राजभवन पहुंचा शिक्षकों को कम अनुदान मिलने का मामला
वित्त रहित स्कूलों व कॉलेजों को अनुदान देने के लिए गवर्नर से गुहार लगाई गई है।
रांची, राज्य ब्यूरो। झारखंड के वित्त रहित स्कूलों व कॉलेजों को पिछले वित्तीय वर्ष के लिए नियमावली के विपरीत कम अनुदान मिलने का मामला राजभवन पहुंचा है। अब गवर्नर द्रौपदी मूर्म इस मामले में पहल करेंगी और सरकार को उचित दिशा-निर्देश देंगी।
गुरुवार को प्रदेश माध्यमिक शिक्षक संघ तथा झारखंड इंटर कॉलेज शिक्षक संघ के संयुक्त प्रतिनिधिमंडल ने राजभवन में राज्यपाल द्रौपदी मुर्मू से मिलकर इस ओर ध्यान आकृष्ट कराया। साथ ही सरकार को आवश्यक निर्देश देने की मांग की।
प्रतिनिधिमंडल ने राज्य में वित्त रहित शिक्षा नीति खत्म करने की भी मांग करते हुए राज्यपाल को ज्ञापन सौंपा। राज्यपाल को बताया कि स्कूली शिक्षा एवं साक्षरता विभाग द्वारा 2017-18 के तहत वित्त रहित स्कूलों एवं कॉलेजों को दी गई अनुदान की राशि संबंधित नियमावलियों के विपरीत बहुत कम है।
यह भी बताया कि इस वित्तीय वर्ष के लिए अनुदान की निर्धारित राशि 85 करोड़ रुपये विभाग की लापरवाही से सरेंडर हो गए थे। अब चालू वित्तीय वर्ष की राशि में से 42 करोड़ रुपये पिछले वित्तीय वर्ष के लिए अनुदान के रूप में दिए गए हैं। दूसरी तरफ, चालू वित्तीय वर्ष पांच माह बीत जाने के बावजूद शिक्षकों एवं कर्मियों को वार्षिक सहायता अनुदान नहीं मिल पाया है।
राज्यपाल ने सारी बातें सुनने के बाद उनकी मांगों पर विभाग के पदाधिकारियों के साथ बैठक करने का आश्वासन दिया। कहा कि उनकी तमाम समस्याओं पर समुचित निर्णय लिया जाएगा। इसपर प्रतिनिधिमंडल ने बैठक में उन्हें भी शामिल करने का प्रस्ताव दिया जो राज्यपाल ने स्वीकार कर लिया।
प्रतिनिधिमंडल में जगरानी कुजूर, संतोष सत्यार्थी, प्रद्युम्न पांडेय, सुनील कुमार सिन्हा, राजाराम सिंह व अजय राम शामिल थे।