क का निर्माण कार्य करा रही ठेका कंपनी पर आरोप है कि उसने इस मद में मिले पैसे को दूसरी योजनाओं में डायवर्ट किया।